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ग्वालियर में 2 ट्रेनों की टक्कर! हड़कंप मचने पर पहुंची रेलवे आपदा प्रबंधन टीम, सेफ्टी ऑफिसर बोलीं- मॉक ड्रिल थी - mockdrill for relief after rail accident

आए दिन रेलवे हादसों को देखते हुए ग्वालियर में मॉक ड्रिल आयोजित किया गया, जहां रेलवे आपदा प्रबंधन टीम ने एक्सीडेंट के बाद होने वाले राहत बचाव कार्य का मॉक ड्रिल किया.

gwalior railway mockdrill
ग्वालियर रेलवे मॉकड्रिल
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 4:25 PM IST

ग्वालियर रेलवे मॉकड्रिल

ग्वालियर। ग्वालियर में शुक्रवार को रेलवे ने मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, इस दौरान दो ट्रेनों के बीच होने वाली दुर्घटना के बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति का एक सिनेरियो क्रिएट किया गया. इस पर रेलवे की गाजियाबाद से आई आपदा प्रबंधन बल की बटालियन के साथ एसडीआरएफ स्थानीय मेडिकल टीम आरपीएफ जीआरपी के साथ अन्य लोगों ने इस मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया. रेलवे का कहना है कि समय-समय पर यह मॉकड्रिल विभिन्न स्टेशनों के आसपास होती रहती है, जिससे उनकी भी प्रैक्टिस हो जाती है. वहीं स्थानीय राहत दलों के साथ उनका संबंध बेहतर हो जाता है, जिससे विपरीत परिस्थितियों में एक दूसरे से मिलकर समन्वय के साथ बेहतरी से काम कर सकते हैं. एनसीआर के तहत इस बार ग्वालियर और मथुरा को मॉक ड्रिल के लिए चयन किया गया है. ग्वालियर के बाद अब मथुरा में यह मॉकड्रिल की जाएगी.

रेलवे एक्सीडेंट के बाद राहत बचाव कार्य के लिए मॉक ड्रिल: ये मॉक ड्रिल रेलवे इलाहबाद की डिप्टी चीफ सेफ्टी ऑफिसर मनीषा गोयल की देखरेख में सम्पन्न हुई. उल्लेखनीय है कि रेलवे आपातकालीन स्थिति में राहत और बचाव कार्यों को लेकर वार्षिक मॉक ड्रिल का आयोजन करता है, इसी कड़ी में शुक्रवार को ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर 4 पर मॉक ड्रिल सम्पन्न हुई. इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आरपीएफ, जीआरपी, जिला पुलिस बल और स्वास्थ्य विभाग आदि की टीमों ने हिस्सा लिया, इस मॉक ड्रिल की अगुवाई रेलवे की डिप्टी चीफ सेफ्टी ऑफिसर मनीषा गोयल हैं. इस दौरान एक ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद राहत और बचाव कार्यों का प्रदर्शन किया गया. इस घटनाक्रम में एक ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतरने के बाद पलट जाते हैं, जिसके बाद रेलवे और जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के संयोजन से जो राहत और बचाव कार्य सम्पन्न होते हैं, उनके सिनेरियो का प्रदर्शन किया गया.

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ग्वालियर के बाद मथुरा और कानपुर में भी मॉक ड्रिल: मॉक ड्रिल के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए रेलवे की डिप्टी चीफ सेफ्टी ऑफिसर मनीषा गोयल ने बताया कि "हर साल बतौर अभ्यास मॉक ड्रिल आयोजित की जाती हैं, ये नियमित होती हैं और उसी कड़ी में ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर मॉक ड्रिल का आयोजन सम्पन्न हुआ है. इस दौरान एक तय सिनेरियो के मुताबिक ट्रेन दुर्घटना के दौरान किए जाने वाले राहत और बचाव कार्यों का प्रदर्शन किया गया है. ग्वालियर के बाद मथुरा और कानपुर में भी मॉक ड्रिल का आयोजन प्रस्तावित है. ऐसी मॉक ड्रिल से आपदा प्रबन्धन के कार्यों की विभाग समीक्षा करता है, साथ ही कर्मचारियों का अभ्यास भी होता है."

ग्वालियर रेलवे मॉकड्रिल

ग्वालियर। ग्वालियर में शुक्रवार को रेलवे ने मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, इस दौरान दो ट्रेनों के बीच होने वाली दुर्घटना के बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति का एक सिनेरियो क्रिएट किया गया. इस पर रेलवे की गाजियाबाद से आई आपदा प्रबंधन बल की बटालियन के साथ एसडीआरएफ स्थानीय मेडिकल टीम आरपीएफ जीआरपी के साथ अन्य लोगों ने इस मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया. रेलवे का कहना है कि समय-समय पर यह मॉकड्रिल विभिन्न स्टेशनों के आसपास होती रहती है, जिससे उनकी भी प्रैक्टिस हो जाती है. वहीं स्थानीय राहत दलों के साथ उनका संबंध बेहतर हो जाता है, जिससे विपरीत परिस्थितियों में एक दूसरे से मिलकर समन्वय के साथ बेहतरी से काम कर सकते हैं. एनसीआर के तहत इस बार ग्वालियर और मथुरा को मॉक ड्रिल के लिए चयन किया गया है. ग्वालियर के बाद अब मथुरा में यह मॉकड्रिल की जाएगी.

रेलवे एक्सीडेंट के बाद राहत बचाव कार्य के लिए मॉक ड्रिल: ये मॉक ड्रिल रेलवे इलाहबाद की डिप्टी चीफ सेफ्टी ऑफिसर मनीषा गोयल की देखरेख में सम्पन्न हुई. उल्लेखनीय है कि रेलवे आपातकालीन स्थिति में राहत और बचाव कार्यों को लेकर वार्षिक मॉक ड्रिल का आयोजन करता है, इसी कड़ी में शुक्रवार को ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर 4 पर मॉक ड्रिल सम्पन्न हुई. इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आरपीएफ, जीआरपी, जिला पुलिस बल और स्वास्थ्य विभाग आदि की टीमों ने हिस्सा लिया, इस मॉक ड्रिल की अगुवाई रेलवे की डिप्टी चीफ सेफ्टी ऑफिसर मनीषा गोयल हैं. इस दौरान एक ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद राहत और बचाव कार्यों का प्रदर्शन किया गया. इस घटनाक्रम में एक ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतरने के बाद पलट जाते हैं, जिसके बाद रेलवे और जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के संयोजन से जो राहत और बचाव कार्य सम्पन्न होते हैं, उनके सिनेरियो का प्रदर्शन किया गया.

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