ग्वालियर। मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी के दौरान अघोषित बिजली कटौती से लोग काफी परेशान हैं. यह हालत मध्यप्रदेश के सभी शहरों के साथ-साथ ऊर्जा मंत्री के गृह नगर ग्वालियर के भी हैं. जिले में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती से लोग काफी परेशान हैं, क्योंकि इस भीषण गर्मी में लगभग 4 से 5 घंटे अघोषित बिजली कटौती हो रही है. इसको लेकर बिजली विभाग का तर्क है कि मेंटेनेंस के चलते यह बिजली कटौती की जा रही है. वहीं, बिजली कटौती को लेकर कांग्रेस ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पर लापरवाही के आरोप लगा रही है.
सिस्टम अंडर ग्राउंड करने पर जोर देना होगा: महाप्रबंधक नितिन मांगलिक भी स्वीकार करते हैं कि मेंटेनेंस के चलते विद्युत कटौती की जा रही है. फॉल्ट रोकने के मामले में 50% तक सफलता भी मिली है. उनका कहना है कि किसी भी ओवरहेड सिस्टम को 100% ठीक नहीं कर सकते. जब तक पूरा सिस्टम अंडर ग्राउंड नहीं होगा तब तक इस तरह की समस्याएं आती रहेंगी.
उर्जा मंत्री प्रद्दुम्न सिंह तोमर पर हमलावर: वहीं, दूसरी ओर चुनावी मौसम में पड़ रही भीषण गर्मी के दौरान सियासी पारा भी गर्म है. विद्युत कटौती को लेकर कांग्रेस प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रद्दुम्न सिंह तोमर पर हमलावर है. कांग्रेस दावा कर रही है कि ऐसी स्थिति में बीजेपी सरकार को प्रदेश में 40 सीटें भी लाना मुश्किल पड़ जाएगा. साथ ही कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा है कि "ऊर्जा मंत्री अपना मंत्रालय छोड़कर नदी नाले में कूदते रहते हैं, लेकिन अपने विभाग का उन्हें ध्यान नहीं."
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बीजेपी ने किया 24 घंटे बिजली देने का काम: वैश्विक नेता केंद्रीय मंत्री सिंधिया के शिष्य होने के बाद भी उनके नेता ने उन्हें कभी शिक्षा नहीं दी कि आज विश्व ही नहीं भारतवर्ष में अंडर ग्राउंड केबलिंग शुरू हो गई है तो फिर मध्यप्रदेश में क्यों नहीं? क्योंकि सरकार के मंत्री जेब भरने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस के तीखे सवालों का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री का कहना है कि "कुछ ना कुछ कमियां हो सकती हैं लेकिन जरा दिग्विजय सरकार को भी याद करो... प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने का काम बीजेपी सरकार ने किया है.
उपकरणों की खरीदी में भ्रष्टाचार!: ग्वालियर शहर में 228 फीडरों के माध्यम से विद्युत सप्लाई 11kv और उसमें 34 और 33kv फीडरों से होती है और जो विद्युत विभाग का मेंटेनेंस शेड्यूल है. हर 3 महीने में एक बार फीडरों का मेंटेनेंस करना जरूरी है. अगर मेंटेनेंस के आंकड़ों को देखें तो 365 दिन विद्युत विभाग को फीडरों पर मेंटेनेंस करना होता है, लेकिन मेंटेनेंस की पोल आंधी और बारिश में खुल जाती है. साथ ही उपकरणों की खरीदी में हुए भ्रष्टाचार की भी पोल आए दिन होने वाले फॉल्ट के कारण खुल ही जाती है.