ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में डुप्लीकेट मार्कशीट कांड मामला अभी थमा नहीं था कि सीएम हेल्पलाइन में जीवाजी यूनिवर्सिटी के खिलाफ शिकायतों का नया रिकॉर्ड सामने आया है, जिसमें शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और आंकड़ा 400 से अधिक पहुंच गया है. यहां आंकड़ा चौंकाने वाला है क्योंकि सीएम हेल्पलाइन में मध्यप्रदेश की किसी भी यूनिवर्सिटी के खिलाफ इतनी शिकायतें दर्ज नहीं हुई हैं. बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही अनियमितताओं और घोटालों की शिकायतों में लगभग 3 गुना वृद्धि हुई है. जहां एक समय पर डेढ़ सौ से 200 शिकायतें दर्ज होती थी, हाल ही में 15 दिनों में शिकायतों का आंकड़ा 400 को पार कर गया है.
समस्या का निवारण नहीं: छात्र संगठन आंदोलन पर उतर आए लेकिन यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इस समस्या से निपटने के लिए कई दावे कर चुका है. कई बैठकों में योजनाएं और रणनीति भी बनाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है. जीवाजी विश्वविद्यालय में सबसे अधिक शिकायतें छात्रों की है जो दूर-दूर से जीवाजी विश्वविद्यालय अपनी शिकायतों को लेकर पहुंचते हैं, लेकिन बावजूद इसके उनकी समस्याएं और शिकायतों को सुनने वाला वहां कोई भी अधिकारी नहीं है. यही कारण है कि कई बार जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन पर पैसे के लेनदेन को लेकर भी आरोप लगते रहे हैं.
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छात्रों की शिकायतें परीक्षा और गोपनीय शाखा से जुड़ी: बहरहाल दर्ज हुई सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों पर गौर करें तो अधिकतर शिकायतें परीक्षा और गोपनीय शाखा से जुड़ी हुई हैं, इसमें छात्रों की मार्कशीट में करेक्शन, नई मार्कशीट बनने जैसी समस्याएं सामने आई है. वहीं अंचल के कॉलेजों को संबद्धता देने का मामला भी तूल पकड़ा हुआ है? लेकिन बीते दिनों यूनिवर्सिटी में हुई अधिकारी कर्मचारियों और प्रोफेसरों की हड़ताल के चलते जब छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो छात्रों की शिकायतें सीएम हेल्पलाइन तेजी से दर्ज हुईं हैं. इसको लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी विमलेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि "इन शिकायतों को लगातार कम किया जा रहा है. साथ ही जो शिकायतें आ रही है, उससे संबंधित अधिकारी उनका निराकरण करने में जुटे हैं. यही कारण है कि अब लगातार शिकायतों की संख्या कम होती जा रही है."