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30 घंटे से लापता बेटे की तलाश में भटक रहे कॉलेज संचालक को मिली लाश, जिसे पढ़ाया उसी ने कर दी हत्या

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Published : Dec 28, 2022, 8:54 PM IST

Updated : Dec 28, 2022, 11:02 PM IST

ग्वालियर में कॉलेज संचालक के लापता बेटे का शव मिल गया है. डेड बॉडी को आरोपी ठिकाने लगाने के लिए झांसी के पास ले गए थे. करारी स्टेशन के पास जंगल में झाड़ियों में जलाकर डेड बॉडी को फेंक दिया था ग्वालियर पुलिस ने अधजली अवस्था में लाश को बरामद कर लिया है. नामजद आरोपी के साथ 2 अन्य लोग भी पुलिस हिरासत में हैं.

Gwalior College Director Son Abduction
ग्वालियर कॉलेज संचालक के बेटे की हत्या

ग्वालियर। कॉलेज संचालक प्रशांत परमार के बेटे प्रखर परमार की अपहरण के बाद हत्या और फिर शव को जलाकर जंगल में फेंक दिया गया था. प्रखर के अपहरण और हत्या का आरोप नगर निगम के कर्मचारी करन वर्मा पर लगा है. आनन-फानन में पुलिस ने करन वर्मा के साथ उसके दो सहयोगियों को हिरासत में ले लिया. प्रखर की बॉडी को लेकर बार-बार वह गुमराह कर रहा था. पुलिस उत्तर प्रदेश के बरूआ सागर डैम में बॉडी की तलाश कर रही थी. इस दौरान कॉलेज संचालक के लापता बेटे का शव करारी स्टेशन के पास जंगल में झाड़ियों में मिल गया. पुलिस ने इस मामले में नगर निगम कर्मचारी को गिरफ्तार किया है. उसने पुलिस को बताया कि पैसों के विवाद में युवक की हत्या कर दी गई थी, लेकिन शव कहां फेंका था, यह नहीं बताया था.

गुमराह कर रहा था हत्यारा: इससे पहले मृतक के पिता प्रशांत परमार का कहना था कि, 26 घंटे से पुलिस के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन पुलिस मेरे बच्चें की बॉडी मुझे नही दे पा रही है. बार-बार मेरे बेटे का हत्यारा करन वर्मा गुमराह कर रहा है. प्रशांत परमार का कहना है कि उनके बेटे का हत्यारा उनके ही कॉलेज का पूर्व स्टूडेंट करन वर्मा है. जो अब नगर निगम में नौकर रहा है. प्रशांत का आरोप है. उन्होनें जमीन के सिलसिले में करन को सात लाख रूपए दिए थे. वो उसे लौटा नही रहा था. कल करन फोन आया था. वो पैसे लोटने के तैयार हो गया. मैनें बेटे प्रखर को उसके पास भेज दिया. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसका अपहरण किया ओर उसकी हत्या कर दी है.

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आरोपी करन भी गिरफ्तार: प्रशांत का कहना था कि, देर शाम तक प्रखर वापस नहीं लौटा. उसका फोन भी स्विच ऑफ था. प्रशांत ने देर शाम यूनिवर्सिटी थाना पुलिस को खबर दी. पुलिस ने नगर निगम के बाहर से आरोपी की गाड़ी पकड़ी और फिर आरोपी करन को भी दबोच लिया. करन ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दो साथियों के साथ प्रखर को बुलाकर गाड़ी में बैठाया और उसके बाद ग्वालियर शहर से निकलते ही कट्टे से 2 गोलियां मारकर प्रखर को मौत के घाट उतार दिया. उसकी लाश को ले जाकर दतिया-झांसी के बीच ठिकाने लगा दिया. ग्वालियर एसपी ने इस मामले में चार पुलिस टीम का गठन किया था जो उत्तर प्रदेश के बरूआ सागर डेम के साथ संभावित स्थानों पर बॉडी को ढ़ूंढ रही है.

ईओडब्लू की हुई थी कार्रवाई: प्रखर हत्याकांड की सूचान मिलने के बाद सैकड़ों लोगों का यूनिवर्सिटी थाने में जमावड़ा लगा हुआ है. कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार भी यूनिवर्सिटी थाने पहुंच गए है. आपको बता दें प्रशांत परमार मध्य प्रदेश का मशहूर कॉलेज संचालक हैं. शहर में उनके दो दर्जन से ज्यादा कॉलेज संचालित होते हैं. इनमें नर्सिंग, डीएड, बीएड कॉलेज शामिल है. कुछ महीने पहले ही प्रशांत परमार के यहां ईओडब्लू की कार्रवाई हुई थी. जिसमें उन पर करोड़ों रूपए की बेनामी सम्पत्ति मिली थी.

