ग्वालियर। हाईकोर्ट ने छेड़खानी के एक मामले में अनोखा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने राजीनामा के आवेदन की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को देश के सैनिकों के लिए योगदान देने का आदेश दिया. मामले से जुड़े चार आरोपियों को पांच-पांच हजार रुपए पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों देने का फैसला सुनाया है.
दरअसल, अशोकनगर जिले के ईसागढ़ में नए साल में जश्न के लिए महिला डांसर को बुलाया गया था. इस दौरान आरोपी भरत यादव, दिलीप यादव, अंशु भदोरिया और जितेंद्र यादव ने पहले डांसर के साथ छेड़खानी की फिर अपनी गाड़ी की तरफ खींच कर ले जाने लगे. यही नहीं बीच-बचाव के लिए आगे आए राघवेंद्र और हरनाम के साथ आरोपियों ने मारपीट कर दी. इसके बाद पीड़ितों ने अपनी शिकायत ईसागढ़ थाने में दर्ज कराई थी. वहीं आरोपियों ने एफआईआर निरस्त कराने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी. आरोपियों का कहना था कि चुनावी रंजिश के चलते उनपर झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है.
मामले की सुनवाई के बाद दोनों पक्षों ने राजीनामा के लिए आवेदन दिया था. कोर्ट ने समझौते के लिए आवेदन स्वीकार कर लिया और जस्टिस आनंद पाठक ने कहा कि सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ऐसा लगता है कि केस को आगे बढ़ाने से समय की बर्बादी होगी क्योंकि आरोपियों ने सामाजिक काम करने की इच्छा जताई थी. ऐसे में चारों आरोपियों को 1 महीने के अंदर पांच-पांच हजार रुपए 'भारत के वीर' मोबाइल एप पर जमा करवाने और रुपए की जमा रसीद प्रिंसिपल रजिस्टर को पेश करने के आदेश दिए हैं.