ग्वालियर। जिला न्यायालय ने एक मामले में बड़ी राहत दी है. 12 साल पहले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विरुद्ध दर्ज कराये गये तोड़फोड़, शासकीय कार्य में बाधा सहित अन्य आरोप वाले केस में कोर्ट ने उन्हें और अन्य सभी 54 आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया है. ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर पर आरोप था कि उन्होंने साल 2011 में प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ की और शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की थी. उसके बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर सहित अन्य लोगों पर मामला दर्ज हुआ था.
क्या है पूरा मामला: यह मामला साल 2011 का है, जब ग्वालियर निगम ने शहर में निर्माण कार्य को लेकर भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किया था. ऐसा आरोप था कि मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने साथियों के साथ वहां पहुंचकर हंगामा किया, तोड़फोड़ की और शासकीय कार्य को प्रभावित करने की कोशिश की. उसके बाद नगर निगम अधिकारियों की ओर से बहोड़ापुर थाना में शिकायत की गई थी. उसके बाद प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित 54 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया था. जिसमें 2011 से ही जिला अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी.
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2 लोगों की ट्रायल के दौरान हुई मौत: इस मामले में नगर निगम के तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और ऊर्जा मंत्री के भाई देवेंद्र सिंह तोमर, शम्मी शर्मा, तत्कालीन पार्षद सुषमा चौहान को भी आरोपी बनाया गया था. 54 आरोपियों में से 2 लोगों की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी. 52 लोगों के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल हुआ. चूंकि उस समय प्रद्युम्न सिंह तोमर के विधायक थे, इसलिए यह केस विशेष न्यायिक की कोर्ट में आ गया. इस मामले में अदालत को बताया कि आरोपियों की इस कृत्य में संलिप्तता नहीं थी और पुलिस द्वारा जुटाए गए अभियोजन साक्ष्य भी नही हैं. इसी के आधार पर न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत के फैसले के बाद मंत्री तोमर काफी खुश नजर आए, उन्होंने कहा कि वे न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं.