ग्वालियर। ग्वालियर शहर हर बार पीने के पानी के लिए जूझता है, शहर के लोगों को सिर्फ तिघरा जलाशय से ही पीने के लिए पानी मिलता है. इस जलाशय के पानी से ही लोग अपनी प्यास बुझाते हैं. शहर की आबादी 15 लाख के ऊपर पहुंच चुकी है. यही वजह है पानी की खपत ज्यादा होने के कारण हर साल पानी की कमी देखने को मिलती है. इसको लेकर ग्वालियर में पानी के मीटर लगाए गए हैं और नगर पालिका की ओर से शहर में तय समय पर सुबह-शाम पानी दिया जाता है.
नगर निगम ने शहर में एक लाख 75 हजार जल कनेक्शन उपभोक्ताओं को दिया है, जिसमें मीटर के हिसाब से महीने के पानी का भुगतान किया जाता है. इसको लेकर जब ईटीवी भारत में इसकी पड़ताल की तो शहर में 50 फीसदी से अधिक पानी के अवैध कनेक्शन और 90 फीसदी पानी के मीटर खराब पड़े हुए मिले.
ग्वालियर शहर शुरू से ही पानी का अभाव झेलता आया है. यही वजह है कि सिंधिया रियासत कालीन तिघरा बांध से पानी ग्वालियर शहर को उपलब्ध कराया जाता है. अधिक आबादी को देखते हुए नगर निगम ने शहर में पानी के कनेक्शन दिए हैं. जिनकी संख्या लगभग एक लाख 75 हजार हैं, पानी के कनेक्शन में मीटर लगाए गए हैं और मीटर के हिसाब से ही बिल दिया जाता है. ईटीवी भारत शहर के उन इलाकों में पहुंचा, जहां पर सबसे ज्यादा नल कनेक्शन हैं. पड़ताल में पता चला किस शहर में जितने पानी के कनेक्शन हैं, उसे दोगुनी संख्या में अवैध कनेक्शनों के जरिए चोरी कर घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है.साथ ही 90 फ़ीसदी मीटर खराब पड़े हुए हैं. नगर निगम हर महीने अनुमानित पानी का बिल भेज रहा है, मतलब नगर निगम को पानी की बर्बादी के साथ-साथ करोड़ों रुपए का राजस्व का भी नुकसान हो रहा है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है.
50 फीसदी से अधिक शहर में पानी के अवैध कनेक्शन
शहर में 80 हजार से ज्यादा पानी के अवैध कनेक्शन हैं. इन अवैध कनेक्शन के जरिए पानी की चोरी की जाती है. इससे नगर निगम के राजस्व में तो नुकसान हो ही रहा है,साथ ही पानी की बर्बादी भी हो रही है. निगम के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. पानी के एक कनेक्शन से चार अवैध कनेक्शन जुड़े हुए हैं. नगर निगम की तरफ से कई बार कार्रवाई की गई है, लेकिन इसके बावजूद भी अवैध कनेक्शनों की तादाद सबसे ज्यादा मौजूद है.
हर महीने अनुमानित आकलन के हिसाब से भेजा जाता है पानी का बिल
ग्वालियर शहर में जितने भी पानी के कनेक्शन लगे हुए हैं. उन सभी उपभोक्ताओं के घर अनुमानित आकलन के हिसाब से पानी का बिल भेजा जाता है. हर उपभोक्ता के यहां 150 रूपये महीने के हिसाब से पानी का बिल आता है. मतलब कोई भी व्यक्ति कितना भी पानी खर्च कर सकता है लेकिन उसका उतना ही आना है. यही वजह है कि लोग पीने के पानी से भैंस और अपनी जानवरों को नहला रहे हैं. इससे पानी की बर्बादी काफी मात्रा में हो रही है.
अवैध कनेक्शन निगम के अधिकारियों का नहीं है कोई ध्यान
शहर में जितने पानी के कनेक्शन हैं, उससे दुगनी संख्या में पानी के अवैध कनेक्शन हैं. लोगों ने एक कनेक्शन से चार पानी की पाइप अपने घर तक पहुंचा दिए हैं. जिसके कारण पानी की बर्बादी के साथ-साथ नगर निगम के राजस्व में भी काफी नुकसान हो रहा है,लेकिन इसको लेकर नगर निगम गहरी नींद सोया हुआ है. यही वजह है कि इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं होती है. नगर निगम की तरफ से कई बार अवैध कनेक्शन को लेकर कार्रवाई हुई है, लेकिन उसके बाद फिर यह अधिकारी गहरी नींद सो जाते हैं. लोग अवैध कनेक्शन के जरिए चोरी कर पानी अपने घर तक पहुंचा रहे हैं.
निगम कमिश्नर ने कहा अगर अवैध कनेक्शन है, तो उन पर करेंगे कार्रवाई
इसको लेकर जब नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा किस शहर में अभी अमृत योजना के तहत नल जल का कार्य किया जा रहा है. इसकी जरी घर-घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है, लेकिन अगर शहर में पानी के अवैध कनेक्शन है तो इस पर हम कार्रवाई करेंगे. इसको लेकर हम एक टीम तैनात कर रहे हैं जो घर घर जाकर अवैध कनेक्शनों की तलाशी करेगी.