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भांडेर विधानसभा सीट पर फंसा पेंच, सिंधिया समर्थक के खिलाफ बीजेपी में घनश्याम पिरोनिया ने पेश किया दावा - सिंधिया समर्थकों का विरोध

सिंधिया समर्थकों को विधानसभा उपचुनाव में टिकट दिया जाना कई बीजेपी नेताओं का नागवार गुजर रहा है. दतिया जिले के भांडेर विधानसभा सीट से विधायक रहे घनश्याम पिरोनिया ने तो उपचुनाव के लिए अपनी दावेदारी भी ठोक दी है.

Ghanshyam Pironia
घनश्याम पिरोनिया
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Published : Jun 13, 2020, 10:15 PM IST

Updated : Jun 13, 2020, 11:24 PM IST

ग्वालियर। भले ही बीजेपी आलाकमान लगभग साफ कर चुका है किस जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 22 सीटों पर कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं को ही इस बार टिकट दिया जाना है, इसके बावजूद भी बीजेपी के तमाम नेता अपनी परंपरागत सीटों से दावेदारी करने में लगे हुए हैं.

घनश्याम पिरोनिया ने पेश किया टिकट के लिए दावा

इसी कड़ी में दतिया जिले के भांडेर विधानसभा सीट से विधायक रहे घनश्याम पिरोनिया ने उपचुनाव के लिए अपनी दावेदारी की है. उनका कहना है कि, पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी के आलाकमान से अपनी बात कहने का उन्हें पूरा अधिकार है. यही कारण है कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के सामने बात रखी है, कि उनके नाम पर विचार किया जाए. पिरोनिया 2013 से 2018 तक वहां के विधायक रहे हैं.

किन्हीं कारणों के चलते उनका टिकट काट दिया गया था, उसके बावजूद भी 15 महीने लगातार उस इलाके के लोगों के संपर्क में रहे हैं. पिरोनिया ने कहा कि, उनके साथियों का कहना है कि, 2018 में यदि उनका टिकट नहीं काटा होता तो वहां कांग्रेस नहीं जीतती. पूर्व विधायक के समर्थकों का कहना है कि, इलाके की जनता भी चाहती है घनश्याम पिरोनिया को ही टिकट मिले.

दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट से घनश्याम पिरोनिया ने 2013 का चुनाव जीता था, लेकिन 2018 के चुनाव में बीजेपी ने उनकी जगह रजनी प्रजापति को अपना प्रत्याशी घोषित किया था. कांग्रेस की रक्षा शिरेनिया ने उन्हें शिकस्त दी थी. रक्षा शिरेनिया सिंधिया समर्थक विधायक थीं और वो अपना इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं.

ऐसे में घनश्याम पिरोनिया के द्वारा दावेदारी के लिए आवाज उठाना बीजेपी के अंदर पनप रहे असंतोष की ओर इशारा करता है. बागी विधायकों को मिल रही प्राथमिकता को कहीं ना कहीं, बीजेपी के पुराने नेता और कार्यकर्ता पचा नहीं पा रहे हैं, इसीलिए विरोध का सुर अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं.

ग्वालियर। भले ही बीजेपी आलाकमान लगभग साफ कर चुका है किस जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 22 सीटों पर कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं को ही इस बार टिकट दिया जाना है, इसके बावजूद भी बीजेपी के तमाम नेता अपनी परंपरागत सीटों से दावेदारी करने में लगे हुए हैं.

घनश्याम पिरोनिया ने पेश किया टिकट के लिए दावा

इसी कड़ी में दतिया जिले के भांडेर विधानसभा सीट से विधायक रहे घनश्याम पिरोनिया ने उपचुनाव के लिए अपनी दावेदारी की है. उनका कहना है कि, पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी के आलाकमान से अपनी बात कहने का उन्हें पूरा अधिकार है. यही कारण है कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के सामने बात रखी है, कि उनके नाम पर विचार किया जाए. पिरोनिया 2013 से 2018 तक वहां के विधायक रहे हैं.

किन्हीं कारणों के चलते उनका टिकट काट दिया गया था, उसके बावजूद भी 15 महीने लगातार उस इलाके के लोगों के संपर्क में रहे हैं. पिरोनिया ने कहा कि, उनके साथियों का कहना है कि, 2018 में यदि उनका टिकट नहीं काटा होता तो वहां कांग्रेस नहीं जीतती. पूर्व विधायक के समर्थकों का कहना है कि, इलाके की जनता भी चाहती है घनश्याम पिरोनिया को ही टिकट मिले.

दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट से घनश्याम पिरोनिया ने 2013 का चुनाव जीता था, लेकिन 2018 के चुनाव में बीजेपी ने उनकी जगह रजनी प्रजापति को अपना प्रत्याशी घोषित किया था. कांग्रेस की रक्षा शिरेनिया ने उन्हें शिकस्त दी थी. रक्षा शिरेनिया सिंधिया समर्थक विधायक थीं और वो अपना इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं.

ऐसे में घनश्याम पिरोनिया के द्वारा दावेदारी के लिए आवाज उठाना बीजेपी के अंदर पनप रहे असंतोष की ओर इशारा करता है. बागी विधायकों को मिल रही प्राथमिकता को कहीं ना कहीं, बीजेपी के पुराने नेता और कार्यकर्ता पचा नहीं पा रहे हैं, इसीलिए विरोध का सुर अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं.

Last Updated : Jun 13, 2020, 11:24 PM IST
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