ग्वालियर। समाज में भले ही महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिए जाने की बात होती हो, लेकिन हकीकत इसके उलट है. अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां महिलाओं को बराबरी का हक नहीं मिला है. ये संयोग है कि ग्वालियर लोकसभा सीट पर जब भी किसी पार्टी ने महिला प्रत्याशी को मैदान उतारा है, उसकी जीत सुनिश्चित हुई है. इसके बाद भी कांग्रेस से महिला को टिकट नहीं दिया गया है.
वहीं बीजेपी ने ग्वालियर लोकसभा सीट पर एक बार राजमाता विजयाराजे सिंधिया और बेटी यशोधरा राजे सिंधिया को दो बार मैदान में उतारा था. दोनों ही बार बीजेपी को जीत हासिल हुई थी. लेकिन यहां से कांग्रेस द्वारा अभी तक किसी महिला को चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया है. लंबे समय से ग्वालियर लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में नहीं आई है. लिहाजा कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मांग कर रहे हैं कि अबकी बार कांग्रेस के लिए महिला प्रत्याशी के रूप में सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे को मैदान में उतारा जाए. जिससे इस बार यह सीट कांग्रेस के खाते में आ जाए.
हाालंकि इस बार बीजेपी ने भी ग्वालियर लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी विवेक शेजवलकर को बनाया है. बीजेपी नेता सुमन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने तो आज तक यहां से महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है. साथ ही जिस प्रियदर्शिनी राजे को मैदान में उतारने की बात कार्यकर्ता कह रहे हैं, वह पार्टी की कोई कार्यकर्ता नहीं बल्कि सिंधिया जी की पत्नी के रूप में जानी जाती है.
राजनीतिक विश्लेषकों की क्या है राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ग्वालियर लोकसभा सीट महिला प्रत्याशी के लिए किसी भी दल के लिए कभी भी नुकसानदायक नहीं रही है. किसी भी पार्टी ने जब-जब महिला को टिकट दिया है वह जीती है. 1962 में राजमाता विजय राजे सिंधिया इस लोकसभा सीट जीती थीं. उसके बाद उनकी बेटी की यशोधरा राजे सिंधिया को बीजेपी ने दो बार मैदान में उतारा और वह यहां से विजयी रही हैं.