ग्वालियर। आखिरकार पांच दिनों की मशक्कत के बाद ग्रामीणों को अब कुछ राहत मिली है. इनके घर सरपंच विक्रम रावत की हत्या के बाद उनके समर्थकों और रिश्तेदारों ने फूंक दिए थे. इन लोगों के खिलाफ पुलिस ने चार अलग-अलग लोगों हरि सिंह धनपाल सिंह, संजय और उषा बाई की फरियाद पर शिकायत दर्ज की है. कुल मिलाकर 67 लोगों के खिलाफ आरोन पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. इनके खिलाफ आगजनी लूटपाट तोड़फोड़ बलवा और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
आरोपी पिछले पांच दिनों से अपना घर बार छोड़कर इधर-उधर भटक रहे थे. पुलिस थाने के चक्कर लगा रहे थे. इन ग्रामीणों का कहना था कि वह दहशत के साए में जीने को मजबूर है. गांव में उनका घुसना दूभर हो गया है. हमलावर उन्हें जान से मारने की लगातार धमकियां दे रहे हैं.
शुक्रवार को करीब एक सैंकड़ा पीड़ित महिला पुरुषों ने आरोन थाने का घेराव किया था और हाथ में कीटनाशक दवाई भी ले रखी थी. उनका कहना था कि यदि पुलिस ने उन्हें सुरक्षित वातावरण नहीं दिया, तो वह परिवार सहित कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर लेंगे. उनका इस हत्याकांड से दूर-दूर तक लेना देना नहीं है. बावजूद इसके कुछ लोगों ने उनके घरों में लूटपाट की है. तोड़फोड़ की है और उनका घर में जाना मुश्किल हो गया है. खाने पीने की भी कोई उनकी व्यवस्था नहीं है.
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हर पल वो दहशत के साए में वे जीने को मजबूर हैं. देर रात पुलिस अफसरों ने विचार मंथन के बाद आखिरकार कर अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है. इसमें करीब पांच दर्जन से ज्यादा आरोपी बनाए गए हैं. इन आरोपियों में महिला और पुरुष भी बड़ी संख्या में शामिल है. गौरतलब है कि 9 अक्टूबर को ग्वालियर के पड़ाव थाना क्षेत्र में कांति नगर में अपने वकील प्रशांत शर्मा से मिलने आए. बन्हेरी गांव के सरपंच विक्रम रावत की आधा दर्जन बदमाश होने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. इसके प्रति उत्तर में गांव में सरपंच के समर्थकों एवं रिश्तेदारों ने तांडव मचाया था और वहां दो दर्जन से ज्यादा घरों को आपके हवाले कर दिया था.