ग्वालियर। किशोरों के हाथ में एंड्रॉयड फोन का गलत इस्तेमाल कब उनकी जान का दुश्मन बन जाए, कहा नहीं जा सकता. एक ऐसा ही मामला शहर के कंपू इलाके में सामने आया है. 14 साल की लड़की की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने एक साल बाद उसकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों तक पहुंच सकी. पुलिस ने इस मामले में दो नाबालिग और एक बालिग को गिरफ्तार किया है. नाबालिग लड़कों को जूविनाइल जस्टिस कोर्ट में पेश करने के बाद बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है. जबकि बालिग अपराधी मनीष बाथम को जेल भेजा गया है.
सुसाइड नोट मिला था : दरअसल, पिछले साल 7 जुलाई को 14 साल की कक्षा 8वीं की छात्रा ने संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस को मौके पर एक सुसाइड नोट मिला था. जिसमें सिर्फ इतना ही लिखा था कि एक मैसेज ने मेरी जिंदगी बदल दी. यानी नाबालिग लड़की के साथ कुछ ऐसा हुआ था, जिससे वह बेहद परेशान हो गई थी. पुलिस ने मर्ग कायम किया था और जांच शुरू कर दी थी. सुसाइड नोट से कुछ भी साफ नहीं हो रहा था. तब पुलिस को यह मानना पड़ा कि लड़की के मोबाइल की डिटेल से ही मामला सुलझ सकता है. यह मामला पूरी तरह से साइंटिफिक एविडेंस पर टिका हुआ था. इसलिए पुलिस ने लड़की के फेसबुक और इंस्टाग्राम से संबंधित रिकॉर्ड तलब किए.
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नाबालिग से पासवर्ड ले लिया था : जांच में पुलिस को पता चला कि पूर्व मकान मालिक का लड़का और उसके दो दोस्तों ने लड़की के फेसबुक और इंस्टाग्राम आईडी को पासवर्ड हासिल करने के बाद हैक कर लिया था. उसकी प्रोफाइल से भी छेडछा़ड की गई थी. कुछ फोटो और सामग्री भी लड़की के फेसबुक और इंस्टाग्राम आईडी से आदान-प्रदान की गई. अपनी संभावित बदनामी के डर से लड़की इतनी परेशान हो गई कि उसने आत्महत्या कर ली. पुलिस का कहना है कि तीनों ही लड़के उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे. जिसके कारण बहुत तनाव में रहती थी. एडिशनल एसपी गजेंद्र सिंह वर्द्धमान का इस मामले में कहना है कि तीनों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 305 354 दलित उत्पीड़न और पास्को एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.