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बीमार बुजुर्ग की मदद के लिए जज की कार छीनने वाले दोनों छात्रों को जमानत, ये है पूरा मामला - Students not any criminal act

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जज की कार छीनकर वाइस चांसलर को अस्पताल ले जाने वाले ABVP के छात्र नेताओं को बड़ी राहत मिली है. सोमवार को हाईकोर्ट ने जेल में बंद हिमांशु श्रोत्रिय और सुक्रत शर्मा को जमानत दे दी. ये दोनों छात्र नेता 12 दिसंबर को दिसंबर से जेल में बंद हैं. ABVP students bail by high court

Both students snatched judge car got bail by high court
जज की कार छीनने वाले दोनों छात्रों को मिली जमानत
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 6:07 PM IST

जज की कार छीनने वाले दोनों छात्रों को मिली जमानत

ग्वालियर। बीते 10 दिसम्बर को दिल्ली से सुबह ट्रेन से ग्वालियर आ रहे एक बुजुर्ग की मुरैना के समीप तबियत बिगड़ गई. उसी ट्रेन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र भी दिल्ली से लौट रहे थे. उन्होंने ट्रेन में ही उपचार कराने के लिए रेलवे अधिकारी और कर्मचारियों से संपर्क साधा, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली और बुजुर्ग बेहोश हो गए. इस बीच ग्वालियर स्टेशन आ गया. छात्रों ने मरीज को उतारकर स्टेशन पर मौजूद रेलवे और पुलिस अधिकारियों को बताया. छात्रों ने काफी देर एम्बुलेंस का इंतजार किया लेकिन वह नहीं आई तो छात्र स्टेशन के पोर्च में खड़ी एक जज की कार में बीमार को डालकर चले गए. ABVP students bail by high court

डकैती का केस दर्ज हुआ : रेलवे स्टेशन से आधा दर्जन लोगों द्वारा हाईकोर्ट जज की गाड़ी छीनकर ले जाने की खबर मिलते ही पुलिस में हड़कंप मच गया. ड्राइवर की शिकायत पर पुलिस ने पड़ाव थाने में डकैती का केस दर्ज किया. इस मामले में पुलिस ने जब घेराबंदी की तो जज की कार जेएएच परिसर में खड़ी मिली और वहां से दो छात्र हिमांशु श्रोतिय और सुक्रत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन बातचीत में पूरा मामला बदल गया. पुलिस को बताया कि वे तो गम्भीर रूप से बीमार व्यक्ति को इलाज के लिए कार से लेकर अस्पताल आये थे हालांकि उनकी मौत हो गई. मृतक का नाम रणजीत सिंह यादव बताया गया, जोकि पीके विवि शिवपुरी में कुलपति थे. ABVP students bail by high court

एबीवीपी छात्रों ने किया घेराव : इस घटना की सूचना मिलते ही रात को एबीवीपी के छात्रों ने पड़ाव थाने का घेराव किया. देर रात तक चले इस आंदोलन को पुलिस अफसरों ने समझा बुझाकर शांत करा दिया था लेकिन सुबह जब पकड़े गए दोनों छात्रों को कोर्ट में पेश किया तो कोर्ट ने उन्हें सेंट्रल जेल में न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. साथियों को जेल भेजे जाने से एबीवीपी छात्रों में रोष व्याप्त हो गया. उनका कहना था कि उन्हें मानवीयता में किसी की जान बचाने का सिला डकैत बताकर दिया जा रहा है. इसके बाद से परिषद ने व्यापक जन आंदोलन छेड़ दिया था और लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा था. ABVP students bail by high court

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छात्रों ने क्रिमिनल एक्ट नहीं किया : इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर इस मामले में छात्रों के केस को खत्म करने का आग्रह किया था. मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने मामले की सीआईडी जांच कराने के आदेश जारी किए हैं. दोनों गिरफ्तार छात्रों की जमानत याचिका पहले जिला न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी थी. सोमवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने जमानत दे दी. अभिभाषक भानु प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि उच्च न्यायालय ने ये मानते हुए कि छात्रों का जो कृत्य है वह क्रिमिनल एक्ट नहीं है. आरोपी विधि के छात्र हैं. कानून का पालन करने वाले है और उनका कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड भी नही है. न्यायालय ने संवेदनाओं के आधार पर उनको जमानत दे दी है. ABVP students bail by high court

