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फिल्म सोन चिरैया पर फूलन देवी की बहन ने जताई आपत्ति, 14 मार्च को होगी सुनवाई

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Published : Mar 7, 2019, 6:06 PM IST

ग्वालियर हाई कोर्ट में बॉलीवुड फिल्म सोन चिरैया को लेकर दिवंगत पूर्व सांसद एवं चंबल की कुख्यात दस्यु रहीं फूलन देवी के परिजनों ने आपत्ति जताई है.

ग्वालियर हाईकोर्ट

ग्वालियर। हाई कोर्ट में बॉलीवुड फिल्म सोन चिरैया को लेकर दिवंगत पूर्व सांसद एवं चंबल की कुख्यात दस्यु रहीं फूलन देवी के परिजनों ने आपत्ति जताई है. फूलन देवी की बहन ने आरोप लगया है कि उनके परिवार की छवि धूमिल करने के लिए फिल्म में उनके चरित्र को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.


इससे पहले बॉलीवुड फिल्म सोन चिरैया के प्रदर्शन को रुकवाने के लिए बागी मलखान सिंह और 50 के दशक के कुख्यात दस्यु मान सिंह के परिजनों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म में मानसिंह, फूलन देवी और मलखान सिंह सभी को एक समय में दिखाया गया है, जबकि यह बागी अलग-अलग समय में सक्रिय रहे हैं. साथ ही सभी बागियों ने महिलाओं की इज्जत की थी.

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फिल्म में महिलाओं को प्रेमिका के रूप में दिखाना और फूलन देवी के चरित्र को तोड़-मरोड़ कर पेश करना याचिका दाखिल करने की प्रमुख वजह है. हालांकि, फिल्म का प्रदर्शन हो चुका है क्योंकि फिल्म निर्माता-निर्देशक कलाकारों को हाईकोर्ट के नोटिस सर्व नहीं हुए हैं. इसलिए 1 सप्ताह बाद फिर फिल्म की मूल सीडी के साथ सुनवाई नियत की गई है.


गौरतलब है कि फिल्म का प्रदर्शन 1 मार्च को हुआ था. वहीं प्रदर्शन के 4 दिन पहले ही मलखान सिंह ने मान सिंह के परिजनों के साथ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और फिल्म को रुकवाने की मांग की थी. मलखान सिंह का कहना है कि उन पर कल्याण मुखर्जी की लिखी गई किताब मलखान सिंह स्टोरी ऑफ बैंडिट किंग की कहानी उठाई गई है और मूल चरित्र एवं पात्रों से छेड़छाड़ की गई है, इसलिए प्रदर्शन रोका जाए. हालांकि सभी पक्षकारों को नोटिस नहीं मिले हैं, इसलिए हाईकोर्ट ने गुरुवार को 1 सप्ताह बाद इस मामले को फिर से सुनवाई में रखा है.

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ग्वालियर। हाई कोर्ट में बॉलीवुड फिल्म सोन चिरैया को लेकर दिवंगत पूर्व सांसद एवं चंबल की कुख्यात दस्यु रहीं फूलन देवी के परिजनों ने आपत्ति जताई है. फूलन देवी की बहन ने आरोप लगया है कि उनके परिवार की छवि धूमिल करने के लिए फिल्म में उनके चरित्र को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.


इससे पहले बॉलीवुड फिल्म सोन चिरैया के प्रदर्शन को रुकवाने के लिए बागी मलखान सिंह और 50 के दशक के कुख्यात दस्यु मान सिंह के परिजनों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म में मानसिंह, फूलन देवी और मलखान सिंह सभी को एक समय में दिखाया गया है, जबकि यह बागी अलग-अलग समय में सक्रिय रहे हैं. साथ ही सभी बागियों ने महिलाओं की इज्जत की थी.

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फिल्म में महिलाओं को प्रेमिका के रूप में दिखाना और फूलन देवी के चरित्र को तोड़-मरोड़ कर पेश करना याचिका दाखिल करने की प्रमुख वजह है. हालांकि, फिल्म का प्रदर्शन हो चुका है क्योंकि फिल्म निर्माता-निर्देशक कलाकारों को हाईकोर्ट के नोटिस सर्व नहीं हुए हैं. इसलिए 1 सप्ताह बाद फिर फिल्म की मूल सीडी के साथ सुनवाई नियत की गई है.


गौरतलब है कि फिल्म का प्रदर्शन 1 मार्च को हुआ था. वहीं प्रदर्शन के 4 दिन पहले ही मलखान सिंह ने मान सिंह के परिजनों के साथ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और फिल्म को रुकवाने की मांग की थी. मलखान सिंह का कहना है कि उन पर कल्याण मुखर्जी की लिखी गई किताब मलखान सिंह स्टोरी ऑफ बैंडिट किंग की कहानी उठाई गई है और मूल चरित्र एवं पात्रों से छेड़छाड़ की गई है, इसलिए प्रदर्शन रोका जाए. हालांकि सभी पक्षकारों को नोटिस नहीं मिले हैं, इसलिए हाईकोर्ट ने गुरुवार को 1 सप्ताह बाद इस मामले को फिर से सुनवाई में रखा है.

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Intro:ग्वालियर
हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में बॉलीवुड फिल्म सोन चिरैया को लेकर अब पूर्व बागी और सांसद रही फूलन देवी के परिजनों ने आपत्ति उठाई है। फूलन की बहन का आरोप है कि उनके परिवार की छवि धूमिल करने के लिए फिल्म में उनके चरित्र को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है।


Body:इससे पहले बॉलीवुड फिल्म सोन चिरैया के प्रदर्शन को रुकवाने के लिए पूर्व बागी मलखान सिंह और 50 के दशक के कुख्यात दस्यु मान सिंह के परिजनों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म में मानसिंह फूलन देवी ओम मलखान सिंह सभी को एक काल में दिखाया गया है। जबकि यह पूर्व बागी अलग-अलग काल में सक्रिय रहे हैं और महिलाओं की इन बागियों ने इज्जत की थी ।फिल्म में महिलाओं को प्रेमिका के रूप में दिखाना और फूलन के चरित्र को तोड़ मरोड़ कर पेश करना याचिका दाखिल करने की प्रमुख वजह है। हालांकि फिल्म का प्रदर्शन हो चुका है क्योंकि फिल्म निर्माता-निर्देशक कलाकारों को हाईकोर्ट के नोटिस सर्व नहीं हुए हैं इसलिए 1 सप्ताह बाद फिर फिल्म की मूल सीडी के साथ सुनवाई नियत की गई है।


Conclusion:फिल्म का प्रदर्शन 1 मार्च को हुआ था उसे 4 दिन पहले ही मलखान सिंह ने मान सिंह के परिजनों के साथ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और फिल्म को रुकवाने की मांग की थी। मलखान सिंह का कहना है कि उनपर कल्याण मुखर्जी की लिखी गई किताब मलखान सिंह स्टोरी ऑफ़ बैंडिट किंग से की कहानी उठाई गई है और मूल चरित्र और पात्रों में छेड़छाड़ की गई है। इसलिए प्रदर्शन रोका जाए ।चुकि सभी पक्षकारों को नोटिस तामिल नहीं हुए हैं। इसलिए हाईकोर्ट ने गुरुवार को 1 सप्ताह बाद इस मामले को फिर से सुनवाई में रखा है ।
बाइट अंकित वशिष्ठ फूलन देवी के परिजनों के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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