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कोरोना वॉरियर बना डाक विभाग, देशभर में भेजी मेडिसिन, पीपीई किट सहित जरूरी डाक

कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लॉकडाउन में पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्यकर्मी के अलावा ग्वालियर के डाक विभाग ने भी कोरोना वॉरियर की भूमिका निभाई है. सभी साधन बंद होने के कारण डाक विभाग ने ही जरूरी सामानों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम किया था.

Gwalior postal department played the role of Corona warrior
कोरोना वॉरियर बना डाक विभाग
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Published : Jun 1, 2020, 3:10 AM IST

ग्वालियर। ग्वालियर के डाक विभाग ने लॉकडाउन के दौरान कोरोना वॉरियर के रूप में काम किया है. भले ही डाक विभाग का काम लोगों की नजर में नहीं आया है. लेकिन जब हवाई जहाज से लेकर रेल साधन तक बंद थे तब डाक विभाग ही ऐसा था, जिसने जरूरी सामानों को एक जगह से दूसरी जगह तक अपने संसाधनों से भिजवाया.

कोरोना काल में मेडिसिन और पीपीई किट को लेकर स्वास्थ्य विभाग को डाक विभाग ने ही सबसे ज्यादा मदद की है और किसी भी तरह की शॉर्टेज नहीं आने दी. ग्वालियर में कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन की अवधि में डाक विभाग ने रोजाना 200 से ज्यादा आर्टिकल की रिसीविंग और डिलीवरी दी. इसमें मेडिकल से जुड़े आइटम सबसे ज्यादा थे. जबकि अन्य डाक भी इस दौरान डाक विभाग द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाई गई.

कोरोना वॉरियर बना डाक विभाग

सड़क मार्ग और अपने वाहनों से भेजे जाने से भले ही उसमें समय लगा पर लोगों के महत्वपूर्ण सामान और डाक को पोस्ट विभाग ने ही मदद की. इसके लिए डाक विभाग ने अपने विशेष वाहन चलाए थे जो आज भी संचालित हैं. दिल्ली से चेन्नई, मुंबई, लखनऊ, कानपुर, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद सहित दूसरे दूरदराज शहरों में डाक विभाग ने लोगों के पार्सल भेजे. अकेले ग्वालियर से ही रोजाना 2 सैकड़ा से ज्यादा आर्टिकल का वितरण हुआ.

ग्वालियर। ग्वालियर के डाक विभाग ने लॉकडाउन के दौरान कोरोना वॉरियर के रूप में काम किया है. भले ही डाक विभाग का काम लोगों की नजर में नहीं आया है. लेकिन जब हवाई जहाज से लेकर रेल साधन तक बंद थे तब डाक विभाग ही ऐसा था, जिसने जरूरी सामानों को एक जगह से दूसरी जगह तक अपने संसाधनों से भिजवाया.

कोरोना काल में मेडिसिन और पीपीई किट को लेकर स्वास्थ्य विभाग को डाक विभाग ने ही सबसे ज्यादा मदद की है और किसी भी तरह की शॉर्टेज नहीं आने दी. ग्वालियर में कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन की अवधि में डाक विभाग ने रोजाना 200 से ज्यादा आर्टिकल की रिसीविंग और डिलीवरी दी. इसमें मेडिकल से जुड़े आइटम सबसे ज्यादा थे. जबकि अन्य डाक भी इस दौरान डाक विभाग द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाई गई.

कोरोना वॉरियर बना डाक विभाग

सड़क मार्ग और अपने वाहनों से भेजे जाने से भले ही उसमें समय लगा पर लोगों के महत्वपूर्ण सामान और डाक को पोस्ट विभाग ने ही मदद की. इसके लिए डाक विभाग ने अपने विशेष वाहन चलाए थे जो आज भी संचालित हैं. दिल्ली से चेन्नई, मुंबई, लखनऊ, कानपुर, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद सहित दूसरे दूरदराज शहरों में डाक विभाग ने लोगों के पार्सल भेजे. अकेले ग्वालियर से ही रोजाना 2 सैकड़ा से ज्यादा आर्टिकल का वितरण हुआ.

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