जज की कार छीनने वाले दोनों छात्रों को मिली जमानत

ग्वालियर। बीते 10 दिसम्बर को दिल्ली से सुबह ट्रेन से ग्वालियर आ रहे एक बुजुर्ग की मुरैना के समीप तबियत बिगड़ गई. उसी ट्रेन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र भी दिल्ली से लौट रहे थे. उन्होंने ट्रेन में ही उपचार कराने के लिए रेलवे अधिकारी और कर्मचारियों से संपर्क साधा, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली और बुजुर्ग बेहोश हो गए. इस बीच ग्वालियर स्टेशन आ गया. छात्रों ने मरीज को उतारकर स्टेशन पर मौजूद रेलवे और पुलिस अधिकारियों को बताया. छात्रों ने काफी देर एम्बुलेंस का इंतजार किया लेकिन वह नहीं आई तो छात्र स्टेशन के पोर्च में खड़ी एक जज की कार में बीमार को डालकर चले गए. ABVP students bail by high court

डकैती का केस दर्ज हुआ : रेलवे स्टेशन से आधा दर्जन लोगों द्वारा हाईकोर्ट जज की गाड़ी छीनकर ले जाने की खबर मिलते ही पुलिस में हड़कंप मच गया. ड्राइवर की शिकायत पर पुलिस ने पड़ाव थाने में डकैती का केस दर्ज किया. इस मामले में पुलिस ने जब घेराबंदी की तो जज की कार जेएएच परिसर में खड़ी मिली और वहां से दो छात्र हिमांशु श्रोतिय और सुक्रत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन बातचीत में पूरा मामला बदल गया. पुलिस को बताया कि वे तो गम्भीर रूप से बीमार व्यक्ति को इलाज के लिए कार से लेकर अस्पताल आये थे हालांकि उनकी मौत हो गई. मृतक का नाम रणजीत सिंह यादव बताया गया, जोकि पीके विवि शिवपुरी में कुलपति थे. ABVP students bail by high court

एबीवीपी छात्रों ने किया घेराव : इस घटना की सूचना मिलते ही रात को एबीवीपी के छात्रों ने पड़ाव थाने का घेराव किया. देर रात तक चले इस आंदोलन को पुलिस अफसरों ने समझा बुझाकर शांत करा दिया था लेकिन सुबह जब पकड़े गए दोनों छात्रों को कोर्ट में पेश किया तो कोर्ट ने उन्हें सेंट्रल जेल में न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. साथियों को जेल भेजे जाने से एबीवीपी छात्रों में रोष व्याप्त हो गया. उनका कहना था कि उन्हें मानवीयता में किसी की जान बचाने का सिला डकैत बताकर दिया जा रहा है. इसके बाद से परिषद ने व्यापक जन आंदोलन छेड़ दिया था और लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा था. ABVP students bail by high court

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छात्रों ने क्रिमिनल एक्ट नहीं किया : इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर इस मामले में छात्रों के केस को खत्म करने का आग्रह किया था. मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने मामले की सीआईडी जांच कराने के आदेश जारी किए हैं. दोनों गिरफ्तार छात्रों की जमानत याचिका पहले जिला न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी थी. सोमवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने जमानत दे दी. अभिभाषक भानु प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि उच्च न्यायालय ने ये मानते हुए कि छात्रों का जो कृत्य है वह क्रिमिनल एक्ट नहीं है. आरोपी विधि के छात्र हैं. कानून का पालन करने वाले है और उनका कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड भी नही है. न्यायालय ने संवेदनाओं के आधार पर उनको जमानत दे दी है. ABVP students bail by high court

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