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संपत्ति कर वसूली के लक्ष्य में सबसे फिसड्डी क्यों निगम ?

ग्वालियर नगर निगम संपत्ति कर वसूली में फिसड्डी साबित हुआ है. जबकि 12 से अधिक ऐसे सरकारी संस्थान हैं जिन पर 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति बकाया है, लेकिन निगम इनसे संपत्ति नहीं वसूल पा रहा है.

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नगर निगम ग्वालियर
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Published : Feb 13, 2021, 7:54 PM IST

ग्वालियर : साल 2020 में आई कोरोना महामारी के बाद सरकारी विभागों के राजस्व में काफी कमी आई है. इसका सबसे ज्यादा असर ग्वालियर नगर निगम पर पड़ा है, निगम संपत्ति कर बढ़ाने और वसूली को लेकर आम लोगों पर दबाव बना रहा है. ग्वालियर शहर के 12 से अधिक ऐसे सरकारी संस्थान हैं जिन पर 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति बकाया है, लेकिन नगर निगम अधिकारी वसूली के लिए उन पर कोई दबाव नहीं बना रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ आम लोगों का अगर कर जमा नहीं होता है तो उन पर निगम की टीम घर पहुंचकर दबाव बनाती है, जिसके बाद आम व्यक्ति परेशान होकर कर्ज लेकर भी संपत्तिकर भरने आते हैं.

संपत्ति कर में फिसड्डी नगर निगम

हर साल 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट

ग्वालियर नगर निगम हर साल अपने अमले को 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट पूरा करने की हिदायत देता है. लेकिन सच्चाई यह है कि हर साल निगम की वसूली 40 से 50 करोड़ की ही हो पाती है, जितने भी सरकारी विभाग हैं वहां पर नगर निगम वसूली के लिए दबाव नहीं बना पाता है. निगम की डेढ़ दर्जन संपत्तियों पर भी करीब 100 करोड़ से अधिक की राशि अभी भी बाकी है. साल 2016 से लेकर 2020 तक नगर निगम संपत्ति कर की वसूली में लगातार पिछड़ रहा है, और यही वजह है कि संपत्ति कर वसूली का आंकड़ा लगातार कम होता जा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि नगर निगम का अमला इसके लिए कोई दबाव नहीं बनाता है.

12 से ज्यादा संपत्तियों पर 100 करोड़ से अधिक का कर बकाया

ग्वालियर शहर की सरकारी और अर्ध सरकारी एक दर्जन से अधिक ऐसी संपत्तियां हैं जिन पर नगर निगम का 100 करोड़ से भी अधिक का संपत्ति कर बकाया है. लेकिन नगर निगम वसूली के लिए उन पर कोई दबाव नहीं बना रहा है. अगर इन सभी संपत्तियों से कर की वसूली हो जाए तो नगर निगम के राजस्व में काफी बढ़ोतरी मिलेगी. लेकिन नगर निगम ऐसा नहीं करता.

कोरोना काल के बावजूद निगम ने पिछले साल के मुकाबले वसूला 33 प्रतिशत ज्यादा राजस्व

तीन साल से लगातार कम हो रही है संपत्ति कर की वसूली

लगातार तीन साल से नगर निगम संपत्ति कर वसूलने में पिछड़ रहा है, बस 2016 - 17 में संपत्ति कर का 100 करोड़ रुपए का लक्ष्य था, लेकिन उस पर 50% ही वसूली हो पाई. साल 2018 में यही हाल रहे, वहीं साल 2019 और 20 में भी नगर निगम संपत्ति कर का 100 करोड़ का आंकड़ा नहीं छू पाया. 57 करोड़ की वसूली के बाद नगर निगम का अमला रुक गया.

3 साल के संपत्ति कर वसूली के आंकड़े

साल 2015 -16

मिला लक्ष्य-438269778
वसूली -233032611

साल 2017 -18

मिला लक्ष्य - 852855089
वसूली - 517923652

साल 2019 - 20

मिला लक्ष्य - 75000000
वसूली - 579459053

शहर के किन संस्थानों पर संपत्ति कर बकाया -

  • कैंसर हॉस्पिटल - 35.67 करोड़ रुपए
  • ग्वालियर व्यापार मेला - 34.89 करोड़ रुपए
  • जीवाजी यूनिवर्सिटी - 20.40 करोड़ रुपए
  • सेंट्रल रेलवे - 9 करोड़ रुपए
  • एलएनआईपी - 1.64 करोड़ रुपए
  • एजी ऑफिस - 4 करोड़ रुपए
  • पावर ग्रिड कॉरपोरेशन - 9 करोड़ रुपए
  • ट्रिपल आईटीएम - लगभग एक करोड़ रुपए

नगर निगम कमिश्नर का दावा

नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा का कहना है कि संपत्ति कर वसूलने के लिए अबकी बार हमारी टीम पूरी तरह तैयार है. जिन जगहों पर संपत्ति कर बकाया है, उन पर वसूली की कार्रवाई की जाएगी और अनुमान है कि अबकी बार संपत्ति कर वसूली का आंकड़ा 100 करोड़ से ऊपर पहुंचेगा.

