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ओडिशा में पकड़ी गई कोरोना की नकली दवा के ग्वालियर से जुड़े तार - कटक में कोरोना की नकली दवा

ओडिशा के कटक में मिली नकली दवा के तार अब ग्वालियर से जुड़ने लगे हैं. ड्रग इंस्पेक्टर ने सोमवार को 500 नकली टेबलेट बरामद की हैं, जिनमें से 300 टेबलेट को सैंपल के लिए भोपाल भेज दिया गया है. वहीं टीम मामले की जांच में जुटी है.

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मेडिकल स्टोर
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Published : Jun 14, 2021, 4:42 PM IST

ग्वालियर। ओडिशा के कटक में कोरोना संकट काल में नकली दवाई की सप्लाई करने का मामला सामने आया है. अब उसके तार ग्वालियर से भी जुड़ गए हैं. कटक में पकड़े गए मेडिकल संचालक ने ग्वालियर में सप्लाई होने की बात कही थी, जिसके बाद ग्वालियर ड्रग इंस्पेक्टर ने फेबिमैक्स टेबलेट डीलर महादेव मेडिकल एंड सर्जिकल स्टोर जाकर पता किया. मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि अप्रैल महीने में लगभग 40,000 टेबलेट मंगाई गई थीं.

ग्वालियर में कोरोना की नकली दवा हो रही थी सप्लाई.

कटक में मिली थीं कोरोना की 17000 डुप्लीकेट टेबलेट
ओडिशा के कटक में छापामार कार्रवाई के बाद बरामद की गई मॉलिक्यूल फेवीपेराविर की फेवीमैक्स टेबलेट की जांच के बाद खुलासा हुआ है कि यह दवा नकली है. कंपनी ने हजारों लोगों के साथ दवा के नाम पर धोखा किया है. कटक में कोरोना की 17000 डुप्लीकेट टेबलेट मिलने के बाद उड़ीसा ड्रग कंट्रोल विभाग पिछले दो दिनों से लगातार तहकीकात में जुटा है.

ग्वालियर में भेजा गया था दवाओं का एक लॉट
ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट से मिली सूचना के अनुसार इन दवाओं का एक लॉट मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में भेजा गया था. ग्वालियर में माधव डिस्पेंसरी के सामने एमके प्लाजा में महादेव मेडिकल एंड सर्जिकल है और उसने लगभग 200 बॉक्स की दवाई ग्वालियर के साथ-साथ अन्य जिलों में भी सप्लाई की है. ओडिशा ड्रग कंट्रोलर की तरफ से ग्वालियर के ड्रग इंस्पेक्टर को इसकी जांच करने के लिए कहा गया.

ग्वालियर के मेडिकल स्टोरों पर दवा की हुई सप्लाई
कोरोना की नकली दवा की सप्लाई चंबल संभाग के अलग-अलग मेडिकल स्टोरों पर की गई. यह दवाइयां प्रोपर बिलिंग के साथ थीं, इसलिए उसको नकली होने की आशंका नजर नहीं आई. ड्रग इंस्पेक्टर कि वहां से लगभग 500 टेबलेट बरामद हुई हैं, जिसके बाद 300 से अधिक टेबलेट को सैंपल के लिए सोमवार को भोपाल भेजा जाएगा, बाकी को जब्त कर लिया गया है.

ड्रग इंस्पेक्टर ने सभी मेडिकल स्टोरों को दिए निर्देश
अंचल के जिन मेडिकल स्टोर से दवा सप्लाई की गई है, वहां दवा की तत्काल सप्लाई रोकेने के निर्देश दिए गए हैं. सभी फेबिमैक्स टेबलेट मामले की जांच कर रहे ग्वालियर के ड्रग इंस्पेक्टर दिलीप अग्रवाल का कहना है कि कटक में जो टेबलेट बरामद हुई हैं. वह पूरी तरीके से नकली हैं. जिस फैक्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग बताई गई है, हिमाचल में वह फैक्ट्री नहीं है. उन्होंने कहा कि कटक में हुई प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस टेबलेट में कोई भी मॉलिक्यूल नहीं है. हालांकि ग्वालियर पहुंची टेबलेट की क्या स्थिति है. इसका खुलासा जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा.

