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भारत की हवाई ताकत में और इजाफा, ग्वालियर एयरबेस पर आई इजरायल के स्पाइस 2000 बमों की पहली खेप

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Published : Sep 17, 2019, 3:27 PM IST

भारतीय वायुसेना ने आपात खरीद प्रक्रिया के तहत इजरायल से जून में 250 करोड़ में 'मार्क 84 वॉरहेड' और बमों का सौदा किया था. जिसकी पहली खेप भारत पहुंच चुकी है. ये बम वायुसेना के ग्वालियर अड्डे को मिलने वाले हैं.

ग्वालियर एयरबेस पर आई इजरायल के 'स्पाइस 2000' बमों की पहली खेप

ग्वालियर। पाकिस्तान के साथ पिछले दिनों से चले आ रहे तनाव के बीच भारत की हवाई ताकत में और हिजाफा हुआ है. भारत की हवाई ताकत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी 'बिल्डिंग प्लास्टर स्पाइस -2000' बम मिलने से हुई है. बता दें कि यह बम पाकिस्तान के बालाकोट में तबाही मचाने वाले बमों का उन्नत संस्करण है.

ग्वालियर एयरबेस पर आई इजरायल के 'स्पाइस 2000' बमों की पहली खेप

भारतीय वायुसेना ने जून में ही आपात खरीद प्रक्रिया के तहत इजरायल से 250 करोड़ में 'मार्क 84 वॉरहेड' और बमों का सौदा किया था. जिसके तहत 100 से अधिक स्पाइस-2000 खरीदने हैं, जिसकी पहली खेप ग्वालियर स्थित वायुसेना के अड्डे पर पहुंच चुकी है. बता दें कि ग्वालियर मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का मुख्य ठिकाना है.

आपात खरीद की व्यवस्था मोदी सरकार ने ही शुरू की है. इसके तहत तीनों सेनाएं अपनी जरूरत के अनुसार हथियार और गोला बारूद लंबी प्रक्रिया में जाए बिना कुछ ही महीने में खरीद सकती हैं. बताया जा रहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक में जिन स्पाइस बमों का इस्तेमाल हुआ था, वे इन्हीं के पेनिट्रेटेड वर्जन के थे.

ये बम इमारत की छत पर छेद करते हुए अंदर जाता है. इससे बिल्डिंग नहीं गिरती है, लेकिन अंदर मौजूद लोगों को मार गिराता है. बालाकोट हमले की सफलता के बाद वायु सेना ने इन बमों की बड़ी संख्या में जरूरत महसूस की थी. यह बम बालाकोट हमले में प्रयुक्त बमों से ज्यादा शक्तिशाली है और बड़ी इमारतों को पूरी तरीके से नष्ट करने में सक्षम है.

ग्वालियर। पाकिस्तान के साथ पिछले दिनों से चले आ रहे तनाव के बीच भारत की हवाई ताकत में और हिजाफा हुआ है. भारत की हवाई ताकत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी 'बिल्डिंग प्लास्टर स्पाइस -2000' बम मिलने से हुई है. बता दें कि यह बम पाकिस्तान के बालाकोट में तबाही मचाने वाले बमों का उन्नत संस्करण है.

ग्वालियर एयरबेस पर आई इजरायल के 'स्पाइस 2000' बमों की पहली खेप

भारतीय वायुसेना ने जून में ही आपात खरीद प्रक्रिया के तहत इजरायल से 250 करोड़ में 'मार्क 84 वॉरहेड' और बमों का सौदा किया था. जिसके तहत 100 से अधिक स्पाइस-2000 खरीदने हैं, जिसकी पहली खेप ग्वालियर स्थित वायुसेना के अड्डे पर पहुंच चुकी है. बता दें कि ग्वालियर मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का मुख्य ठिकाना है.

आपात खरीद की व्यवस्था मोदी सरकार ने ही शुरू की है. इसके तहत तीनों सेनाएं अपनी जरूरत के अनुसार हथियार और गोला बारूद लंबी प्रक्रिया में जाए बिना कुछ ही महीने में खरीद सकती हैं. बताया जा रहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक में जिन स्पाइस बमों का इस्तेमाल हुआ था, वे इन्हीं के पेनिट्रेटेड वर्जन के थे.

ये बम इमारत की छत पर छेद करते हुए अंदर जाता है. इससे बिल्डिंग नहीं गिरती है, लेकिन अंदर मौजूद लोगों को मार गिराता है. बालाकोट हमले की सफलता के बाद वायु सेना ने इन बमों की बड़ी संख्या में जरूरत महसूस की थी. यह बम बालाकोट हमले में प्रयुक्त बमों से ज्यादा शक्तिशाली है और बड़ी इमारतों को पूरी तरीके से नष्ट करने में सक्षम है.

Intro:एंकर -भारत की हवाई ताकत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी प्रक्रिया के तहत उसे बिल्डिंग प्लास्टर स्पाइस -2000 बम मिलने शुरू हो गए हैं। यह उन बमों का उन्नत संस्करण है जिन्होंने पाकिस्तान के बाला कोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद मोहम्मद के आतंकी अड्डे पर फरवरी में कहर बरपाया था। ये बम ग्वालियर स्थित वायुसेना को अड्डे को मिल रहे हैं ग्वालियर अड्डा देश के मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का मुख्य ठिकाना है। Body:भारतीय वायुसेना ने आपात खरीद प्रक्रिया के तहत जून में ही इसराइल की फार्म के साथ मार्क 84 और बमों को खरीद का 250 करोड़ का सौदा किया था। इसके तहत 100 से अधिक ज्यादा स्पाइस-2000 खरीदने हैं। आपत खरीद की यह व्यवस्था मोदी सरकार में शुरू की है इसके तहत तीनो सेनाएं आपनी जरूरत के अनुसार हथियार और गोला बारूद लंबी प्रक्रिया में जाये बिना कुछ ही महीने में खरीद सकती हैं। बालाकोट एयर स्ट्राइक में जिन स्पाइस बमों का इस्तेमाल हुआ बे पेनिट्रेटेड वर्जन के थे,ये बम इमारत की छत पर छेद करते हुए अंदर जाता है इससे बिल्डिंग नहीं गिरती है लेकिन अंदर मौजूद लोगों को मार गिराता है। बालाकोट हमले की सफलता के बाद वायु सेना ने इन बमों की बड़ी संख्या में जरूरत महसूस की थी।यह बम बालाकोट हमले में प्रयुक्त बमो से ज्यादा शक्तिशाली है और बड़ी इमारतों को पूरी तरीके से नष्ट करने में सक्षम है।Conclusion:नोट - इस मामले में एयरफोर्स का कोई भी अधिकारी बाईट नही देता है।
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