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ग्वालियर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने कभी नहीं उतारी महिला प्रत्याशी, लंबे वक्त से यहां बीजेपी का कब्जा

ग्वालियर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अभी तक किसी महिला प्रत्याशी को नहीं उतारा है, वहीं बीजेपी ने दो महिला प्रत्याशियों को उतारकर जीत हासिल की है. वहीं पिछले तीन लोकसभा चुनाव से बीजेपी यहां विजयी हो रही है.

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Published : Apr 8, 2019, 12:48 PM IST

प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया

ग्वालियर। समाज में भले ही महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिए जाने की बात होती हो, लेकिन हकीकत इसके उलट है. अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां महिलाओं को बराबरी का हक नहीं मिला है. ये संयोग है कि ग्वालियर लोकसभा सीट पर जब भी किसी पार्टी ने महिला प्रत्याशी को मैदान उतारा है, उसकी जीत सुनिश्चित हुई है. इसके बाद भी कांग्रेस से महिला को टिकट नहीं दिया गया है.


वहीं बीजेपी ने ग्वालियर लोकसभा सीट पर एक बार राजमाता विजयाराजे सिंधिया और बेटी यशोधरा राजे सिंधिया को दो बार मैदान में उतारा था. दोनों ही बार बीजेपी को जीत हासिल हुई थी. लेकिन यहां से कांग्रेस द्वारा अभी तक किसी महिला को चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया है. लंबे समय से ग्वालियर लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में नहीं आई है. लिहाजा कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मांग कर रहे हैं कि अबकी बार कांग्रेस के लिए महिला प्रत्याशी के रूप में सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे को मैदान में उतारा जाए. जिससे इस बार यह सीट कांग्रेस के खाते में आ जाए.

ग्वालियर में लगातार बीजेपी का रहा है कब्जा


हाालंकि इस बार बीजेपी ने भी ग्वालियर लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी विवेक शेजवलकर को बनाया है. बीजेपी नेता सुमन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने तो आज तक यहां से महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है. साथ ही जिस प्रियदर्शिनी राजे को मैदान में उतारने की बात कार्यकर्ता कह रहे हैं, वह पार्टी की कोई कार्यकर्ता नहीं बल्कि सिंधिया जी की पत्नी के रूप में जानी जाती है.


राजनीतिक विश्लेषकों की क्या है राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ग्वालियर लोकसभा सीट महिला प्रत्याशी के लिए किसी भी दल के लिए कभी भी नुकसानदायक नहीं रही है. किसी भी पार्टी ने जब-जब महिला को टिकट दिया है वह जीती है. 1962 में राजमाता विजय राजे सिंधिया इस लोकसभा सीट जीती थीं. उसके बाद उनकी बेटी की यशोधरा राजे सिंधिया को बीजेपी ने दो बार मैदान में उतारा और वह यहां से विजयी रही हैं.

ग्वालियर। समाज में भले ही महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिए जाने की बात होती हो, लेकिन हकीकत इसके उलट है. अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां महिलाओं को बराबरी का हक नहीं मिला है. ये संयोग है कि ग्वालियर लोकसभा सीट पर जब भी किसी पार्टी ने महिला प्रत्याशी को मैदान उतारा है, उसकी जीत सुनिश्चित हुई है. इसके बाद भी कांग्रेस से महिला को टिकट नहीं दिया गया है.


वहीं बीजेपी ने ग्वालियर लोकसभा सीट पर एक बार राजमाता विजयाराजे सिंधिया और बेटी यशोधरा राजे सिंधिया को दो बार मैदान में उतारा था. दोनों ही बार बीजेपी को जीत हासिल हुई थी. लेकिन यहां से कांग्रेस द्वारा अभी तक किसी महिला को चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया है. लंबे समय से ग्वालियर लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में नहीं आई है. लिहाजा कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मांग कर रहे हैं कि अबकी बार कांग्रेस के लिए महिला प्रत्याशी के रूप में सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे को मैदान में उतारा जाए. जिससे इस बार यह सीट कांग्रेस के खाते में आ जाए.

