ग्वालियर। सेंट्रल जेल में कैदियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय के सहयोग से जेल प्रशासन ने एक नवाचार शुरू किया है. जिसमें कैदियों को डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए शिक्षित और हायर एजुकेशन किया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें कौशल भी सिखाया जाएगा. जिससे भी अपनी जेल की अवधि काटने के बाद खुली दुनिया में अपना स्वरोजगार शुरू कर सकें. खास बात यह है कि कैदियों ने सबसे ज्यादा रूचि ज्योतिष विद्या में दिखाई है. पहले दिन राज्यपाल मंगू भाई पटेल की मौजूदगी में 62 कैदियों ने 6 सर्टिफिकेट कोर्सों में प्रवेश लिया है. इस मौके पर संभागीय आयुक्त दीपक सिंह जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी सहित कलेक्टर और एसपी भी मौजूद थे.
केंद्रीय जेल में डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर का शुभारंभ: केंद्रीय जेल में शनिवार को डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर का शुभारंभ हुआ. जीवाजी विश्वविद्यालय ने यह स्टडी सेंटर शुरू किया है. जेल में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने स्टडी सेंटर का शुभारंभ किया. जीवाजी विश्विद्यालय जेल में बंद कैदियों को 6 सर्टिफिकेट कोर्स कराएगा. पहले दिन 62 कैदियों ने सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला लिया, जिनमें सबसे ज्यादा रुचि कॉस्मेटिक और फलित ज्योतिष्य कोर्स में देखने को मिली. इन कैदियों ने दाखिला लिया है.
कैदी शिक्षित होकर नई जिंदगी शुरू कर सकेंगे: ग्वालियर केंद्रीय जेल में साढ़े तीन हजार से ज्यादा कैदी बन्द है. उन्हें अपने साथ वाले भी आपराधिक प्रवृत्ति अथवा किसी कारणवश अपराध हो जाने के बाद जेल काटने वालों से सामना करना पड़ता है. ऐसे माहौल में वे शिक्षा से एकदम कट जाते हैं. कोई शिक्षा की बात करने वाला जेल के भीतर नहीं होता, लेकिन इस नए प्रयोग से अब शिक्षा हासिल कर बंदी सजा पूरी कर बन्धु बनकर समाज के बीच आएंगे और एक नई जिंदगी शुरू कर सकेंगे. केंद्रीय कारागार में राज्यपाल मंगू भाई पटेल का पहली बार आगमन हुआ था. कैदियों की ओर से उनका जोरदार स्वागत किया गया. जेल प्रशासन और जिला प्रशासन में भी इस नवाचार के लिए सभी का आभार माना है.