नकली रेमडेसिविर: सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत मोखा NSA में गिरफ्तार

टेबलेट में नहीं पाया गया कोई मॉलिक्यूल
टेबलेट में कोई मॉलिक्यूल नहीं पाया गया है. ऐसे में इसे उपयोग करने वाले मरीजों को किसी भी तरह के साइड इफेक्ट की आशंका बेहद ही कम है. हालांकि इस नकली दवा के कारोबार के बाद तमाम तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

ग्वालियर। ओडिशा के कटक में कोरोना संकट काल में नकली दवाई की सप्लाई करने का मामला सामने आया है. अब उसके तार ग्वालियर से भी जुड़ गए हैं. कटक में पकड़े गए मेडिकल संचालक ने ग्वालियर में सप्लाई होने की बात कही थी, जिसके बाद ग्वालियर ड्रग इंस्पेक्टर ने फेबिमैक्स टेबलेट डीलर महादेव मेडिकल एंड सर्जिकल स्टोर जाकर पता किया. मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि अप्रैल महीने में लगभग 40,000 टेबलेट मंगाई गई थीं.

ग्वालियर में कोरोना की नकली दवा हो रही थी सप्लाई.

कटक में मिली थीं कोरोना की 17000 डुप्लीकेट टेबलेट
ओडिशा के कटक में छापामार कार्रवाई के बाद बरामद की गई मॉलिक्यूल फेवीपेराविर की फेवीमैक्स टेबलेट की जांच के बाद खुलासा हुआ है कि यह दवा नकली है. कंपनी ने हजारों लोगों के साथ दवा के नाम पर धोखा किया है. कटक में कोरोना की 17000 डुप्लीकेट टेबलेट मिलने के बाद उड़ीसा ड्रग कंट्रोल विभाग पिछले दो दिनों से लगातार तहकीकात में जुटा है.

ग्वालियर में भेजा गया था दवाओं का एक लॉट
ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट से मिली सूचना के अनुसार इन दवाओं का एक लॉट मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में भेजा गया था. ग्वालियर में माधव डिस्पेंसरी के सामने एमके प्लाजा में महादेव मेडिकल एंड सर्जिकल है और उसने लगभग 200 बॉक्स की दवाई ग्वालियर के साथ-साथ अन्य जिलों में भी सप्लाई की है. ओडिशा ड्रग कंट्रोलर की तरफ से ग्वालियर के ड्रग इंस्पेक्टर को इसकी जांच करने के लिए कहा गया.

ग्वालियर के मेडिकल स्टोरों पर दवा की हुई सप्लाई
कोरोना की नकली दवा की सप्लाई चंबल संभाग के अलग-अलग मेडिकल स्टोरों पर की गई. यह दवाइयां प्रोपर बिलिंग के साथ थीं, इसलिए उसको नकली होने की आशंका नजर नहीं आई. ड्रग इंस्पेक्टर कि वहां से लगभग 500 टेबलेट बरामद हुई हैं, जिसके बाद 300 से अधिक टेबलेट को सैंपल के लिए सोमवार को भोपाल भेजा जाएगा, बाकी को जब्त कर लिया गया है.

ड्रग इंस्पेक्टर ने सभी मेडिकल स्टोरों को दिए निर्देश
अंचल के जिन मेडिकल स्टोर से दवा सप्लाई की गई है, वहां दवा की तत्काल सप्लाई रोकेने के निर्देश दिए गए हैं. सभी फेबिमैक्स टेबलेट मामले की जांच कर रहे ग्वालियर के ड्रग इंस्पेक्टर दिलीप अग्रवाल का कहना है कि कटक में जो टेबलेट बरामद हुई हैं. वह पूरी तरीके से नकली हैं. जिस फैक्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग बताई गई है, हिमाचल में वह फैक्ट्री नहीं है. उन्होंने कहा कि कटक में हुई प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस टेबलेट में कोई भी मॉलिक्यूल नहीं है. हालांकि ग्वालियर पहुंची टेबलेट की क्या स्थिति है. इसका खुलासा जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा.

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टेबलेट में नहीं पाया गया कोई मॉलिक्यूल
टेबलेट में कोई मॉलिक्यूल नहीं पाया गया है. ऐसे में इसे उपयोग करने वाले मरीजों को किसी भी तरह के साइड इफेक्ट की आशंका बेहद ही कम है. हालांकि इस नकली दवा के कारोबार के बाद तमाम तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

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