ग्वालियर। पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सरकार की कमान संभालते ही सराहनीय फैसले लिए हैं. धार्मिक स्थान पर अवैधानिक रूप से लगातार लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की बात हो या खुले में मांस और अंडे की बिक्री की. इस पर बंदिश लगाने का फैसला लिया है. इसका स्वागत करता हूं और मुख्यमंत्री की सराहना करता हूं. उन्होंने शुरुआत में ही इस तरह के कदम उठाए. सुप्रीम कोर्ट का पहले से ही ऑर्डर है, लेकिन कुछ लोग मजहबी स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह के कृत्यों से बाज नहीं आते.
लाउडस्पीकर हटाने का भी स्वागत : कई राज्यों का इतिहास इस बात का गवाह है इस तरह के मजहबी केंद्रों पर लगे हुए स्पीकरों ने हिंसा, दंगा, अराजकता और उत्पात में अपनी भूमिका निभाई है. इसलिए यह फैसला होना ही चाहिए. मांस और अंडे की बिक्री खुले में होना अच्छे और सभ्य समाज की निशानी नहीं है. कुछ मांसाहारियों के लिए प्राणी की हत्या करके उसके मांस को बाजारों में खुलेआम बेचा जाए, यह किसी हमारे जैसे देश के लिए ठीक नहीं है. इसलिए उस पर बंदिश का फैसला भी स्वागत योग्य है. मगर मुझे बहुत तकलीफ होती है यह कहते हुए की कांग्रेस ने इस फैसले विरोध किया है.
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क्या मांस बेचने से एमपी का कल्याण हो जाएगा : पवैया ने कहा कि कांग्रेस के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के फैसले भारतीय जनता पार्टी की सरकार ले रही है. मैं पूछना चाहता हूं कांग्रेस से और कमलनाथ से. विधानसभा चुनाव में इतनी करारी पराजय के बाद भी सद्बुद्धि नहीं आई. क्या वे आज कसाइयों के साथ खड़ी होना चाहते हैं. क्या मांस और अंडे बेचने मध्य प्रदेश का कल्याण हो जाएगा. कांग्रेसी कहते हैं कि शिक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए. हमने पहले दिन ही सारे जिलों में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज का फैसला किया है. हम विकास भी करेंगे और हम अपनी सनातन संस्कृति की रक्षा भी करेंगे.