ग्वालियर। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें प्रदेश के पुलिस मुखिया को 10 लाख रुपए मुआवजे के रूप में याचिकाकर्ता को देने के आदेश किए गए थे. पुलिस की ओर से बहु प्रचारित खतरनाक ड्रग एमडीएमए के मामले में पिछले साल 6 सितंबर को 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक मोहित तिवारी ने जमानत याचिका दायर की थी.
10 लाख रुपए का हर्जाना: पिछले दिनों मोहित तिवारी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 28 अप्रैल को उसे जमानत के लाभ से राहत दी थी. जमानत देते हुए कोर्ट ने कथित एमडीएमए ड्रग यूरिया निकलने पर पुलिस को फटकार लगाते हुए आरोपी को मुआवजे के रूप में दस लाख रुपए देने के लिए निर्देश दिए थे. इसके बाद तीन अन्य आरोपियों को भी इसी आधार पर हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी. जिसके खिलाफ सरकार ने डिवीजन बेंच में हाई कोर्ट में अपील दायर की थी.
कोर्ट से ग्वालियर पुलिस को मिली राहत: अपील पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी. जिससे पुलिस को बड़ी राहत मिली है. पहले ही पुलिस की ड्रग की जगह यूरिया निकलने पर खासी फजीहत हुई थी. इस मामले में एक महिला सहित कुल 7 आरोपी मुरार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए थे. जिनमें चार जमानत पर बाहर हैं. 28 अप्रैल को मोहित तिवारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न सिर्फ पुलिस को इस मामले में कोर्ट ने फटकार लगाई थी, बल्कि ड्रग के यूरिया निकलने पर लाखों की मुआवजा राशि पुलिस के तमाम विवेचना कर्मियों से वसूलने के निर्देश डीजीपी को दिए थे.