ग्वालियर में लगातार बीजेपी का रहा है कब्जा


हाालंकि इस बार बीजेपी ने भी ग्वालियर लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी विवेक शेजवलकर को बनाया है. बीजेपी नेता सुमन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने तो आज तक यहां से महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है. साथ ही जिस प्रियदर्शिनी राजे को मैदान में उतारने की बात कार्यकर्ता कह रहे हैं, वह पार्टी की कोई कार्यकर्ता नहीं बल्कि सिंधिया जी की पत्नी के रूप में जानी जाती है.


राजनीतिक विश्लेषकों की क्या है राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ग्वालियर लोकसभा सीट महिला प्रत्याशी के लिए किसी भी दल के लिए कभी भी नुकसानदायक नहीं रही है. किसी भी पार्टी ने जब-जब महिला को टिकट दिया है वह जीती है. 1962 में राजमाता विजय राजे सिंधिया इस लोकसभा सीट जीती थीं. उसके बाद उनकी बेटी की यशोधरा राजे सिंधिया को बीजेपी ने दो बार मैदान में उतारा और वह यहां से विजयी रही हैं.

Intro:ग्वालियर- भले ही समाज में आधी आबादी को बराबरी का दर्जा दिए जाने की बात होती हो । लेकिन कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां महिलाओं को इतना हक नहीं दिया जाता जितना महिलाओं को मिलना चाहिए। उन्हीं में से एक क्षेत्र है राजनीति ...... अगर बात करें ग्वालियर सीट लोकसभा की तो यहां जब जब किसी पार्टी ने महिला को मैदान में उतारा है जीत सुनिश्चित हुई है। लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेसी महिला को टिकट नहीं दिया गया है। वहीं बीजेपी ने एक बार राजमाता सिंधिया और उनकी बेटी यशोधरा राजे सिंधिया को दो बार मैदान में अपना प्रत्याशी के रूप में उतारा था और दोनों ही बार बीजेपी को जीत हासिल हुई। लेकिन कांग्रेस द्वारा अभी तक किसी महिला को मैदान में नही उतारा है ।





Body:बीओ - वहीं कांग्रेस की महिला पदाधिकारी का कहना है की कांग्रेस पार्टी ने अभी तक वाली लोकसभा में किसी भी महिला प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है शायद यही वजह है कि ग्वालियर लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में कई सालों से नहीं है इसलिए अबकी बार हम सिंधिया से मांग कर रहे हैं कि अबकी बार कांग्रेस के लिए महिला प्रत्याशी के रूप में सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे को मैदान में उतारा जाए। जिससे अब की बार यह सीट कांग्रेस के खाते में आ जाए ।

बाईट - मंजू चौहान , कॉंग्रेस नेता

बीओ - वहीं बीजेपी का कहना है ग्वालियर लोकसभा में डीएपी शुरू से ध्यान में रखकर प्रत्याशी उतारती है चाहे वह राजमाता विजय राजे सिंधिया हो या फिर यशोधरा राजे सिंधिया। बीजेपी को जब जब महिला प्रत्याशी की आवश्यकता हुई तब महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है लेकिन अब की बार बीजेपी को पूर्ण बहुमत से पीएम मोदी को जिताना है । इसके लिए एक मजबूत प्रत्याशी को ध्यान में रखकर मैदान में उतारा जाएगा । साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो आज तक महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। साथ ही जिस प्रियदर्शनी राजे को मैदान में उतारने की बात कर रही है वह पार्टी की कोई कार्यकर्ता नहीं बल्कि सिंधिया जी की पत्नी के रूप में जानी जाती है ।

बाईट - सुमन शर्मा , बीजेपी नेता




Conclusion:
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ग्वालियर लोकसभा सीट महिला प्रत्याशी के लिए किसी भी दल के लिए कभी भी नुकसानदायक नहीं रही। किसी भी पार्टी ने जब जब महिला को टिकट दिया है वह जीती है। 1962 में राजमाता विजय राजे सिंधिया इस लोकसभा सीट जीती थी उसके बाद उनकी बेटी की यशोधरा राजे सिंधिया को बीजेपी पार्टी ने दो बार मैदान में उतारा और दो बार वह जीती है । इसके बाद किसी भी पार्टी धनी महिला को इस लोकसभा में टिकट नहीं दिया है ।

बाईट- देव श्रीमाली , बरिष्ठ पत्रकार
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