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एजी ऑफिस पुल के मामले में सिंधिया और उनका परिवार बना पक्षकार, दावे पर हस्ताक्षर के लिए 12 मई को बुलाया - ग्वालियर कोर्ट न्यूज

ग्वालियर कोर्ट में कमला राजे चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से एजी ऑफिस पुल के मामले में सिंधिया और उनके परिवार को पक्षकार बनाया गया है, अब सिंधिया परिवार को कागजी कार्रवाई पूरी करने और दावे पर हस्ताक्षर करने के लिए 12 मई को बुलाया गया है.

Scindia family became a party
सिंधिया परिवार बना पक्षकार
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Published : May 3, 2023, 7:57 AM IST

ग्वालियर। कमला राजे चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से लगाए गए दावा प्रकरण में कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री एवं ट्रस्ट से जुड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही उनकी मां, पत्नी और बेटे को भी पक्षकार बनाया गया है. गौरतलब है कि तीन दशक पहले बने महालेखाकार कार्यालय के सामने के रेलवे ओवर ब्रिज की जमीन को कमला राजे चैरिटेबल ट्रस्ट ने अपनी बताया है और इसके एवज में 7 करोड़ रुपए का मुआवजा लेने के लिए कोर्ट में दावा पेश किया है.

ट्रस्ट के सचिव को वादी मानने का न्यायालय का इनकार: इस मामले में शासन की ओर से अपनी भी सफाई पेश की गई है और जमीन को सरकारी बताया है. दावा मजबूत करने के लिए राजस्व अधिकारी ने 1950 के खसरे भी पेश किए हैं, जिनमें यह जमीन सरकारी बताई गई है. न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिजनों सहित अन्य ट्रस्टियों को 12 मई तक पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं. इन लोगों में सचिव विजय सिंह फाल्के को वादी नहीं बनाया गया है.

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सिंधिया परिवार पूरी कर सकता है कागजी कार्रवाई: मामले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा उनकी मां एवं ट्रस्ट की चेयरमैन माधवी राजे सिंधिया, पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, बेटा महाआर्यमन सिंधिया, मृणालिनी सिंह और के भास्करण शामिल हैं. न्यायालय ने साफ किया है कि वाद पत्र पर सभी ट्रस्टियों या अधिकृत प्रबंध न्यासी के हस्ताक्षर करा कर सत्यापन कराना होगा. ऐसे में संभावना है कि सिंधिया परिवार किसी अन्य ट्रस्टी को अपनी ओर से अधिकृत कर सकता है और वह न्यायालय में उपस्थित होकर कागजी कार्रवाई पूरी कर सकते हैं.

ग्वालियर। कमला राजे चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से लगाए गए दावा प्रकरण में कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री एवं ट्रस्ट से जुड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही उनकी मां, पत्नी और बेटे को भी पक्षकार बनाया गया है. गौरतलब है कि तीन दशक पहले बने महालेखाकार कार्यालय के सामने के रेलवे ओवर ब्रिज की जमीन को कमला राजे चैरिटेबल ट्रस्ट ने अपनी बताया है और इसके एवज में 7 करोड़ रुपए का मुआवजा लेने के लिए कोर्ट में दावा पेश किया है.

ट्रस्ट के सचिव को वादी मानने का न्यायालय का इनकार: इस मामले में शासन की ओर से अपनी भी सफाई पेश की गई है और जमीन को सरकारी बताया है. दावा मजबूत करने के लिए राजस्व अधिकारी ने 1950 के खसरे भी पेश किए हैं, जिनमें यह जमीन सरकारी बताई गई है. न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिजनों सहित अन्य ट्रस्टियों को 12 मई तक पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं. इन लोगों में सचिव विजय सिंह फाल्के को वादी नहीं बनाया गया है.

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