ETV Bharat / state

ग्वालियरः हाईकोर्ट ने शहर के घने इलाकों में आग लगने वाली याचिक पर की सुनवाई

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शहर में हाईराइज बिल्डिंग्स के फायर सेफ्टी सिस्टम में जोखिम और शहर के संकरे इलाकों में आग लगने की स्थिति पर दायर की गयी एक याचिका पर सुनवाई की. याचिक में इन क्षेत्रों में समय से दमकल की गाड़ी नहीं पहुंचने का मुद्दा उठाया गया था.

gwalior high court bench
हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ
author img

By

Published : Jul 13, 2020, 12:22 AM IST

ग्वालियर। शहर में हाईराइज बिल्डिंग्स के फायर सेफ्टी सिस्टम में जोखिम और शहर के संकरे इलाकों में आग लगने की स्थिति में दमकल के नहीं पहुंचने को लेकर दो याचिकाओं हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सुनवाई की. इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने तीन महीने के अंदर ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर विकास प्राधिकरण और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के CMD को याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन का निराकरण करके कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ

बता दें, पिछले दिनों ग्वालियर में आगजनी के दो बड़े हादसे हुए हैं, जिसमें 9 लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ी. एक ओर इंदरगंज इलाके में गोयल परिवार के यहां आग लगने से 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. वहीं डीडवाना ओली में विकलांग दंपत्ति आग लगने के कारण जिंदा जल गए थे. तीन महीने के अंदर हुए इन हादसों के बाद एक बार फिर से फायर सेफ्टी सिस्टम और जोखिम पर सवाल खड़े हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- ग्वालियर में टोटल लॉकडाउन, नियम तोड़ने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

ग्वालियर में हुई आगजनी की घटनाओं के बाद शहर के एक पत्रकार और अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने हाई राइज बिल्डिंग्स के बेसमेंट में नियम विरुद्ध तरीके से गैस गोदाम बनाए जाने और वहां बिजली के मीटर लगाने को बड़ी गड़बड़ी बताया है. उनका कहना है कि हाईराइज बिल्डिंग के बेसमेंट में नातो गैस गोदाम होना चाहिए और न ही बिजली के मीटर बावजूद इसके शहर के 80 फीसदी भवनों में यही स्थिति है. हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि ग्वालियर विकास प्राधिकरण नगर निगम कमिश्नर और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को दोनों याचिकाकर्ता अपना अभ्यावेदन 15 दिन के अंदर पेश करें और वरिष्ठ अधिकारियों को 3 महीने में कंप्लायंस रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपने के निर्देश के साथ याचिकाओं को निराकृत कर दिया गया है.

ग्वालियर। शहर में हाईराइज बिल्डिंग्स के फायर सेफ्टी सिस्टम में जोखिम और शहर के संकरे इलाकों में आग लगने की स्थिति में दमकल के नहीं पहुंचने को लेकर दो याचिकाओं हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सुनवाई की. इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने तीन महीने के अंदर ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर विकास प्राधिकरण और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के CMD को याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन का निराकरण करके कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ

बता दें, पिछले दिनों ग्वालियर में आगजनी के दो बड़े हादसे हुए हैं, जिसमें 9 लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ी. एक ओर इंदरगंज इलाके में गोयल परिवार के यहां आग लगने से 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. वहीं डीडवाना ओली में विकलांग दंपत्ति आग लगने के कारण जिंदा जल गए थे. तीन महीने के अंदर हुए इन हादसों के बाद एक बार फिर से फायर सेफ्टी सिस्टम और जोखिम पर सवाल खड़े हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- ग्वालियर में टोटल लॉकडाउन, नियम तोड़ने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

ग्वालियर में हुई आगजनी की घटनाओं के बाद शहर के एक पत्रकार और अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने हाई राइज बिल्डिंग्स के बेसमेंट में नियम विरुद्ध तरीके से गैस गोदाम बनाए जाने और वहां बिजली के मीटर लगाने को बड़ी गड़बड़ी बताया है. उनका कहना है कि हाईराइज बिल्डिंग के बेसमेंट में नातो गैस गोदाम होना चाहिए और न ही बिजली के मीटर बावजूद इसके शहर के 80 फीसदी भवनों में यही स्थिति है. हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि ग्वालियर विकास प्राधिकरण नगर निगम कमिश्नर और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को दोनों याचिकाकर्ता अपना अभ्यावेदन 15 दिन के अंदर पेश करें और वरिष्ठ अधिकारियों को 3 महीने में कंप्लायंस रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपने के निर्देश के साथ याचिकाओं को निराकृत कर दिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.