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निगम अधिकारी-कर्मचारियों ने सफाई कर्मचारियों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर की लाखों की ठगी

नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से सफाई कर्मचारियों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी अंजाम दिया गया, जिसका पता चलते ही एसपी ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

fake appointment of sanitation workers
सफाई कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति
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Published : Jan 10, 2021, 7:26 AM IST

ग्वालियर। शहर में नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से नौकरी के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें सफाई कर्मचारियों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया. इस फ्रॉड में निगम के ही कर्मचारी और अधिकारी रडार पर हैं.

दरसअल, एसपी कार्यालय में पहुंचे सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कुछ महीने पहले 8 महिला और दो पुरुषों से सफाई कर्मचारी की नौकरी के नाम पर 40 से 60 हजार रुपए लेकर एक नियुक्ति पत्र थमाए गए थे. इसके बाद सभी कर्मचारी नियमित रूप से नगर निगम की सफाई व्यवस्था में काम करते रहे, लेकिन जब कई महीनों बाद भी वेतन नहीं मिला, तो पूरे मामले की शिकायत निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई, जिसके बाद सफाई कर्मचारियों को पता चला कि जो नियुक्ति पत्र उन्हें दिया गया है वह फर्जी है.

सफाई कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति

धोखाधड़ी का शिकार हुए कर्मचारियों का आरोप है कि वार्ड हेल्थ ऑफिसर राकेश करोसिया, अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव और नियमित कर्मचारी ओमप्रकाश बाथम इस पूरे मामले में शामिल हैं. निगम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के बाद सफाई कर्मचारियों ने एसपी अमित सांघी से शिकायत कर दोषी कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं इस मामले में एसपी ने जांच के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

ग्वालियर। शहर में नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से नौकरी के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें सफाई कर्मचारियों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया. इस फ्रॉड में निगम के ही कर्मचारी और अधिकारी रडार पर हैं.

दरसअल, एसपी कार्यालय में पहुंचे सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कुछ महीने पहले 8 महिला और दो पुरुषों से सफाई कर्मचारी की नौकरी के नाम पर 40 से 60 हजार रुपए लेकर एक नियुक्ति पत्र थमाए गए थे. इसके बाद सभी कर्मचारी नियमित रूप से नगर निगम की सफाई व्यवस्था में काम करते रहे, लेकिन जब कई महीनों बाद भी वेतन नहीं मिला, तो पूरे मामले की शिकायत निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई, जिसके बाद सफाई कर्मचारियों को पता चला कि जो नियुक्ति पत्र उन्हें दिया गया है वह फर्जी है.

सफाई कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति

धोखाधड़ी का शिकार हुए कर्मचारियों का आरोप है कि वार्ड हेल्थ ऑफिसर राकेश करोसिया, अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव और नियमित कर्मचारी ओमप्रकाश बाथम इस पूरे मामले में शामिल हैं. निगम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के बाद सफाई कर्मचारियों ने एसपी अमित सांघी से शिकायत कर दोषी कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं इस मामले में एसपी ने जांच के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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