ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के राजस्व पर कोरोना का बुरा असर पड़ने वाला है. राज्य शासन ने छात्रों को जनरल प्रमोशन देकर अगली कक्षाओं में भेजने के निर्देश जारी किए हैं. जिसके चलते विश्वविद्यालय को मिलने वाली परीक्षा फीस, करीब 18 करोड़ रुपए की राशि इस बार नहीं मिली. शासन की तरफ से परीक्षा फीस की वसूली को लेकर अभी कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं.
ग्वालियर- चंबल संभाग में आठ जिलों के शासकीय और अशासकीय महाविद्यालय जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं. जिनमें ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में करीब डेढ़ लाख छात्र अध्ययनरत हैं. चूंकि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार परीक्षाएं नहीं हो पाएंगी, इसलिए छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया जा रहा है. जिसका असर विश्वविद्यालय के राजस्व पर पड़ सकता है. परीक्षा फीस के एवज में मिलने वाली राशि की भरपाई किस तरह हो पाएगी, इसको लेकर विश्वविद्यालय राज्य शासन के अगले आदेश का इंतजार कर रहा है.
एक अनुमान के मुताबिक, परीक्षा फीस के एवज में प्रति छात्र से विश्वविद्यालय को लगभग 12 सौ रुपए मिलते हैं. इस तरह डेढ़ लाख छात्रों की परीक्षा फीस के रूप में विश्वविद्यालय को करीब 18 करोड़ मिलते थे. खास बात ये है कि, कुछ परीक्षार्थियों ने कोरोना काल से पहले अपना शुल्क भी जमा कर दिया है. सरकार के स्पष्ट निर्देश नहीं मिलने से अब जमा हुई फीस का क्या होगा. विश्वविद्यालय के राजस्व की भरपाई के लिए क्या सरकार परीक्षा फीस वसूलने के निर्देश दे सकती है. इन सवालों का जवाब आने वाले वक्त में मिल पाएगा.