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Gwalior हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को झटका,स्टे लगा, सुनवाई 14 मई को - Voting rigging allegations

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ग्वालियर की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को स्टेट बार काउंसिल की अपील समिति ने बड़ा झटका दिया है. चुनाव में हारे प्रत्याशियों ने फर्जी मतदान और काउंटिंग में धांधली करने सहित अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए स्टेट बार काउंसिल में अपील की है. जिस पर सुनवाई करते हुए अपील समिति अध्यक्ष शिवेद्र उपाध्याय ने नवीन कार्यकारिणी पर स्टे लगा दिया.

Bar Association newly elected executive blow
Gwalior हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को झटका
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Published : May 6, 2023, 7:57 PM IST

Gwalior हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को झटका

ग्वालियर। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नवनिर्वाचित कार्यकारिणी ने 9 दिन पूर्व ही कार्यभार ग्रहण किया है. विवाद उठने के बाद अपील समिति ने निर्वाचन का रिकॉर्ड तीन दिन के भीतर जमा कराने का भी निर्देश दिया है. बता दें कि ये पहला अवसर है जब निर्वाचित कार्यकारिणी के संबंध में इस प्रकार से रोक लगाई गई है. दरअसल, 20 अप्रैल को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ग्वालियर के चुनाव हुए. इसमें अध्यक्ष पद के उम्मीदवार जागेश्वर सिंह भदौरिया, सचिव पद के प्रत्याशी नीरज भार्गव, सह-सचिव पद के प्रत्याशी आशुतोष पांडे व अन्य ने स्टेट बार काउंसिल में अपील करते हुए चुनाव निरस्त करने और पुनः चुनाव कराने की मांग की.

नोटिस ही नहीं लिया : 27 अप्रैल को अपील समिति ने इस मामले की सुनवाई की, जिसमें नोटिस जारी कर मतदाता सूची से जुड़े समस्त दस्तावेज स्टेट बार में भेजने का निर्देश दिया था. स्टेट बार काउंसिल की ओर से नोटिस की तामील के लिए कर्मचारी को बार एसोसिएशन, ग्वालियर के कार्यालय भेजा गया. लेकिन सदस्यों ने नोटिस की तामील करने से इनकार कर दिया. इस मामले में स्टेट बार काउंसिल के सदस्य कह रहे हैं कि सभी वकीलों को बार काउंसिल के फैसले का समर्थन करना चाहिए. इसके अलावा आने वाली 14 मई का भी इंतजार करना चाहिए.

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वोटिंग में धांधली के आरोप : स्टेट बार काउंसिल को जो शिकायत की गई है, उसमें पराजित प्रत्याशियों ने आरोप लगाए हैं कि फर्जी मतदान किया गया. उन वकीलों के भी वोट डाले गए, जिनका देहांत हो गया है. इसके अलावा 250 से 300 फर्जी वोट डाले गए. एडवोकेट अरविंद अग्रवाल की ओर से किसी अन्य ने वोट डाल दिया. बाद में उन्हें भी मतदान करने की अनुमति दी गई. मतपत्रों की छंटनी में खासी लापरवाही बरती गई. 20 अप्रैल को अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष व मास्टर ऑफ लाइब्रेरी पदों के लिए मतगणना की गई. एक दिन बाद जब शेष पदों के लिए मतगणना हुई, उसमें भी मास्टर ऑफ लाइब्रेरी, सहित अन्य पदों के प्रत्याशियों के मतपत्र मिले. जबकि उनकी गिनती एक दिन पूर्व ही हो गई थी.

Gwalior हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को झटका

ग्वालियर। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नवनिर्वाचित कार्यकारिणी ने 9 दिन पूर्व ही कार्यभार ग्रहण किया है. विवाद उठने के बाद अपील समिति ने निर्वाचन का रिकॉर्ड तीन दिन के भीतर जमा कराने का भी निर्देश दिया है. बता दें कि ये पहला अवसर है जब निर्वाचित कार्यकारिणी के संबंध में इस प्रकार से रोक लगाई गई है. दरअसल, 20 अप्रैल को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ग्वालियर के चुनाव हुए. इसमें अध्यक्ष पद के उम्मीदवार जागेश्वर सिंह भदौरिया, सचिव पद के प्रत्याशी नीरज भार्गव, सह-सचिव पद के प्रत्याशी आशुतोष पांडे व अन्य ने स्टेट बार काउंसिल में अपील करते हुए चुनाव निरस्त करने और पुनः चुनाव कराने की मांग की.

नोटिस ही नहीं लिया : 27 अप्रैल को अपील समिति ने इस मामले की सुनवाई की, जिसमें नोटिस जारी कर मतदाता सूची से जुड़े समस्त दस्तावेज स्टेट बार में भेजने का निर्देश दिया था. स्टेट बार काउंसिल की ओर से नोटिस की तामील के लिए कर्मचारी को बार एसोसिएशन, ग्वालियर के कार्यालय भेजा गया. लेकिन सदस्यों ने नोटिस की तामील करने से इनकार कर दिया. इस मामले में स्टेट बार काउंसिल के सदस्य कह रहे हैं कि सभी वकीलों को बार काउंसिल के फैसले का समर्थन करना चाहिए. इसके अलावा आने वाली 14 मई का भी इंतजार करना चाहिए.

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वोटिंग में धांधली के आरोप : स्टेट बार काउंसिल को जो शिकायत की गई है, उसमें पराजित प्रत्याशियों ने आरोप लगाए हैं कि फर्जी मतदान किया गया. उन वकीलों के भी वोट डाले गए, जिनका देहांत हो गया है. इसके अलावा 250 से 300 फर्जी वोट डाले गए. एडवोकेट अरविंद अग्रवाल की ओर से किसी अन्य ने वोट डाल दिया. बाद में उन्हें भी मतदान करने की अनुमति दी गई. मतपत्रों की छंटनी में खासी लापरवाही बरती गई. 20 अप्रैल को अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष व मास्टर ऑफ लाइब्रेरी पदों के लिए मतगणना की गई. एक दिन बाद जब शेष पदों के लिए मतगणना हुई, उसमें भी मास्टर ऑफ लाइब्रेरी, सहित अन्य पदों के प्रत्याशियों के मतपत्र मिले. जबकि उनकी गिनती एक दिन पूर्व ही हो गई थी.

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