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रानी लक्ष्मीबाई को चार घंटे की दी गई मौन श्रद्धांजलि, वीरांगना बलिदान मेले का हुआ समापन - laxmi bai balidan mela

ग्वालियर जिले में रानी लक्ष्मीबाई बलिदान मेले के दूसरे दिन 4 घंटे की मौन श्रद्धांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर पूर्व मंत्री जयंत पवैया ने चीन की सीमा पर शहीद हुए भारतीय सैनिकों को भी याद किया और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. मौन श्रद्धांजलि सभा के साथ ही दो दिवसीय बलिदान मेले का गुरुवार को समापन हो गया.

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वीरांगना बलिदान मेला
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Published : Jun 18, 2020, 9:30 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 11:07 PM IST

ग्वालियर। जिले के प्रसिद्ध रानी लक्ष्मीबाई बलिदान मेले के दूसरे दिन फूलबाग परिसर स्थित मैदान में 4 घंटे की मौन श्रद्धांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया. कोरोना संक्रमण के कारण इस साल दो दिवसीय कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया. झांसी के किले से शहीद ज्योति यात्रा बुधवार शाम को ग्वालियर पहुंची थी, जहां ग्वालियर के पड़ाव चौराहे पर मेला अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया और सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने शहीद ज्योति यात्रा की अगवानी की. ज्योति को लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर स्थापित किया गया.

वीरांगना बलिदान मेला
मनाया गया 162वां बलिदान दिवस
बलिदान मेले के दूसरे दिन गुरुवार की सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक मौन श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में पूर्व मंत्री जयभान पवैया और बीजेपी के कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए धरना स्थल पर बैठे. बता दें, वीरांगना लक्ष्मीबाई का यह 162वां बलिदान दिवस है. ग्वालियर में पिछले 20 सालों से पूर्व मंत्री पवैया वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेले का आयोजन करते आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- वीरांगना बलिदान मेला: झांसी दुर्ग से समाधि स्थल पहुंची शहीद ज्योति यात्रा, दीपदान भी हुआ

बदला गया मेले का स्वरूप

बदले हालातों में इस साल मेले का स्वरूप भी बदला गया है. हर साल जहां पूर्व मंत्री पवैया रानी लक्ष्मीबाई के जरिए सिंधिया परिवार को घेरते आ रहे थे, इस साल ऐसा कुछ नहीं देखने को मिला, क्योंकि इस बार सिंधिया परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं.

कोरोना महामारी के कारण मेले को बेहद सीमित रखा गया है. इस बार नाटक का मंचन भी नहीं किया गया. इस मौके पर पूर्व मंत्री पवैया ने चीन की सीमा पर शहीद हुए भारतीय सैनिकों को भी याद किया और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए. मौन श्रद्धांजलि सभा के साथ ही दो दिवसीय बलिदान मेले का गुरुवार समापन हो गया.

ग्वालियर। जिले के प्रसिद्ध रानी लक्ष्मीबाई बलिदान मेले के दूसरे दिन फूलबाग परिसर स्थित मैदान में 4 घंटे की मौन श्रद्धांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया. कोरोना संक्रमण के कारण इस साल दो दिवसीय कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया. झांसी के किले से शहीद ज्योति यात्रा बुधवार शाम को ग्वालियर पहुंची थी, जहां ग्वालियर के पड़ाव चौराहे पर मेला अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया और सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने शहीद ज्योति यात्रा की अगवानी की. ज्योति को लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर स्थापित किया गया.

वीरांगना बलिदान मेला
मनाया गया 162वां बलिदान दिवस
बलिदान मेले के दूसरे दिन गुरुवार की सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक मौन श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में पूर्व मंत्री जयभान पवैया और बीजेपी के कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए धरना स्थल पर बैठे. बता दें, वीरांगना लक्ष्मीबाई का यह 162वां बलिदान दिवस है. ग्वालियर में पिछले 20 सालों से पूर्व मंत्री पवैया वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेले का आयोजन करते आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- वीरांगना बलिदान मेला: झांसी दुर्ग से समाधि स्थल पहुंची शहीद ज्योति यात्रा, दीपदान भी हुआ

बदला गया मेले का स्वरूप

बदले हालातों में इस साल मेले का स्वरूप भी बदला गया है. हर साल जहां पूर्व मंत्री पवैया रानी लक्ष्मीबाई के जरिए सिंधिया परिवार को घेरते आ रहे थे, इस साल ऐसा कुछ नहीं देखने को मिला, क्योंकि इस बार सिंधिया परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं.

कोरोना महामारी के कारण मेले को बेहद सीमित रखा गया है. इस बार नाटक का मंचन भी नहीं किया गया. इस मौके पर पूर्व मंत्री पवैया ने चीन की सीमा पर शहीद हुए भारतीय सैनिकों को भी याद किया और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए. मौन श्रद्धांजलि सभा के साथ ही दो दिवसीय बलिदान मेले का गुरुवार समापन हो गया.

Last Updated : Jun 18, 2020, 11:07 PM IST
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