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लंबित वेतन का भुगतान नहीं करने पर कोर्ट ने PHE विभाग के दो अफसरों पर लगाया जुर्माना

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Published : Oct 28, 2020, 5:23 PM IST

दो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन और एरियर की राशि का पांच साल तक भुगतान नहीं करने पर, पीएचई के प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता पर 25- 25 हजार रुपए का जुर्माना ग्वालियर खंडपीठ ने अधिरोपित किया है. इसके साथ ही इन रुपयों में से 15-15 हजार रुपए दोनों कर्मचारियों को हर्जाने के रूप में दिया जाए, जबकि बाकि राशि को सिविल डिस्पेंसरी मुरार को विकास कार्यों के लिए सौंपेने के निर्देश दिए हैं.

Gwalior bench
ग्वालियर खंडपीठ

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन और एरियर की राशि का पांच साल तक भुगतान नहीं करने पर पीएचई के प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता पर 25- 25 हजार रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन रुपयों में से 15-15 हजार रुपए दोनों कर्मचारियों को हर्जाने के रूप में दिया जाए, जबकि बाकि राशि को सिविल डिस्पेंसरी मुरार को विकास कार्यो के लिए सौंपी जाए.

हाईकोर्ट ने पीएचई के दो अफसरों पर लगाई 25-25 हजार की कॉस्ट

दरअसल पीएचई विभाग में खलासी के रूप में रामदास कुशवाह पदस्थ थे, जबकि गोपाल कुशवाह मैकेनिक के रूप में पदस्थ थे. इन दोनों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने अपने लंबित भुगतान के लिए 2010 में से कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर अगले ही साल मई 2011 में आदेश दिए थे कि दोनों ही कर्मचारियों को 2004 से नियमित भुगतान और उनके एरियर का भुगतान किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने दायर एसएलपी को किया था रद्द

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लंबित भुगतान को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. जिसमें 2015 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लंबित मामलों में उन्हें नियमितीकरण का लाभ देने एवं एरियर का भुगतान करने के निर्देश दिए गए. बावजूद इसके 5 सालों से दोनों ही कर्मचारियों का लंबित भुगतान नहीं हो पा रहा था, जिसे लेकर दोनों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. जिसमें हाईकोर्ट ने पीएचई के प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता पर 25 -25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है और उन्हें एक महीने के भीतर उसका भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दोनों कर्मचारियों को साढ़े तीन लाख और साढ़े पांच लाख रुपए का भुगतान किया गया है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन और एरियर की राशि का पांच साल तक भुगतान नहीं करने पर पीएचई के प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता पर 25- 25 हजार रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन रुपयों में से 15-15 हजार रुपए दोनों कर्मचारियों को हर्जाने के रूप में दिया जाए, जबकि बाकि राशि को सिविल डिस्पेंसरी मुरार को विकास कार्यो के लिए सौंपी जाए.

हाईकोर्ट ने पीएचई के दो अफसरों पर लगाई 25-25 हजार की कॉस्ट

दरअसल पीएचई विभाग में खलासी के रूप में रामदास कुशवाह पदस्थ थे, जबकि गोपाल कुशवाह मैकेनिक के रूप में पदस्थ थे. इन दोनों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने अपने लंबित भुगतान के लिए 2010 में से कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर अगले ही साल मई 2011 में आदेश दिए थे कि दोनों ही कर्मचारियों को 2004 से नियमित भुगतान और उनके एरियर का भुगतान किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने दायर एसएलपी को किया था रद्द

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लंबित भुगतान को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. जिसमें 2015 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लंबित मामलों में उन्हें नियमितीकरण का लाभ देने एवं एरियर का भुगतान करने के निर्देश दिए गए. बावजूद इसके 5 सालों से दोनों ही कर्मचारियों का लंबित भुगतान नहीं हो पा रहा था, जिसे लेकर दोनों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. जिसमें हाईकोर्ट ने पीएचई के प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता पर 25 -25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है और उन्हें एक महीने के भीतर उसका भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दोनों कर्मचारियों को साढ़े तीन लाख और साढ़े पांच लाख रुपए का भुगतान किया गया है.

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