ग्वालियर। डाक विभाग पिछले 2 सालों से उन लोगों को गंगाजल मुहैया करा रहा है, जो सनातन धर्म को मानते हैं. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कहीं आने-जाने में असमर्थ हैं. ऐसे लोग अपने घरों में श्रद्धा और आस्था के गंगाजल को घर में रखना सुख और शांति का प्रतीक मानते हैं. ऐसे लोगों के लिए करीब 2 साल पहले डाक विभाग ने गंगोत्री के गंगाजल की पैक्ड बोतल लोगों को मुहैया कराना शुरू किया था. डाक विभाग ने बकायदा इसके लिए गंगोत्री में अपना एक बड़ा संयंत्र भी स्थापित कराया है, जहां गंगाजल को छोटी और बड़ी बोतल में पैक किया जाता है. अब बड़ी संख्या में इसकी बिक्री हो रही है.
श्रावण मास के अलावा पूरे साल इस गंगाजल की बिक्री डाक विभाग से जारी रहती है. खासकर शिवालयों में हर सोमवार को डाक विभाग अपना एक स्टॉल भी लगाता है. जहां लोगों को यह गंगाजल उपलब्ध कराया जाता है. डाक विभाग का कहना है कि बाकी सालों की अपेक्षा इस बार गंगाजल की रिकॉर्ड बिक्री हो रही है. डेढ़ साल से चल रहे लॉकडाउन के कारण लोग अब धार्मिक यात्राओं पर भी नहीं जा रहे हैं, इसलिए सनातन धर्म में लोग गंगाजल को डाक विभाग के जरिए खरीदना ही पसंद कर रहे हैं. इसका उपयोग घर में पूजा-पाठ से लेकर शुद्धीकरण तक किया जाता है.
डाक विभाग अपने मुख्य कार्यालय महाराज बाड़े से रोजाना सैकड़ों बोतल की बिक्री कर रहा है. वहीं मंदिरों के जरिए भी बिक्री की जा रही है. यह बिक्री का आंकड़ा लगभग 200 बोतल रोजाना हो जाता है. छोटी और बड़ी बोतल के पैक डाक विभाग ने श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराए हैं, इनमें छोटी बोतल 30 रुपए और बड़ी बोतल 60 रुपए में दी जा रही है. डाक विभाग का कहना है कि यह गंगाजल एकदम सोने जैसा खरा है, यह उसके खुद के प्लांट से निकला हुआ है, इसलिए किसी तरह की शुद्धता पर सवाल खड़े करना फिजूल की बात है.