ग्वालियर। जिला एवं सत्र न्यायालय ग्वालियर की विशेष सीबीआई कोर्ट में आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने प्री पीजी मामले में डॉ. दीपक यादव के खिलाफ अपने बयान दर्ज कराए हैं जिसमें उसने न्यायालय को बताया है कि 2006 में प्री पीजी परीक्षा में डॉ. दीपक यादव ने जो परीक्षा दी थी उसमें उसके आवेदन पर किसी और का फोटो चस्पा था इसके अलावा उसने साधारण तरीके से अपने हस्ताक्षर किए थे. जिसे आसानी से कॉपी किया जा सके. गवाही देने आने के लिए आरटीआई एक्टिविस्ट लगातार सीबीआई से बहाने मार रहा था.
कई बार नोटिस के हुआ तलब: आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि उसे यह तथ्य किसी व्यक्ति द्वारा बताए गए थे. इसी के आधार पर उसने तत्कालीन एडिशनल एसपी वीरेंद्र जैन के यहां इसकी शिकायत की थी और इसी आधार पर कोर्ट को भी अपने बयान दिए थे. खास बात यह है कि पूर्व में सीबीआई ने कई बार आशीष को नोटिस भेजकर उसे गवाही देने के लिए तलब किया था लेकिन वह हर बार कोर्ट आने से बच रहा था वह कभी अपनी सुरक्षा का हवाला देता था तो कभी कोई और वजह से न्यायालय में उपस्थित नहीं होता था.
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खत्म हो गया था गवाही का अधिकार: जब गवाह ने शनिवार को न्यायालय पहुंचकर अपना बयान देने की बात कही, तब सीबीआई ने धारा 311 सीआरपीसी के तहत उसके बयान को लेखबंद कराने की अपील न्यायालय से की. न्यायालय ने सीबीआई की अपील को स्वीकार करते हुए आशीष चतुर्वेदी के बयान दर्ज किए हैं. इससे पहले न्यायालय ने आशीष चतुर्वेदी की कार्यप्रणाली से व्यथित होकर उसके गवाही के अधिकार को ही खत्म कर दिया था. अब यह न्यायालय पर निर्भर है कि वह सोमवार को इस मामले में Cross Examination की अनुमति देता है अथवा आरोपी डॉक्टर दीपक यादव को बयान के लिए दोबारा तलब करता है.