ग्वालियर। प्राइवेट कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर जीवाजी विश्वविद्यालय सवालों के घेरे में आ गया है. विश्वविद्यालय ने ट्रायंगल सिस्टम से निजी कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाने के नियम को ही खत्म कर दिया, जिसको लेकर कार्यपरिषद सदस्यों ने अपना विरोध जताया है. वहीं एनएसयूआई छात्रों ने भी इसको लेकर प्रदर्शन कर आरोप लगाया है कि नकल कराने में बदनाम कॉलेजों को विश्वविद्यालय ने पैसा लेकर केंद्र बनाया है. इससे साफ जाहिर होता है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन भ्रष्टाचार में लिप्त है. बता दें कि 5 अप्रैल से जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं और 2 अप्रैल को परीक्षा केंद्रों की सूची जारी किया है.
कार्यपरिषद सदस्यों ने कुलपति और रजिस्ट्रार को लिखा पत्रः वहीं परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त करते हुए कार्यपरिषद सदस्यों ने एक पत्र कुलपति और रजिस्ट्रार को लिखा है. पत्र में लिखा गया है कि जिस तरह से प्राइवेट कॉलेजों को एक-दूसरे का परीक्षा केंद्र बना दिया गया है. उससे प्रतीत होता है कि परीक्षा केंद्रों पर नकल कराई जाएगी. इससे नकल की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा, जबकि 23 मार्च को हुई बैठक में कार्यपरिषद सदस्यों ने निजी कॉलेजों को केंद्र बनाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी.
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परीक्षा केंद्रों पर फ्लाइंग स्क्वाड तैनातः इस मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि नकल नहीं होने दी जाएगी. परीक्षा केंद्रों पर फ्लाइंग स्क्वाड तैनात किया गया है, जिस परीक्षा केंद्र पर नकल की स्थिति मिलती है तो उसे तुरंत बदल दिया जाएगा. वहीं कार्य परिषद सदस्य विवेक भदौरिया का कहना है कि इस मामले में कुलपति से हमें आश्वासन मिला है कि 5 अप्रैल की परीक्षा चिन्हित परीक्षा केंद्रों पर ही होगी, लेकिन 8 अप्रैल से होने वाली परीक्षाओं के केंद्र बदल दिए जाएंगे.