ग्वालियर। देश के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर का एक चाय वाला इन दिनों काफी सुर्खियों में है. शहर में चाय बेचने वाले आनंद कुशवाह 28वीं बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने आज ग्वालियर पूर्व विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी से उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है. वह नीली टोपी, नील कपड़ा और नील जूते पहनकर अपनी साइकिल से कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने नामांकन दाखिल किया. चुनाव लड़ने का इतना बड़ा जुनून है कि वह पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक 27 बार चुनाव लड़ चुके हैं. उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन अभी तक उन्होंने अपने मन से हार नहीं मानी है. वह जब हर बार मध्य प्रदेश में कोई ना कोई चुनाव आता है, तो उसमें उम्मीदवार के रूप में जरूर खड़े होते हैं.
चाय बेचने वाले आनंद सिंह कुशवाहा कहना है, जब इस देश में चाय वाला प्रधानमंत्री बन सकता है, तो मैं सांसद, विधायक क्यों नहीं बन सकता हूं. इसलिए मैं हर बार चुनावी मैदान में आता हूं और मुझे उम्मीद है कि किसी न किसी दिन जनता मुझे अपना नेता चुनकर विधानसभा तक पहुंचाएगी. आनंद सिंह कुशवाहा सन 1994 से चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले वह राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति, सांसद, विधायक, महापौर और पार्षद के 27 चुनाव लड़ चुके हैं.
28वीं बार नामांकन दाखिल करने पहुंचे: इसी कड़ी में आनंद कुशवाहा आज 28वीं बार चुनाव लड़ने के लिए कलेक्ट में अपना नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे. जहां उन्होंने ग्वालियर पूर्व विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है. सबसे खास बात यह है कि आनंद सिंह कुशवाहा नामांकन दाखिल करने के लिए साइकिल से पहुंचे. उन्होंने पार्टी के रंग यानी नीले रंग के कपड़े पहने टोपी जूते भी नीले रंग के थे. उन्होंने कहा कि इस बार भी वह चुनावी मैदान में है और बेरोजगारी महंगाई, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर वह जनता के बीच में जाएंगे.
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सादे ढंग से करते हैं चुनाव प्रचार: 28वीं बार चुनाव लड़ रहे आनंद सिंह कुशवाह का कहना है कि वह प्रचार प्रसार के लिए वीआईपी गाड़ी या लग्जरी गाड़ियों का उपयोग नहीं करते हैं. वह अपना पूरा चुनाव प्रचार साइकिल से करते हैं. साइकिल से ही वह लोगों के बीच में जाते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आनंद सिंह कुशवाहा ने बताया है कि एक बार पार्षद के चुनाव में उनके समाज के नेता और मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा से विवाद हो गया था, तब नारायण सिंह कुशवाहा और आनंद सिंह कुशवाहा ने एक ही बार से पार्षद का चुनाव लड़ा था. उस दौरान दोनों के बीच कुछ विवाद हो गया और उसके बाद आनंद सिंह कुशवाह ने ठान लिया कि इसका बदला लेने के लिए वह चुनाव लड़ता रहेगा. तब से लेकर अब तक आनंद सिंह कुशवाह उसके हर चुनाव में उम्मीदवार के रूप में खड़े होते हैं, लेकिन जनता का प्यार न मिलने के कारण वह हर बार हार जाते हैं.