ग्वालियर। कतर में जासूसी के कथित आरोप में फांसी की सजा पाए नेवी के आठ पूर्व कर्मचारियों और उनके परिजन के लिए राहत की खबर आई है. मौत की सजा के बाद भारत सरकार हरकत में आ गई थी. सजा के खिलाफ भारत ने कतर में अपील की थी. इसके बाद अब कोर्ट ने फांसी की सजा माफ कर दी है.
पुरुणेंदु के परिजनों ने जताया आभार: फांसी से राहत पाने वाले पुरुणेंदु तिवारी की बहिन ग्वालियर में रहती हैं. डॉ मीतू भार्गव के घर संपर्क किया गया तो उनसे मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन मीतू के ससुर डॉ पी एन भार्गव से मुलाकात हुई. जब डॉ भार्गव को पुरुणेंदु की फांसी की सजा माफ किए जाने की जानकारी दी तो वे भावुक हो गए और भारत सरकार के प्रयासों को श्रेय देते हुए उनका आभार जताया है. बता दें कि डॉ भार्गव सेवानिवृत सरकारी अधिकारी हैं और यहां अपने बेटे आशीष के साथ रहते हैं. आशीष की पत्नी मीतू, पुरुणेंदु की बहिन हैं. पुरुणेंदु के परिजन भोपाल में रहते हैं.
क्या है मामला: आपको बता दें कि भारतीय नौ सेना के आठ पूर्व अधिकारियों को 30 अगस्त 2022 को कतर में गिरफ्तार कर लिया गया था और 26 अक्टूबर को फांसी की सजा सुनाई गई थी. इन आठ पूर्व नौसैनिकों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पुरुणेंदु तिवारी, कमांडर सुगनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश शामिल हैं.