ग्वालियर। जिले में एक रिटायर्ड डॉक्टर के साथ मकान बेचने के नाम पर 1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. अखबारों में विज्ञापन देखने के बाद अमन सिंह नाम के व्यक्ति ने इसी साल जनवरी में इंदौर में रहने वाले डॉक्टर से मोबाइल पर बात की थी. इस दौरान उसने मकान खरीदने की इच्छा जताई थी. डॉ. महादेव गुप्ता ठग की बातों में आ गए. अमन सिंह और उसके साथियों ने मिलकर रजिस्टर्ड एग्रीमेंट की जगह सीधे मकान की रजिस्ट्री करा ली है.
ये है मामला: इंदौर के साईं संपदा अपार्टमेंट में रहने वाले डॉक्टर महादेव गुप्ता का सिटी सेंटर क्षेत्र के पटेल नगर में एक मकान है. इंदौर में शिफ्ट होने के बाद वे इस मकान को बेचना चाह रहे थे. इसके लिए उन्होंने इश्तेहार भी दिया था. इश्तेहार पढ़कर 12 जनवरी को कैलाश नगर सिटी सेंटर में रहने वाले अमन सिंह ने मकान को खरीदने की इच्छा जताई. पूरा सौदा 1.60 करोड़ रुपये में तय हुआ. एडवांस के तौर पर अमन सिंह ने डॉक्टर के खाते में 1 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. बाकी 9 लाखों रुपए का उन्हें डीडी भी सौंप दिया था. इस बीच अमन सिंह ने मकान के कागजातों की फोटो कॉपी करा ली और डॉक्टर को रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के नाम पर उन्हें पंजीयन कार्यालय ओहदपुर बुलाया. डॉक्टर यहां आकर पड़ाव स्थित एक होटल में रुके थे.
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विश्वविद्यालय थाने में FIR दर्ज: अमन सिंह और उसके साथियों ने उन्हें कुछ दस्तावेज दिखाए और फोन पर बात करते हुए बाहर निकल गए. इसके बाद वो नहीं लौटे. इस बीच टेबल पर रखा उनका 9 लाख रुपए का डीडी भी अमन सिंह का साथी लेकर गायब हो गया. डॉक्टर को जब कॉल करने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिला तब उसे अपने साथ हुई ठगी का पता चला. पता यह भी चला कि उसके हस्ताक्षर रजिस्ट्रार के समक्ष कराए गए हैं. मकान को गलत तरीके से अपने नाम करा लिया गया है. काफी दिनों से परेशान हो रहे डॉक्टर की जब सुनवाई नहीं हुई तब उसने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क साधा. इसके बाद अब अमन सिंह और उसके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा विश्वविद्यालय थाने में दर्ज कर दिया है. इस मामले में थाना प्रभारी मनीष धाकड़ का कहना है कि मामले की विवेचना की जा रही है.अमन सिंह के साथ कुछ और लोगों के भी नाम आए हैं. उन सभी को इसमें आरोपी बनाया जाएगा.