ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में मंगलवार दोपहर बाद उस समय हड़कंप मच गया जब एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने पूरे कार्यालयों के बाहर भ्रष्ट कुलपति और भ्रष्टाचार से संबंधित नारे लिख दिए. कुलपति चेंबर के बाहर गलियारों में काले रंग के स्प्रे से एनएसयूआई के नेताओं ने भ्रष्ट कुलपति, भ्रष्ट परीक्षा नियंत्रक, भ्रष्ट कुलसचिव और भ्रष्ट कुलाधिपति सचिव के नारे लिखे.
जीवाजी प्रबंधक के खिलाफ प्रदर्शन: एनएसयूआई के छात्र नेता वंश माहेश्वरी के नेतृत्व में आधा दर्जन से ज्यादा छात्रों ने विश्वविद्यालय के गलियारों में कुलपति को भ्रष्ट बताते हुए संबंधित पोस्टर लगाए. इस दौरान उनका सुरक्षाकर्मियों से वाद विवाद भी हुआ. झूमाझटकी के बीच कुछ पोस्टर सुरक्षाकर्मियों द्वारा फाड़ भी दिए गए. खास बात यह है कि जिस समय यह पूरा घटनाक्रम चल रहा था उस समय कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी कुलसचिव आरके बघेल परीक्षा नियंत्रक एके शर्मा और कुलपति के सचिव डीएन गोस्वामी अपने कार्यालयों में भीतर बैठे हुए थे, लेकिन किसी ने भी बाहर आकर इन छात्रों से बात नहीं की. न ही उन्हें यह कृत्य करने से रोका.
विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का गढ़: एनएसयूआई के छात्र नेता वंश माहेश्वरी का कहना है कि "प्रोफेसर अविनाश तिवारी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है. यहां हर छोटे से बड़ा काम बिना भ्रष्टाचार के नहीं होता है. हाल ही में 400 महाविद्यालयों को नियम विरुद्ध तरीके से विश्वविद्यालय की संबद्धता प्रदान की गई है. जबकि यूजीसी के परिनियम के मुताबिक यह कॉलेज न्यूनतम अहर्ताएं भी पूरी नहीं करते हैं. बावजूद इसके भ्रष्ट आचरण के चलते इन कालेजों को जीवाजी विश्वविद्यालय मान्यता प्रदान की है. कई बार ज्ञापन देने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन कोई प्रभावी कदम भ्रष्टाचार रोकने के लिए नहीं उठा रहा है. जिसके कारण एनएसयूआई को या कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.