ग्वालियर। देशभर में ईवीएम मशीन के संचालन और मतगणना की बारीकियों को सिखाने वाले वीजी. तेलंग जो बीते 25 सालों से लोकतंत्र के इस पर्व में निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा दे रहे हैं. प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में इन्हें ईवीएम मास्टर ट्रेनर के रूप में जाना जाता है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने ईवीएम की बारीकियां और उस पर उठने वाले सवालों के बारे में बताया.
ग्वालियर के शासकीय केआरजी कॉलेज के फिजिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी बीजी तेलंग देश भर में ईवीएम मास्टर ट्रेनर के नाम से जाने जाते हैं. उनकी काबिलियत और सेवा भाव को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भी नवाजा जा चुका है. ईटीवी भारत ने जब तेलंग से बात की तो उन्होंने बताया कि मतदान की प्रक्रिया के दौरान कोई मतदाता ईवीएम के माध्यम से किसी प्रत्याशी को अपना मत डालता है, तो उसके बाद वीवी पैट मशीन पर मतदाता को उसके डाली गई वोट की पर्ची दिखाई देती है.
यदि मतदाता को लगता है कि उसने जो वोट डाला है वह उस प्रत्याशी को नहीं गया तो मतदाता चैलेंज वोट डाल सकता है. इसका अधिकार निर्वाचन आयोग की सेक्शन 49M(A) में दिया गया है. लेकिन यदि चैलेंज गलत पाया गया तो मतदाता को 6 महीने की जेल और एक हजार का जुर्माना भी हो सकता है.
वहीं मास्टर ट्रेनर जब ईवीएम पर उठ रहे सवालों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान उपयोग की जाने वाली ईवीएम मशीन पर लगाए जाने वाले सभी आरोप गलत होते हैं. ईवीएम मशीन को किसी भी तरह से एक करना संभव नहीं होता है. यह मशीन पूरी तरह सुरक्षित है. इस मशीन को हैक नहीं किया जा सकता. क्योंकि ये वन टाइम प्रोग्रामेबल है. इसमें आरटीसी मशीन लगी होती है. इसमें सेंन्सर लगे है. सारा सिस्टम इनबिल्ट होता है. अगर आपने मशीन को खोलने की कोशिश की तो ये इनऑपरेटिव मोड में चला जाएगा और मशीन बंद हो जाएगी.