ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मशहूर बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च (BIMR) के प्रबंधन पर कोर्ट का चाबुक चल गया है.अस्पताल के खिलाफ कोरोना संक्रमण काल में एक जज की पत्नी के इलाज के दौरान गायब हुए गहने के मामले में अमानत में खयानत और आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा चलेगा. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं. अस्पताल के खिलाफ गोला का मंदिर थाने में पहले से ही अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज है.
ढाई लाख से ज्यादा के गहने गायब : अस्पताल के मुख्य ट्रस्टी गोविंद देवड़ा सीईओ वेद प्रकाश पांडे के खिलाफ यह केस चलाया जाएगा. मामले के अनुसार रिटायर्ड जज अरुण तोमर की पत्नी सरला तोमर की इलाज के दौरान 29 अप्रैल 2021 को मौत हो गई थी. वह 10 दिन पहले तबीयत नासाज होने पर दिखाने के लिए अस्पताल आई थीं. उस समय वह गंभीर रूप से बीमार नहीं थीं और अपने शरीर पर करीब ढाई लाख से ज्यादा के जेवर पहने हुई थीं. संक्रमण के दौरान उनकी मौत होने पर शव और सामान को अलग-अलग बैग में परिवार को सौंप दिया गया था. लेकिन सौंपे गए बैग में महिला के जेवर नहीं मिले थे.
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फोरम कोर्ट ने 12 लाख रुपये हर्जाना ठोका था : यह मामला उपभोक्ता फोरम में भी लगाया गया था, जिसके अध्यक्ष महिला सलाह तोमर के पति अरुण तोमर थे. उपभोक्ता फोरम ने अस्पताल प्रबंधन पर 12 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए थे. वहीं क्रिमिनल केस की सुनवाई में अब सीजेएम कोर्ट ने यह आदेश दिए हैं. कोर्ट ने बिरला हॉस्पिटल के मुख्य ट्रस्टी गोविंद देवड़ा ओर सीईओ वेदप्रकाश पांडे के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता के वकील मनोज उपध्याय ने ये जानकारी दी.