ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने आरोपी पर दर्ज NDPS का मामला किया निरस्त, DGP को दिया 10 लाख मुआवजा देने का आदेश, जानें पूरा मामला - Madhya Pradesh News

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक युवक के खिलाफ एनडीपीएस के एक झूठे मामले को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने डीजीपी से पीड़ित को 10 लाख रुपये देने और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

gwalior news
हाईकोर्ट ने आरोपी पर दर्ज एनडीपीएस का मामला किया निरस्त
author img

By

Published : Apr 28, 2023, 11:10 PM IST

हाईकोर्ट ने आरोपी पर दर्ज एनडीपीएस का मामला किया निरस्त

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शुक्रवार को पुलिस की ओर से एक युवक के खिलाफ एनडीपीएस के एक झूठे मामले में जेल भेजने के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए डीजीपी से पीड़ित को 10 लाख रुपये देने और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. पुलिस ने इस मामले में आरोपी से खतरनाक नशीला ड्रग एमडीएमए जब्त करने का दावा किया था जबकि एफएसएल की जांच में पाया गया कि वह तो यूरिया है.

6 सितंबर 2022 का है मामलाः जानकारी के अनुसार पुलिस ने 6 सितंबर 2022 को एक आरोपी को पकड़ा था और दावा किया था कि उसके कब्जे से 760 ग्राम एमडीएम पकड़ी गई है. एमडीएम अभी सबसे मंहगा ड्रग प्रोडक्ट है और इसका उपयोग सेलिब्रिटी द्वारा पूल पार्टियों में किया जाता है. दावा किया गया था कि ग्वालियर के रेस्टोरेंट्स और फार्म हाउस पर होने वाली पूल पार्टियों में खपाने के लिए यह लाया गया था. पुलिस की यह कार्रवाई मीडिया में भी खूब सुर्खियों में आई थी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी रोहित तिवारी के खिलाफ के एनडीपीएस एक्ट की धारा के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था और आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में की थी याचिका दायर: आरोपी ने अपने वकील के माध्यम से इस मामले में आर्टिकल 439 के तहत हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की और उसमे जब्त किए गए पदार्थ की एफएसएल रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने का निवेदन किया. हाईकोर्ट ने उस निवेदन को स्वीकार कर रिपोर्ट मंगवाई. रिपोर्ट में पाया गया कि रोहित तिवारी से जब्त किया गया पदार्थ एमडीएमए ड्रग नही बल्कि वह तो यूरिया है.

क्राइम से जुड़ी खबरें...

आरोपी पर दर्ज एनडीपीएस का मामला किया निरस्तः आरोपी रोहित तिवारी के वकील सुनील गोश्वामी ने बताया कि हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट में पाया कि जब्त किए गए पदार्थ यूरिया से आरोपी पर एनडीपीएस का मामला नहीं बनता. इसलिए यह एफआईआर गलत है जिसे निरस्त किया जाए. साथ ही कोर्ट ने माना कि रोहित तिवारी को 9 माह तक कस्टडी में रखकर उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन किया गया, जिसके लिए डीजीपी उन्हें कंपनसेशन के रूप में 10 लाख रुपये दें. साथ ही इस मामले से जुड़े और जांच अधिकारियों के लिए निर्देश दिए है कि इस तरह के फाल्स भविष्य में दर्ज न हो इसके लिए यह सुनिश्चित करें और दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाए.

हाईकोर्ट ने आरोपी पर दर्ज एनडीपीएस का मामला किया निरस्त

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शुक्रवार को पुलिस की ओर से एक युवक के खिलाफ एनडीपीएस के एक झूठे मामले में जेल भेजने के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए डीजीपी से पीड़ित को 10 लाख रुपये देने और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. पुलिस ने इस मामले में आरोपी से खतरनाक नशीला ड्रग एमडीएमए जब्त करने का दावा किया था जबकि एफएसएल की जांच में पाया गया कि वह तो यूरिया है.

6 सितंबर 2022 का है मामलाः जानकारी के अनुसार पुलिस ने 6 सितंबर 2022 को एक आरोपी को पकड़ा था और दावा किया था कि उसके कब्जे से 760 ग्राम एमडीएम पकड़ी गई है. एमडीएम अभी सबसे मंहगा ड्रग प्रोडक्ट है और इसका उपयोग सेलिब्रिटी द्वारा पूल पार्टियों में किया जाता है. दावा किया गया था कि ग्वालियर के रेस्टोरेंट्स और फार्म हाउस पर होने वाली पूल पार्टियों में खपाने के लिए यह लाया गया था. पुलिस की यह कार्रवाई मीडिया में भी खूब सुर्खियों में आई थी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी रोहित तिवारी के खिलाफ के एनडीपीएस एक्ट की धारा के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था और आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में की थी याचिका दायर: आरोपी ने अपने वकील के माध्यम से इस मामले में आर्टिकल 439 के तहत हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की और उसमे जब्त किए गए पदार्थ की एफएसएल रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने का निवेदन किया. हाईकोर्ट ने उस निवेदन को स्वीकार कर रिपोर्ट मंगवाई. रिपोर्ट में पाया गया कि रोहित तिवारी से जब्त किया गया पदार्थ एमडीएमए ड्रग नही बल्कि वह तो यूरिया है.

क्राइम से जुड़ी खबरें...

आरोपी पर दर्ज एनडीपीएस का मामला किया निरस्तः आरोपी रोहित तिवारी के वकील सुनील गोश्वामी ने बताया कि हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट में पाया कि जब्त किए गए पदार्थ यूरिया से आरोपी पर एनडीपीएस का मामला नहीं बनता. इसलिए यह एफआईआर गलत है जिसे निरस्त किया जाए. साथ ही कोर्ट ने माना कि रोहित तिवारी को 9 माह तक कस्टडी में रखकर उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन किया गया, जिसके लिए डीजीपी उन्हें कंपनसेशन के रूप में 10 लाख रुपये दें. साथ ही इस मामले से जुड़े और जांच अधिकारियों के लिए निर्देश दिए है कि इस तरह के फाल्स भविष्य में दर्ज न हो इसके लिए यह सुनिश्चित करें और दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.