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Gwalior Bench Order: IIT छात्र को बलात्कार के आरोप से मिली मुक्ति, प्लेसमेंट होने के बाद भी विदेश नहीं जा सकता था युवक - एमपी की ताजा खबर

ग्वालियर खंडपीठ ने रेप के एक मामले में आईआईटी के छात्र को जमानत दे दी है. साथ ही उसपर लगे सभी दुष्कर्म के आरोपों से बरी कर दिया गया है. जानें क्या है पूरा मामला...

Gwalior Bench Order
ग्वालियर खंडपीठ
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 7:43 PM IST

Updated : Oct 13, 2023, 7:52 PM IST

जगदीश शर्मा, अधिवक्ता

ग्वालियर। रेप का आरोप झेल रहे आईआईटी के एक स्टूडेंट को न्यायालय ने बड़ी राहत प्रदान की है. उसे दुष्कर्म के मामले से बरी कर दिया है. पूर्व छात्र मयंक अहिरवार के खिलाफ अगस्त 2021 में गोला का मंदिर पुलिस ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया था. एक युवती ने मयंक पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. इसके बाद कोर्ट में केस चला, जहां महिला न्यायलय के सामने केस से जुड़े कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सकी. इसी आधार पर आईआईटी कर चुके छात्र को कोर्ट ने बरी कर दिया है.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, मयंक के बड़े भाई की शादी की बात शिकायतकर्ता युवती की बड़ी बहन से चली थी. लेकिन शादी किसी वजह से नहीं हो सकी. इस बीच में आईआईटी कर रहे मयंक अहिरवार की युवती से अच्छी खासी पहचान हो गई थी. दोनों के बीच फोन पर बातें होने लगीं. प्रेम बढऩे पर उनके बीच शारीरिक संबंध भी बन गए. बाद में पता चला कि जिस युवती से मयंक के संबंध बने थे, वह पहले से ही शादीशुदा थी. वह पति से अलग रह रही थी. पता चलने पर युवती ने मयंक को बताया कि वह तलाक ले चुकी है. यह बात उसने मयंक से छुपाई थी और मयंक पर शादी का झांसा देखा उसने बलात्कार करने का आरोप लगाया था.

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युवती ने धोखे में रखा था: मयंक ने कोर्ट को बताया, "उसे धोखे में रखकर युवती ने सहमति से उसके साथ संबंध बनाए थे, जबकि उसका पूर्व पति से भी तलाक नहीं हुआ था. तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने मयंक अहिरवार को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी नहीं पाया. उसे बरी कर दिया. खास बात यह भी है कि मयंक का प्लेसमेंट विदेश में हो गया था. लेकिन एफआईआर दर्ज होने के कारण वह विदेश नहीं जा सका. वह एक ख्याति नाम संस्थान से आईआईटी की पढ़ाई पूरी कर चुका है.

जगदीश शर्मा, अधिवक्ता

ग्वालियर। रेप का आरोप झेल रहे आईआईटी के एक स्टूडेंट को न्यायालय ने बड़ी राहत प्रदान की है. उसे दुष्कर्म के मामले से बरी कर दिया है. पूर्व छात्र मयंक अहिरवार के खिलाफ अगस्त 2021 में गोला का मंदिर पुलिस ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया था. एक युवती ने मयंक पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. इसके बाद कोर्ट में केस चला, जहां महिला न्यायलय के सामने केस से जुड़े कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सकी. इसी आधार पर आईआईटी कर चुके छात्र को कोर्ट ने बरी कर दिया है.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, मयंक के बड़े भाई की शादी की बात शिकायतकर्ता युवती की बड़ी बहन से चली थी. लेकिन शादी किसी वजह से नहीं हो सकी. इस बीच में आईआईटी कर रहे मयंक अहिरवार की युवती से अच्छी खासी पहचान हो गई थी. दोनों के बीच फोन पर बातें होने लगीं. प्रेम बढऩे पर उनके बीच शारीरिक संबंध भी बन गए. बाद में पता चला कि जिस युवती से मयंक के संबंध बने थे, वह पहले से ही शादीशुदा थी. वह पति से अलग रह रही थी. पता चलने पर युवती ने मयंक को बताया कि वह तलाक ले चुकी है. यह बात उसने मयंक से छुपाई थी और मयंक पर शादी का झांसा देखा उसने बलात्कार करने का आरोप लगाया था.

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युवती ने धोखे में रखा था: मयंक ने कोर्ट को बताया, "उसे धोखे में रखकर युवती ने सहमति से उसके साथ संबंध बनाए थे, जबकि उसका पूर्व पति से भी तलाक नहीं हुआ था. तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने मयंक अहिरवार को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी नहीं पाया. उसे बरी कर दिया. खास बात यह भी है कि मयंक का प्लेसमेंट विदेश में हो गया था. लेकिन एफआईआर दर्ज होने के कारण वह विदेश नहीं जा सका. वह एक ख्याति नाम संस्थान से आईआईटी की पढ़ाई पूरी कर चुका है.

Last Updated : Oct 13, 2023, 7:52 PM IST
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