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Shardiya Navratri 2022: भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर मां खुद हो गईं विराजमान, डकैत भी लेते रहे मां की शरण - Maa Sheetla herself seated

मां की महिमा अपरंपार है. कहीं भक्तों को स्वप्न में आकर अपनी उन्हे धन्य करती हैं तो कभी माता भक्तों से प्रसन्न होकर उसी के पास बस जाती हैं. माता की ऐसी ही कथा से आज आप सभी को हम रूबरू कराने जा रहे हैं. जहां माता ने न सिर्फ अपने भक्त की भक्ती से प्रसन्न होकर स्वयं उसके समक्ष रहने की जिद की. वरन कन्या रूप में दर्शन देकर वह स्थान भी बताया जहां आज माता का मंदिर बना हुआ है. घने जंगलों में बने इस मंदिर में बीहड़ के बागियों सहित चंबल के डकैंतों ने अभी अपना मस्तक झुकाया है. Gwalior Maa sheetla temple, Maa glory unique, Maa Sheetla herself seated, Dacoits took shelter temple

Shardiya Navratri 2022
भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर मां खुद हो गईं विराजमान माता शीतला
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Published : Oct 3, 2022, 5:16 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 7:22 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर से लगभग 20 किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच विराजमान माता शीतला (Gwalior Maa sheetla temple) पर पूरे इलाके की आस्था है. उनके दर्शनों के लिए सैकड़ो किलोमीटर दूर से भी लोग पैदल आते हैं. खासकर नवरात्र में तो यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. वहीं हर सोमवार यहां मेले का भी आयोजन किया जाता है. शीतला माता मंदिर के महंत कमल सिंह भगत जी ने बताया यह माता मंदिर तकरीबन 400 साल पुराना है.

गौ के दूध से अभिषेक से प्रसन्न हुईं माता : महंत बताते हैं कि माता के भक्त गजाधर रोजाना जिला भिंड के गोहद में बने माता मंदिर माता की पूजा के लिए जाते थे. साथ ही गौ के दूध से ही माता का अभिषेक किया करते थे. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर माता ने उन्हे कन्या रूप में प्रकट होकर दर्शन दिए. इसके साथ ही माता ने उनके साथ चलने की जिद की. इस पर भक्त गजाधर ने कहा कि माता में सामान्य सा व्यक्ति आपकी क्या सेवा कर पाऊंगा. लेकिन माता ने हट किया और सांतउ गांव पहुंचकर विराजमान होने की बात कही.

Shardiya Navratri 2022
भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर मां खुद हो गईं विराजमान माता शीतला

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बड़ा हादसा हुआ लेकिन किसी को खरोंच नहीं : इसके बाद भक्त ने भी कहा कि माता आपका मंदिर कहां बनाया जाए तो कन्या ने जबाव दिया किया जहां जाकर में धरती में समा जाउं वहीं मेरा मंदिर बना देना. माता गांव से दूर जंगल में एक पहाड़ी पर पहुंचकर विराजमान हो गईं. जहां उनका मंदिर भी बनाया गया. इसके माध्यम से मां आज भी अपने भक्तों का उद्धार कर रहीं हैं. माता के चरण सेवक कमल सिंह भगत बताया कि उनके पिता पिछले 50 वर्षों से माता की सेवा इसी घने में वन में रहकर करते रहे. जिनकी पदवी अब वे संभाल रहे हैं. उन्होंने बताया कि माता सदैव अपने भक्तों की रक्षा करती हैं. कुछ वर्ष पूर्व माता के दर्शनों के लिए आ रही भक्तों से भरी ट्रैक्टर ट्ऱॉली पलट गई. यह बड़ा हादसा था. लेकिन बावजूद इसके किसी भी दर्शनार्थी को चोट तक नहीं आई.

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ग्वालियर। ग्वालियर से लगभग 20 किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच विराजमान माता शीतला (Gwalior Maa sheetla temple) पर पूरे इलाके की आस्था है. उनके दर्शनों के लिए सैकड़ो किलोमीटर दूर से भी लोग पैदल आते हैं. खासकर नवरात्र में तो यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. वहीं हर सोमवार यहां मेले का भी आयोजन किया जाता है. शीतला माता मंदिर के महंत कमल सिंह भगत जी ने बताया यह माता मंदिर तकरीबन 400 साल पुराना है.

गौ के दूध से अभिषेक से प्रसन्न हुईं माता : महंत बताते हैं कि माता के भक्त गजाधर रोजाना जिला भिंड के गोहद में बने माता मंदिर माता की पूजा के लिए जाते थे. साथ ही गौ के दूध से ही माता का अभिषेक किया करते थे. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर माता ने उन्हे कन्या रूप में प्रकट होकर दर्शन दिए. इसके साथ ही माता ने उनके साथ चलने की जिद की. इस पर भक्त गजाधर ने कहा कि माता में सामान्य सा व्यक्ति आपकी क्या सेवा कर पाऊंगा. लेकिन माता ने हट किया और सांतउ गांव पहुंचकर विराजमान होने की बात कही.

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बड़ा हादसा हुआ लेकिन किसी को खरोंच नहीं : इसके बाद भक्त ने भी कहा कि माता आपका मंदिर कहां बनाया जाए तो कन्या ने जबाव दिया किया जहां जाकर में धरती में समा जाउं वहीं मेरा मंदिर बना देना. माता गांव से दूर जंगल में एक पहाड़ी पर पहुंचकर विराजमान हो गईं. जहां उनका मंदिर भी बनाया गया. इसके माध्यम से मां आज भी अपने भक्तों का उद्धार कर रहीं हैं. माता के चरण सेवक कमल सिंह भगत बताया कि उनके पिता पिछले 50 वर्षों से माता की सेवा इसी घने में वन में रहकर करते रहे. जिनकी पदवी अब वे संभाल रहे हैं. उन्होंने बताया कि माता सदैव अपने भक्तों की रक्षा करती हैं. कुछ वर्ष पूर्व माता के दर्शनों के लिए आ रही भक्तों से भरी ट्रैक्टर ट्ऱॉली पलट गई. यह बड़ा हादसा था. लेकिन बावजूद इसके किसी भी दर्शनार्थी को चोट तक नहीं आई.

Gwalior Maa sheetla temple, Maa glory unique, Maa Sheetla herself seated, Dacoits took shelter temple

Last Updated : Nov 17, 2022, 7:22 PM IST
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