जिसे पढ़ाया उसी ने बेटे को उतारा मौत के घाट: घटना को लेकर प्रशांत परमार ने बताया कि नगर निगम में करण वर्मा नाम का एक कर्मचारी था. जिसे प्रशांत परमार ने खुद के कॉलेज में पढ़ाया था. करण वर्मा नगर निगम में नौकरी करता था. उन्होंने बताया आनंद नगर में एक मकान के सिलसिले में उनको मंजूरी लेनी थी. जिस के संबंध में करण वर्मा से चर्चा हुई थी. करण वर्मा ने मंजूरी के एवज में 7 लाख 80 हजार की डिमांड की थी. डेढ़ लाख रुपये उस पर पूर्व के उधार चले जा रहे थे. प्रशांत परमार ने बताया मंजूरी के पैसे जमा कराने के लिए 26 दिसंबर को इकलौते पुत्र प्रखर परमार को नगर निगम भेजा था, लेकिन इसके बाद वापस नहीं लौटा. पुत्र प्रखर परमार के घर नहीं लौटने पर परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई. ग्वालियर पुलिस को घटना से अवगत कराया गया. पिता प्रशांत परमार की हत्या की शक की सुई नगर निगम कर्मचारी करण वर्मा पर चली गई. उन्होंने पुलिस पर ढिलाई बरतने के भी आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया आरोपी के बारे में बताने के बावजूद भी पुलिस ने सख्ती से काम नहीं किया.

ऐसे दिया वारदात को अंजाम: पुलिस की मानें तो प्रखर परमार मंजूरी कराने के लिए 7 लाख 80 हजार रुपये नगर निगम कार्यालय जमा कराने गया था. इसके बाद करण वर्मा प्रखर की ही गाड़ी में दो अन्य साथियों को बिठाकर सुनसान स्थान पर ले गया. चलती गाड़ी में कार की अगली सीट पर बैठे प्रखर परमार की गर्दन में पीछे की सीट पर बैठे दो युवकों ने रस्सी से गर्दन में फांसी का फंदा लगा दिया. इसके बाद गोली मारकर हत्या कर दी. लाश को ठिकाने लगाने के लिए आरोपी उत्तर प्रदेश के झांसी शहर के नजदीक करारी स्टेशन के पास जंगल में ले गए. जहां आरोपियों ने आग लगाकर लाश को जंगल में फेंक दिया.

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प्रशांत परमार कर रहे विधायकी की दावेदारी: भाजपा नेता प्रशांत परमार बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से आगामी चुनाव की दावेदारी कर रहे हैं. उनके द्वारा लगातार क्षेत्र में लोगों से जन संपर्क किया जा रहा है. विगत 1 साल से जिले की राजनीति में सक्रिय हैं. ग्वालियर शहर के साथ धौलपुर जिले में भी प्रशांत परमार को बड़े कद का नेता माना जाता है. भाजपा नेता प्रशांत परमार के पुत्र प्रखर परमार के अपहरण और हत्या की खबरें जिले भर में बुधवार सुबह से ही सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही थी. प्रखर परमार की मौत से बीजेपी के नेताओं में शोक की लहर देखी जा रही है. प्रशांत परमार के कार्यालय कंचनपुर गांव में भारी तादाद में उनके समर्थक और कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं.

ग्वालियर। कॉलेज संचालक प्रशांत परमार के बेटे प्रखर परमार की अपहरण के बाद हत्या और फिर शव को जलाकर जंगल में फेंक दिया गया था. प्रखर के अपहरण और हत्या का आरोप नगर निगम के कर्मचारी करन वर्मा पर लगा है. आनन-फानन में पुलिस ने करन वर्मा के साथ उसके दो सहयोगियों को हिरासत में ले लिया. प्रखर की बॉडी को लेकर बार-बार वह गुमराह कर रहा था. पुलिस उत्तर प्रदेश के बरूआ सागर डैम में बॉडी की तलाश कर रही थी. इस दौरान कॉलेज संचालक के लापता बेटे का शव करारी स्टेशन के पास जंगल में झाड़ियों में मिल गया. पुलिस ने इस मामले में नगर निगम कर्मचारी को गिरफ्तार किया है. उसने पुलिस को बताया कि पैसों के विवाद में युवक की हत्या कर दी गई थी, लेकिन शव कहां फेंका था, यह नहीं बताया था.

गुमराह कर रहा था हत्यारा: इससे पहले मृतक के पिता प्रशांत परमार का कहना था कि, 26 घंटे से पुलिस के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन पुलिस मेरे बच्चें की बॉडी मुझे नही दे पा रही है. बार-बार मेरे बेटे का हत्यारा करन वर्मा गुमराह कर रहा है. प्रशांत परमार का कहना है कि उनके बेटे का हत्यारा उनके ही कॉलेज का पूर्व स्टूडेंट करन वर्मा है. जो अब नगर निगम में नौकर रहा है. प्रशांत का आरोप है. उन्होनें जमीन के सिलसिले में करन को सात लाख रूपए दिए थे. वो उसे लौटा नही रहा था. कल करन फोन आया था. वो पैसे लोटने के तैयार हो गया. मैनें बेटे प्रखर को उसके पास भेज दिया. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसका अपहरण किया ओर उसकी हत्या कर दी है.

