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Lockdown के खत्म होने के बाद फिर शुरू होगा किसान आंदोलन, चेतावनी - एमपी में किसान आंदोलन

ग्वालियर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि सरकार किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है, इसलिए जैसे ही 31 मई को लॉकडाउन खत्म होगा. उसके बाद बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी.

farmer stir
किसान आंदोलन
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Published : May 27, 2021, 4:10 PM IST

ग्वालियर। महंगाई को लेकर गुरुवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई आसमान छू रही है. पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में रिकॉर्ड वृद्धि हो चुकी है. केंद्र सरकार अपने अड़ियल रवैये पर कायम है. सरकार किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है, इसलिए जैसे ही 31 मई को लॉकडाउन खत्म होगा. उसके बाद बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने दी चेतावनी.

काले झंडे लगाकर जताया विरोध
माकपा ने कहा कि किसान आंदोलन कृषि कानूनों के वापस होने तक जारी रहेगा. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार का पुतला भी जलाया. लोगों ने अपने घरों पर काले झंडे लगाए और वाहनों पर भी काले झंडे लगाकर विरोध जताया. मुख्य आयोजन नई सड़क स्थित अखिल भारतीय किसान सभा कार्यालय पर आयोजित किया गया. जहां मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया. किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह ने कहा कि जब कृषि कानून वापस नहीं हो जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

'काला दिवस' मनाने पर अड़े प्रदर्शनकारी किसान, दिल्ली पुलिस ने दी चेतावनी

माकपा ने कहा कि सरकार पुलिस के दम पर आंदोलन को कुचलना चाहती है, लेकिन देश की जनता समझ चुकी है कि केंद्र सरकार उद्योगपतियों के हाथों में खेल रही है, जिसका खामियाजा देश के किसानों और आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. खाद्य तेल पेट्रोलियम पदार्थ और रोजमर्रा काम आने वाली जरूरत की चीजें बेतहाशा महंगी हो गई है. लेकिन केंद्र सरकार इस महंगाई को रोकने में नाकामयाब साबित हुई है.

ग्वालियर। महंगाई को लेकर गुरुवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई आसमान छू रही है. पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में रिकॉर्ड वृद्धि हो चुकी है. केंद्र सरकार अपने अड़ियल रवैये पर कायम है. सरकार किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है, इसलिए जैसे ही 31 मई को लॉकडाउन खत्म होगा. उसके बाद बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने दी चेतावनी.

काले झंडे लगाकर जताया विरोध
माकपा ने कहा कि किसान आंदोलन कृषि कानूनों के वापस होने तक जारी रहेगा. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार का पुतला भी जलाया. लोगों ने अपने घरों पर काले झंडे लगाए और वाहनों पर भी काले झंडे लगाकर विरोध जताया. मुख्य आयोजन नई सड़क स्थित अखिल भारतीय किसान सभा कार्यालय पर आयोजित किया गया. जहां मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया. किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह ने कहा कि जब कृषि कानून वापस नहीं हो जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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माकपा ने कहा कि सरकार पुलिस के दम पर आंदोलन को कुचलना चाहती है, लेकिन देश की जनता समझ चुकी है कि केंद्र सरकार उद्योगपतियों के हाथों में खेल रही है, जिसका खामियाजा देश के किसानों और आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. खाद्य तेल पेट्रोलियम पदार्थ और रोजमर्रा काम आने वाली जरूरत की चीजें बेतहाशा महंगी हो गई है. लेकिन केंद्र सरकार इस महंगाई को रोकने में नाकामयाब साबित हुई है.

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