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पुलिस ने जाल बिछाकर 'चालबाज' को दबोचा: BITCOIN के नाम पर लोगों से ठगे थे करोड़ों, 3 साल में डबल करने का देते थे झांसा - bitcoin क्या है

शहर के थाटीपुर थाना क्षेत्र के में बिटकॉइन के जरिए(BITCOIN) ठगी को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पांच अन्य की तलाश जारी है.पुलिस ने इन्हे पकड़ने के लिए ग्राहक बनने का नाटक किया और जैसे ही आरोपी पेमेंट लेने आए इन्हें गिरफ्तार कर लिया.आरोपी लोगों को अपने जाल में फंसा कर बिटकॉइन के जरिए रकम डबल करने का लालच देते थे.उ

BITCOIN
बिटकॉइन
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Published : Aug 4, 2021, 10:07 AM IST

Updated : Aug 4, 2021, 10:15 AM IST

ग्वालियर(Gwalior)। शहर के थाटीपुर थाना क्षेत्र के में बिटकॉइन के जरिए ठगी करने का मामला सामने आया है.जहां बिटकॉइन में पैसा लगाकर 3 साल में डबल करने का झांसा देकर करोड़ों ठगने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों को फंसाने के लिए पुलिस ने ग्राहक बनकर बातचीत की और जैसे ही आरोपी आए उन्हें दबोच लिया.पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. वहीं इस मामले में पांच अन्य आरोपी अभी फरार है.


बिटकॉइन से ठगी को अंजाम देते थे जालसाज

दरअसल थाटीपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले करीब डेढ़ दर्जन लोगों ने शिकायत की थी कि डबरा निवासी अनिल मोर्य, चंद्रभान जाटव, प्रमोद वर्मा, सतीश सैनी, आदर्श नरवरिया और दो अन्य लोग ने उनसे 3 साल में रुपए डबल करने का झांसा देकर ठगी की है. पुलिस ने इन सभी की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कर लिया था. जब पड़ताल की तो पता चला कि ठगों ने कई लोगों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. इसका पता चलते ही पुलिस आरोपियों की तलाश में लग गई.

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पुलिस ने ग्राहक बन बिछाया जाल

पुलिस ने एक टीम बनाकर आरोपियों के मोबाइल नंबर पर बातचीत कर बिटकॉइन में रुपए जमा कराने की बात कही. जिस पर आरोपी अनिल और चंद्रभान पेमेंट लेने के लिए आए तो पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. वहीं पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. आरोपियों को फंसाने के लिए पुलिस ने ग्राहक बनकर बातचीत की और जैसे ही आरोपी आए उन्हें दबोच लिया. पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. वहीं इस मामले में पांच अन्य आरोपी अभी फरार है.

क्या होता है बिटकॉइन

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इसकी शुरूआत 2009 में वर्चुअल फॉर्म में हुई थी. यह रुपए या डॉलर की तरह ​प्रिंटेड नहीं होता है. ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए करंसी के ट्रांजैक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है. क्रिप्टोकरंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है.आज के दौर में इस डिजिटल करंसी के जरिए कई देशों में लेन देन शुरु हुआ है, जहां खाने पीने की चीजों से लेकर कई प्रोडक्ट की शॉपिंग की जा सकती है. अब कई कंपनियां बिटक्वॉइन में लेन देन को मंजूरी दे चुकी हैं. इसी को देखते हुए अब बिटक्वॉइन के अलावा भी कई क्रिप्टोकरंसी इस्तेमाल हो रही हैं.

क्यो होती है बिटकॉइन से ठगी

एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के स्कैम हैकर्स के लिए बिटक्वॉइन ठगी करने का जरिया है.क्योंकि इसमें एक बार बिक्टिम पैसे भेज देता है तो इसमें रिकवरी नहीं होती. इसके पीछे बिटक्वॉइन का डिजाइन ही प्रमुख कारण है. असल में बिटक्वॉइन का कोई इंस्टीट्यूशन नहीं है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन का कोई ब्योरा नहीं होता. हैकर्स नाम, पता या अपनी निजी जानकारी दिए बिना कई बिटकॉइन एड्रेस का इस्तेमाल कर सकते हैं.

ग्वालियर(Gwalior)। शहर के थाटीपुर थाना क्षेत्र के में बिटकॉइन के जरिए ठगी करने का मामला सामने आया है.जहां बिटकॉइन में पैसा लगाकर 3 साल में डबल करने का झांसा देकर करोड़ों ठगने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों को फंसाने के लिए पुलिस ने ग्राहक बनकर बातचीत की और जैसे ही आरोपी आए उन्हें दबोच लिया.पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. वहीं इस मामले में पांच अन्य आरोपी अभी फरार है.


बिटकॉइन से ठगी को अंजाम देते थे जालसाज

दरअसल थाटीपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले करीब डेढ़ दर्जन लोगों ने शिकायत की थी कि डबरा निवासी अनिल मोर्य, चंद्रभान जाटव, प्रमोद वर्मा, सतीश सैनी, आदर्श नरवरिया और दो अन्य लोग ने उनसे 3 साल में रुपए डबल करने का झांसा देकर ठगी की है. पुलिस ने इन सभी की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कर लिया था. जब पड़ताल की तो पता चला कि ठगों ने कई लोगों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. इसका पता चलते ही पुलिस आरोपियों की तलाश में लग गई.

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पुलिस ने ग्राहक बन बिछाया जाल

पुलिस ने एक टीम बनाकर आरोपियों के मोबाइल नंबर पर बातचीत कर बिटकॉइन में रुपए जमा कराने की बात कही. जिस पर आरोपी अनिल और चंद्रभान पेमेंट लेने के लिए आए तो पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. वहीं पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. आरोपियों को फंसाने के लिए पुलिस ने ग्राहक बनकर बातचीत की और जैसे ही आरोपी आए उन्हें दबोच लिया. पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. वहीं इस मामले में पांच अन्य आरोपी अभी फरार है.

क्या होता है बिटकॉइन

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इसकी शुरूआत 2009 में वर्चुअल फॉर्म में हुई थी. यह रुपए या डॉलर की तरह ​प्रिंटेड नहीं होता है. ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए करंसी के ट्रांजैक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है. क्रिप्टोकरंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है.आज के दौर में इस डिजिटल करंसी के जरिए कई देशों में लेन देन शुरु हुआ है, जहां खाने पीने की चीजों से लेकर कई प्रोडक्ट की शॉपिंग की जा सकती है. अब कई कंपनियां बिटक्वॉइन में लेन देन को मंजूरी दे चुकी हैं. इसी को देखते हुए अब बिटक्वॉइन के अलावा भी कई क्रिप्टोकरंसी इस्तेमाल हो रही हैं.

क्यो होती है बिटकॉइन से ठगी

एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के स्कैम हैकर्स के लिए बिटक्वॉइन ठगी करने का जरिया है.क्योंकि इसमें एक बार बिक्टिम पैसे भेज देता है तो इसमें रिकवरी नहीं होती. इसके पीछे बिटक्वॉइन का डिजाइन ही प्रमुख कारण है. असल में बिटक्वॉइन का कोई इंस्टीट्यूशन नहीं है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन का कोई ब्योरा नहीं होता. हैकर्स नाम, पता या अपनी निजी जानकारी दिए बिना कई बिटकॉइन एड्रेस का इस्तेमाल कर सकते हैं.

Last Updated : Aug 4, 2021, 10:15 AM IST
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