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आरोपी करन भी गिरफ्तार: प्रशांत का कहना था कि, देर शाम तक प्रखर वापस नहीं लौटा. उसका फोन भी स्विच ऑफ था. प्रशांत ने देर शाम यूनिवर्सिटी थाना पुलिस को खबर दी. पुलिस ने नगर निगम के बाहर से आरोपी की गाड़ी पकड़ी और फिर आरोपी करन को भी दबोच लिया. करन ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दो साथियों के साथ प्रखर को बुलाकर गाड़ी में बैठाया और उसके बाद ग्वालियर शहर से निकलते ही कट्टे से 2 गोलियां मारकर प्रखर को मौत के घाट उतार दिया. उसकी लाश को ले जाकर दतिया-झांसी के बीच ठिकाने लगा दिया. ग्वालियर एसपी ने इस मामले में चार पुलिस टीम का गठन किया था जो उत्तर प्रदेश के बरूआ सागर डेम के साथ संभावित स्थानों पर बॉडी को ढ़ूंढ रही है.

ईओडब्लू की हुई थी कार्रवाई: प्रखर हत्याकांड की सूचान मिलने के बाद सैकड़ों लोगों का यूनिवर्सिटी थाने में जमावड़ा लगा हुआ है. कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार भी यूनिवर्सिटी थाने पहुंच गए है. आपको बता दें प्रशांत परमार मध्य प्रदेश का मशहूर कॉलेज संचालक हैं. शहर में उनके दो दर्जन से ज्यादा कॉलेज संचालित होते हैं. इनमें नर्सिंग, डीएड, बीएड कॉलेज शामिल है. कुछ महीने पहले ही प्रशांत परमार के यहां ईओडब्लू की कार्रवाई हुई थी. जिसमें उन पर करोड़ों रूपए की बेनामी सम्पत्ति मिली थी.

जिसे पढ़ाया उसी ने बेटे को उतारा मौत के घाट: घटना को लेकर प्रशांत परमार ने बताया कि नगर निगम में करण वर्मा नाम का एक कर्मचारी था. जिसे प्रशांत परमार ने खुद के कॉलेज में पढ़ाया था. करण वर्मा नगर निगम में नौकरी करता था. उन्होंने बताया आनंद नगर में एक मकान के सिलसिले में उनको मंजूरी लेनी थी. जिस के संबंध में करण वर्मा से चर्चा हुई थी. करण वर्मा ने मंजूरी के एवज में 7 लाख 80 हजार की डिमांड की थी. डेढ़ लाख रुपये उस पर पूर्व के उधार चले जा रहे थे. प्रशांत परमार ने बताया मंजूरी के पैसे जमा कराने के लिए 26 दिसंबर को इकलौते पुत्र प्रखर परमार को नगर निगम भेजा था, लेकिन इसके बाद वापस नहीं लौटा. पुत्र प्रखर परमार के घर नहीं लौटने पर परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई. ग्वालियर पुलिस को घटना से अवगत कराया गया. पिता प्रशांत परमार की हत्या की शक की सुई नगर निगम कर्मचारी करण वर्मा पर चली गई. उन्होंने पुलिस पर ढिलाई बरतने के भी आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया आरोपी के बारे में बताने के बावजूद भी पुलिस ने सख्ती से काम नहीं किया.

ऐसे दिया वारदात को अंजाम: पुलिस की मानें तो प्रखर परमार मंजूरी कराने के लिए 7 लाख 80 हजार रुपये नगर निगम कार्यालय जमा कराने गया था. इसके बाद करण वर्मा प्रखर की ही गाड़ी में दो अन्य साथियों को बिठाकर सुनसान स्थान पर ले गया. चलती गाड़ी में कार की अगली सीट पर बैठे प्रखर परमार की गर्दन में पीछे की सीट पर बैठे दो युवकों ने रस्सी से गर्दन में फांसी का फंदा लगा दिया. इसके बाद गोली मारकर हत्या कर दी. लाश को ठिकाने लगाने के लिए आरोपी उत्तर प्रदेश के झांसी शहर के नजदीक करारी स्टेशन के पास जंगल में ले गए. जहां आरोपियों ने आग लगाकर लाश को जंगल में फेंक दिया.

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प्रशांत परमार कर रहे विधायकी की दावेदारी: भाजपा नेता प्रशांत परमार बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से आगामी चुनाव की दावेदारी कर रहे हैं. उनके द्वारा लगातार क्षेत्र में लोगों से जन संपर्क किया जा रहा है. विगत 1 साल से जिले की राजनीति में सक्रिय हैं. ग्वालियर शहर के साथ धौलपुर जिले में भी प्रशांत परमार को बड़े कद का नेता माना जाता है. भाजपा नेता प्रशांत परमार के पुत्र प्रखर परमार के अपहरण और हत्या की खबरें जिले भर में बुधवार सुबह से ही सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही थी. प्रखर परमार की मौत से बीजेपी के नेताओं में शोक की लहर देखी जा रही है. प्रशांत परमार के कार्यालय कंचनपुर गांव में भारी तादाद में उनके समर्थक और कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं.

Last Updated : Dec 28, 2022, 11:02 PM IST
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