ग्वालियर : साल 2020 में आई कोरोना महामारी के बाद सरकारी विभागों के राजस्व में काफी कमी आई है. इसका सबसे ज्यादा असर ग्वालियर नगर निगम पर पड़ा है, निगम संपत्ति कर बढ़ाने और वसूली को लेकर आम लोगों पर दबाव बना रहा है. ग्वालियर शहर के 12 से अधिक ऐसे सरकारी संस्थान हैं जिन पर 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति बकाया है, लेकिन नगर निगम अधिकारी वसूली के लिए उन पर कोई दबाव नहीं बना रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ आम लोगों का अगर कर जमा नहीं होता है तो उन पर निगम की टीम घर पहुंचकर दबाव बनाती है, जिसके बाद आम व्यक्ति परेशान होकर कर्ज लेकर भी संपत्तिकर भरने आते हैं.

संपत्ति कर में फिसड्डी नगर निगम

हर साल 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट

ग्वालियर नगर निगम हर साल अपने अमले को 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट पूरा करने की हिदायत देता है. लेकिन सच्चाई यह है कि हर साल निगम की वसूली 40 से 50 करोड़ की ही हो पाती है, जितने भी सरकारी विभाग हैं वहां पर नगर निगम वसूली के लिए दबाव नहीं बना पाता है. निगम की डेढ़ दर्जन संपत्तियों पर भी करीब 100 करोड़ से अधिक की राशि अभी भी बाकी है. साल 2016 से लेकर 2020 तक नगर निगम संपत्ति कर की वसूली में लगातार पिछड़ रहा है, और यही वजह है कि संपत्ति कर वसूली का आंकड़ा लगातार कम होता जा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि नगर निगम का अमला इसके लिए कोई दबाव नहीं बनाता है.

12 से ज्यादा संपत्तियों पर 100 करोड़ से अधिक का कर बकाया

ग्वालियर शहर की सरकारी और अर्ध सरकारी एक दर्जन से अधिक ऐसी संपत्तियां हैं जिन पर नगर निगम का 100 करोड़ से भी अधिक का संपत्ति कर बकाया है. लेकिन नगर निगम वसूली के लिए उन पर कोई दबाव नहीं बना रहा है. अगर इन सभी संपत्तियों से कर की वसूली हो जाए तो नगर निगम के राजस्व में काफी बढ़ोतरी मिलेगी. लेकिन नगर निगम ऐसा नहीं करता.

कोरोना काल के बावजूद निगम ने पिछले साल के मुकाबले वसूला 33 प्रतिशत ज्यादा राजस्व

तीन साल से लगातार कम हो रही है संपत्ति कर की वसूली

लगातार तीन साल से नगर निगम संपत्ति कर वसूलने में पिछड़ रहा है, बस 2016 - 17 में संपत्ति कर का 100 करोड़ रुपए का लक्ष्य था, लेकिन उस पर 50% ही वसूली हो पाई. साल 2018 में यही हाल रहे, वहीं साल 2019 और 20 में भी नगर निगम संपत्ति कर का 100 करोड़ का आंकड़ा नहीं छू पाया. 57 करोड़ की वसूली के बाद नगर निगम का अमला रुक गया.

3 साल के संपत्ति कर वसूली के आंकड़े

साल 2015 -16

मिला लक्ष्य-438269778
वसूली -233032611

साल 2017 -18

मिला लक्ष्य - 852855089
वसूली - 517923652

साल 2019 - 20

मिला लक्ष्य - 75000000
वसूली - 579459053

शहर के किन संस्थानों पर संपत्ति कर बकाया -

  • कैंसर हॉस्पिटल - 35.67 करोड़ रुपए
  • ग्वालियर व्यापार मेला - 34.89 करोड़ रुपए
  • जीवाजी यूनिवर्सिटी - 20.40 करोड़ रुपए
  • सेंट्रल रेलवे - 9 करोड़ रुपए
  • एलएनआईपी - 1.64 करोड़ रुपए
  • एजी ऑफिस - 4 करोड़ रुपए
  • पावर ग्रिड कॉरपोरेशन - 9 करोड़ रुपए
  • ट्रिपल आईटीएम - लगभग एक करोड़ रुपए

नगर निगम कमिश्नर का दावा

नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा का कहना है कि संपत्ति कर वसूलने के लिए अबकी बार हमारी टीम पूरी तरह तैयार है. जिन जगहों पर संपत्ति कर बकाया है, उन पर वसूली की कार्रवाई की जाएगी और अनुमान है कि अबकी बार संपत्ति कर वसूली का आंकड़ा 100 करोड़ से ऊपर पहुंचेगा.

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