ग्वालियर। जिले भर में होने वाली चालानी कार्रवाई से हर साल पुलिस करोड़पति बन जाती है. मतलब हर साल होने वाली दोपहिया और चार पहिया वाहनों पर चालानी कार्रवाई से करोड़ों रुपए का राजस्व मिलता है. पुलिस का करोड़ों का आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है. साल 2020 में भले ही कोरोना संक्रमण के चलते सड़कों पर वाहन न दौड़े हों, लेकिन फिर भी पुलिस ने करोड़ों का आंकड़ा पार कर दिया है.
ग्वालियर पुलिस ने साल 2020 में 35 हजार 458 चालान काटे, जिसमें लगभग एक करोड़ 35 लाख 33 हजार 400 रुपए की कमाई हुई. वहीं दूसरी तरफ लोगों के लिए साल 2020 सबसे बुरी साबित हुई.
दुपहिया और चार पहिया वाहनों से मिलता हैं सबसे अधिक राजस्व
ट्रैफिक विभाग साल भर में सबसे ज्यादा दोपहिया और चार पहिया वाहनों पर चालानी कार्रवाई करता है. यही वजह है कि सबसे ज्यादा राजस्व इनसे ही मिलता है. शहर में हर चौराहे पर दोपहिया वाहनों पर चालानी कार्रवाई की जाती है. वहीं बॉर्डर एरिया पर चार पहिया वाहन सहित सड़कों पर खड़े वाहनों पर चालानी कार्रवाई की जाती है, जिससे अधिक राजस्व मिलता है.
ग्वालियर पुलिस हर साल चालानी कार्रवाई से लगभग 2 करोड़ से लेकर तीन करोड़ रुपए तक राजस्व वसूलती हैं. 3 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो वे कुछ इस प्रकार है.
वर्ष 2018
चालान- 78868
राजस्व- 3 करोड़ 11 लाख 67 हजार 564 रुपये
वर्ष 2019
चालान- 65147
राजस्व- 2 करोड़ 71 लाख 65 हजार 570 रुपये
वर्ष 2020
चालान- 35458
राजस्व- 1 करोड़ 35 लाख 33 हजार 400 रुपये
ई-चालान से भी मिलता हैं लाखों रुपए का राजस्व
पिछले साल ई-चालान शुरू हो गया था. ई-चालान के जरिए लाखों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है. शहर में चार मुख्य चौराहे ऐसे हैं, जहां पर कोई भी वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके घर पर ई-चालान पहुंचाया जाता है. इसी के माध्यम से चालानी राशि भरी जाती है.
कोरोना के दौरान भी रेड क्रॉस के जरिए 40 हजार रुपये की वसूली
साल 2020 में कोरोना संक्रमण के दौरान रेड क्रॉस के जरिए 40 हजार रुपये की वसूली की गई, जिसमें लगभग 50 लाख रुपये का राजस्व मिला.
चालान के बाद भी सड़क हादसों में नहीं आ रही कमी
भले ही ग्वालियर पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए चालानी कार्रवाई करती हों, लेकिन इसके बावजूद सड़क हादसे में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है. हर साल बड़ी संख्या में लोग हादसों का शिकार हो रहे है. ट्रैफिक व्यवस्था भी पूरी तरह से बदहाल है. वहीं कई चौराहे ऐसे हैं, जहां घंटों भर जाम लगा रहता है.