ग्वालियर। पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को तगड़ा झटका लगा है. एमपी एमएलए कोर्ट में विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट में तर्क दिया कि राजा पटेरिया ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए तत्पर रहने का वक्तव्य दिया था, जो जन सामान्य को दुष्प्रेरित करने के मकसद से किया गया था. उन्होंने दलित आदिवासी तथा अल्पसंख्यक समुदाय को घृणा शत्रुता वैमनस्यता में झोंकने का प्रयास किया है, जो एक जनप्रतिनिधि रह चुके व्यक्ति के लिए कहीं से भी उचित नहीं है.
दोनों पक्षों में चली जिरह : कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल का आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या का उद्देश्य सिर्फ उनकी राजनीतिक रूप से हत्या से था. यानी उन्हें हराने से था. उनका यह भी कहना था कि राजा पटेरिया ने कोई भी अपराध नहीं किया है. वह दो बार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं और पूर्व मंत्री हैं. सिर्फ राजनीतिक द्वेषवश उनके खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है. अदालत में वह वीडियो भी चलाया गया, जिसमें कांग्रेस नेता राजा पटेरिया कथित वक्तव्य देते हुए सुनाई दे रहे हैं.
Gwalior Court पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को नहीं मिली जमानत
कोर्ट ने किया राहत देने से इंकार : वीडियो में कथित रूप से ये भी कहा है कि मोदी धर्म जाति भाषा के आधार पर देश को बांट देगा. आदिवासियों और अल्पसंख्यकों का भावी जीवन खतरे में है. वहीं, शासकीय अधिवक्ता ने अपने तर्क में कहा कि एक पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक के समर्थकों की बड़ी संख्या होती है. सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्तियों से संयमित एवं संतुलित भाषा की अपेक्षा होती है. सोशल मीडिया के दौर में पूर्व मंत्री द्वारा हत्या के लिए तत्पर रहो, का तात्पर्य हत्या से लगाया जा सकता है. दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए सुशील कुमार जोशी की कोर्ट ने राजा पटेरिया को राहत देने से इंकार कर दिया और उनकी याचिका को खारिज कर दिया है.