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भ्रष्टाचार की हदः भ्रष्ट अफसरों को बचाने के लिए जला दी फाईलें

2020 में रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़े गए सिटी प्लानर की फाईलें जोनल ऑफिस के परिसर में जला दी गई. घटना की जानकारी लगते ही कमिश्नर मौके पर पहुंचे और बचे हुए कागजात इकट्ठा किए.

Extent of corruption
भ्रष्टाचार की हद
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Published : Apr 28, 2021, 2:27 PM IST

ग्वालियर। नगर निगम में भ्रष्ट अफसरों को बचाने का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है. पांच लाख की रिश्वत लेने वाले जिस घूसखोर प्रदीप वर्मा की फाइलों की नगर निगम से लेकर पुलिस को तलाश है. उन फाइलों को जोनल ऑफिस के परिसर में जला दिया गया. यह कारनामा करने वालों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं. इस कारनामे की खबर जैसे ही नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा को मिली वे तत्काल अधिकारियों के साथ जोनल ऑफिस पहुंचे और पड़ताल की. जले रिकॉर्ड में कुछ कागजात बच गए हैं. जिनके सहित पूरे जोनल ऑफिस का रिकॉर्ड सीज कर दिया गया है.

भ्रष्टाचार की हद
  • रिश्वतखोर प्रदीप वर्मा सहित अन्य अधिकारियों की चल रही है जांचें

प्राथमिक दृष्टया यही बताया जा रहा है कि, जो फाइलें लोकायुक्त-इओडब्ल्यू को चाहिए और जिसकी यूनिवर्सिटी थाने में प्रदीप सहित अन्य पर एफआईआर दर्ज है. यह वहीं फाइलें थीं. इस पूरे मामले की जांच अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव को सौंपी गई है, जो पांच दिन में जांच पूरी करके रिपोर्ट देंगे.

भ्रष्टाचार को ऑक्सीजन दे रहे बीजेपी विधायक! सालों से अटका रोड निर्माण

  • 2020 में 5 लाख की रिश्वत लेते पकड़ाया था प्रदीप

दरअसल प्रदीप वर्मा पांच लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया था. प्रदीप वर्मा नगर निगम में सिटी प्लानर 28 नवंबर 2020 को पांच लाख रूपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था. आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने रंगेहाथों सिटी सेंटर में कार में प्रदीप को पकड़ा था. माना जा रहा है कि, जो फाइलें जली है, वह भवन निर्माण की अनुमति संबंधी हैं. जो बिरला हॉस्पिटल, सुरेश नगर के पीछे बनी मल्टी, होटल लैंडमार्क, सालासर मॉल के निर्माण से जुड़ी हैं.

ग्वालियर। नगर निगम में भ्रष्ट अफसरों को बचाने का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है. पांच लाख की रिश्वत लेने वाले जिस घूसखोर प्रदीप वर्मा की फाइलों की नगर निगम से लेकर पुलिस को तलाश है. उन फाइलों को जोनल ऑफिस के परिसर में जला दिया गया. यह कारनामा करने वालों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं. इस कारनामे की खबर जैसे ही नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा को मिली वे तत्काल अधिकारियों के साथ जोनल ऑफिस पहुंचे और पड़ताल की. जले रिकॉर्ड में कुछ कागजात बच गए हैं. जिनके सहित पूरे जोनल ऑफिस का रिकॉर्ड सीज कर दिया गया है.

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  • रिश्वतखोर प्रदीप वर्मा सहित अन्य अधिकारियों की चल रही है जांचें

प्राथमिक दृष्टया यही बताया जा रहा है कि, जो फाइलें लोकायुक्त-इओडब्ल्यू को चाहिए और जिसकी यूनिवर्सिटी थाने में प्रदीप सहित अन्य पर एफआईआर दर्ज है. यह वहीं फाइलें थीं. इस पूरे मामले की जांच अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव को सौंपी गई है, जो पांच दिन में जांच पूरी करके रिपोर्ट देंगे.

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  • 2020 में 5 लाख की रिश्वत लेते पकड़ाया था प्रदीप

दरअसल प्रदीप वर्मा पांच लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया था. प्रदीप वर्मा नगर निगम में सिटी प्लानर 28 नवंबर 2020 को पांच लाख रूपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था. आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने रंगेहाथों सिटी सेंटर में कार में प्रदीप को पकड़ा था. माना जा रहा है कि, जो फाइलें जली है, वह भवन निर्माण की अनुमति संबंधी हैं. जो बिरला हॉस्पिटल, सुरेश नगर के पीछे बनी मल्टी, होटल लैंडमार्क, सालासर मॉल के निर्माण से जुड़ी हैं.

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