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Gwalior Crime News: कलेक्ट्रेट में एक परिवार ने किया आत्मदाह का प्रयास, अधिकारियों पर लगाया गंभीर आरोप - ग्वालियर कलेक्ट्रेट परिवार ने की आत्मदाह की कोशिश

ग्वालियर में कलेक्टर जनसुनवाई में एक परिवार आत्मदाह का प्रयास करने लगा. पीड़ित परिवार अपनी समस्या को लेकर जनसुनवाई में पहुंचा था, जहां उस समस्या का उपाय नहीं होने पर पूरे परिवार से सुसाइड करने की कोशिश की.

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ग्वालियर कलेक्ट्रेट में परिवार ने की आत्मदाह की कोशिश
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Published : Jan 17, 2023, 7:00 PM IST

ग्वालियर कलेक्ट्रेट में परिवार ने की आत्मदाह की कोशिश

ग्वालियर। जिला कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान उस समय अफरा तफरी मच गई, जब एक परिवार जनसुनवाई में आत्मदाह करने की कोशिश करने लगा. जनसुनवाई में पहुंचे एक परिवार ने अपने मकान तोड़े जाने और जमीन के बदले उसी स्थान पर दूसरी जमीन ना दिए जाने से नाराज होकर एक साथ 7 लोगों ने जनसुनवाई कक्ष में आत्मदाह का प्रयास किया. जिसके बाद यहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने आनन-फानन में आत्मदाह का प्रयास कर रहे लोगों को शांत कराया.

जनसुनवाई में आत्मदाह की कोशिश: ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में अपनी समस्या लेकर पहुंचे एक परिवार ने आत्मदाह का प्रयास किया, लेकिन जनसुनवाई में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इन सभी को रोक लिया और किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हो पाई. पीड़ित परिवार का कहना है कि, कलेक्ट्रेट के पास जिला पंचायत के नवीन भवन के लिए प्रशासन द्वारा गोपाल जाटव और किशोर जाटव के मकान तोड़े गए थे. उस समय वादा किया गया था कि पास में ही दूसरी भूमि मुहैया कराई जाएगी, लेकिन उन्हें जो पट्टा दिया गया है वह केदारपुर में दिया गया. जहां पीड़ित परिवार जाना नहीं चाहता है. ऐसे में परिवार के मुखिया गोपाल जाटव, किशोर जाटव, गीता देवी, ज्योति, रेनू और हेमंत ने मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई कक्ष में आत्महत्या की कोशिश की.

अधिकारियों ने आरोपों को बताया निराधार: प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि, इनके मकान शासकीय भूमि पर अवैध रूप से बने हुए थे और मकान तोड़े जाने के बाद पूरा परिवार जिला पंचायत के बेसमेंट में स्थाई रूप से रह रहा है. इन्हें केदारपुर में पट्टे भी मुहैया कराए गए हैं, लेकिन यह लोग वहां जाना नहीं चाहते हैं. इस कारण इन्होंने यह हंगामा किया है. मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है और जो आरोप लगाए गए पूरी तरह निराधार हैं.

MP Shivpuri कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान दंपती ने किया पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने का प्रयास

जनसुनवाई में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना: अभी हाल में ही 4 दिन पहले कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान आदिवासी महिलाओं ने हंगामा करते हुए सुसाइड करने का प्रयास किया था, लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों ने महिलाओं को पकड़ लिया और उसे बाहर निकाल दिया था. आदिवासी महिलाओं का कहना था कि, प्रशासन ने पहले उनका जाति प्रमाण पत्र बनाया और उसके 2 महीने बाद उनको निरस्त कर दिया. हम लगातार पिछले 6 महीने से दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है. उनके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया है. साथ ही उन्हें कोई मदद सरकार की तरफ से नहीं मिल पा रही है. इस घटना के बाद मंगलवार को फिर एक और घटना जन सुनवाई के दौरान सामने आई है.

ग्वालियर कलेक्ट्रेट में परिवार ने की आत्मदाह की कोशिश

ग्वालियर। जिला कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान उस समय अफरा तफरी मच गई, जब एक परिवार जनसुनवाई में आत्मदाह करने की कोशिश करने लगा. जनसुनवाई में पहुंचे एक परिवार ने अपने मकान तोड़े जाने और जमीन के बदले उसी स्थान पर दूसरी जमीन ना दिए जाने से नाराज होकर एक साथ 7 लोगों ने जनसुनवाई कक्ष में आत्मदाह का प्रयास किया. जिसके बाद यहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने आनन-फानन में आत्मदाह का प्रयास कर रहे लोगों को शांत कराया.

जनसुनवाई में आत्मदाह की कोशिश: ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में अपनी समस्या लेकर पहुंचे एक परिवार ने आत्मदाह का प्रयास किया, लेकिन जनसुनवाई में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इन सभी को रोक लिया और किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हो पाई. पीड़ित परिवार का कहना है कि, कलेक्ट्रेट के पास जिला पंचायत के नवीन भवन के लिए प्रशासन द्वारा गोपाल जाटव और किशोर जाटव के मकान तोड़े गए थे. उस समय वादा किया गया था कि पास में ही दूसरी भूमि मुहैया कराई जाएगी, लेकिन उन्हें जो पट्टा दिया गया है वह केदारपुर में दिया गया. जहां पीड़ित परिवार जाना नहीं चाहता है. ऐसे में परिवार के मुखिया गोपाल जाटव, किशोर जाटव, गीता देवी, ज्योति, रेनू और हेमंत ने मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई कक्ष में आत्महत्या की कोशिश की.

अधिकारियों ने आरोपों को बताया निराधार: प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि, इनके मकान शासकीय भूमि पर अवैध रूप से बने हुए थे और मकान तोड़े जाने के बाद पूरा परिवार जिला पंचायत के बेसमेंट में स्थाई रूप से रह रहा है. इन्हें केदारपुर में पट्टे भी मुहैया कराए गए हैं, लेकिन यह लोग वहां जाना नहीं चाहते हैं. इस कारण इन्होंने यह हंगामा किया है. मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है और जो आरोप लगाए गए पूरी तरह निराधार हैं.

MP Shivpuri कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान दंपती ने किया पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने का प्रयास

जनसुनवाई में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना: अभी हाल में ही 4 दिन पहले कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान आदिवासी महिलाओं ने हंगामा करते हुए सुसाइड करने का प्रयास किया था, लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों ने महिलाओं को पकड़ लिया और उसे बाहर निकाल दिया था. आदिवासी महिलाओं का कहना था कि, प्रशासन ने पहले उनका जाति प्रमाण पत्र बनाया और उसके 2 महीने बाद उनको निरस्त कर दिया. हम लगातार पिछले 6 महीने से दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है. उनके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया है. साथ ही उन्हें कोई मदद सरकार की तरफ से नहीं मिल पा रही है. इस घटना के बाद मंगलवार को फिर एक और घटना जन सुनवाई के दौरान सामने आई है.

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