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कृषि उत्पादकता को लेकर बैठक का आयोजन, अच्छी पैदावार को लेकर हुई चर्चा - Vijayaraje Scindia Agricultural University, Gwalior

कृषि उत्पादन आयुक्त ने ग्वालियर-चंबल संभाग की कृषि उत्पादकता को लेकर बैठक ली. बैठक में खरीफ और रबी की फसल की क्या स्थिति रही और इन फसलों के लिए क्या कार्य योजना तैयार की गई है उसकी जानकारी ली.

ग्वालियर में कृषि उत्पादकता को लेकर बैठक
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Published : Oct 30, 2019, 11:46 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल संभाग की कृषि उत्पादकता को लेकर ग्वालियर में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल ने खरीफ और रबी फसल को लेकर 'क्या कार्य योजना तैयार की गई है' को लेकर संभाग के जिला प्रमुखों से जानकारी ली गई.

ग्वालियर में कृषि उत्पादकता को लेकर बैठक का आयोजन
संभागीय स्तरीय बैठक में ईपीसी प्रभांशु कमल ने जिलेवार कार्य योजना की जानकारी ली. जिसमें गुना और अशोकनगर जिले द्वारा खरीफ की फसल में अति वर्षा के चलते हुए नुकसान के आंकड़ों को प्रस्तुत किया गया. वहीं ग्वालियर और चंबल अंचल में रवि की फसल जिसमें गेहूं, जौं, चना, मटर, मसूर, सरसों, अलसी और गन्ना जो इस अंचल में अपनी पैदावार होने में अलग स्थान रखते हैं को लेकर भी जानकारी ली गई.


एपीसी प्रभांशु कमल के अनुसार सभी जिलों की कार्य योजना रिपोर्ट में ग्वालियर जिले में बीते सालों की तुलना में कृषि उत्पादन क्षेत्र में अपना ग्राफ काफी बढ़ाया है. जिसके चलते चंबल अंचल (भिण्ड, मुरैना और श्योपुर) के अंदर रबी की फसल के लिए 2018-19 के लक्ष्य में 3.21% किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है. क्योंकि इस बार प्रदेश में अच्छी बारिश हुई है ऐसे में अंचल मे रबी की फसल में अच्छी उत्पादकता की संभावना है.


विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के साथ साइंसफिटिक तरीके के बारे में जानकारी ली जा रही है. जिससे अंचल के अंदर गुणवत्ता युक्त पैदावार हो सके. बैठक में यह जानकारी भी सामने आई कि खरीफ की फसल में साल 2019 में लगभग 4% किलोग्राम प्रति हेक्टेयर में उत्पादकता की कमी आई है. जिसको लेकर दिशा निर्देश देकर इस पर योजना बनाने के लिए सभी जिलों को नसीहत दे दी गई है.बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी और सभी जिलों के प्रमुख मौजूद रहे.

ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल संभाग की कृषि उत्पादकता को लेकर ग्वालियर में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल ने खरीफ और रबी फसल को लेकर 'क्या कार्य योजना तैयार की गई है' को लेकर संभाग के जिला प्रमुखों से जानकारी ली गई.

ग्वालियर में कृषि उत्पादकता को लेकर बैठक का आयोजन
संभागीय स्तरीय बैठक में ईपीसी प्रभांशु कमल ने जिलेवार कार्य योजना की जानकारी ली. जिसमें गुना और अशोकनगर जिले द्वारा खरीफ की फसल में अति वर्षा के चलते हुए नुकसान के आंकड़ों को प्रस्तुत किया गया. वहीं ग्वालियर और चंबल अंचल में रवि की फसल जिसमें गेहूं, जौं, चना, मटर, मसूर, सरसों, अलसी और गन्ना जो इस अंचल में अपनी पैदावार होने में अलग स्थान रखते हैं को लेकर भी जानकारी ली गई.


एपीसी प्रभांशु कमल के अनुसार सभी जिलों की कार्य योजना रिपोर्ट में ग्वालियर जिले में बीते सालों की तुलना में कृषि उत्पादन क्षेत्र में अपना ग्राफ काफी बढ़ाया है. जिसके चलते चंबल अंचल (भिण्ड, मुरैना और श्योपुर) के अंदर रबी की फसल के लिए 2018-19 के लक्ष्य में 3.21% किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है. क्योंकि इस बार प्रदेश में अच्छी बारिश हुई है ऐसे में अंचल मे रबी की फसल में अच्छी उत्पादकता की संभावना है.


विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के साथ साइंसफिटिक तरीके के बारे में जानकारी ली जा रही है. जिससे अंचल के अंदर गुणवत्ता युक्त पैदावार हो सके. बैठक में यह जानकारी भी सामने आई कि खरीफ की फसल में साल 2019 में लगभग 4% किलोग्राम प्रति हेक्टेयर में उत्पादकता की कमी आई है. जिसको लेकर दिशा निर्देश देकर इस पर योजना बनाने के लिए सभी जिलों को नसीहत दे दी गई है.बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी और सभी जिलों के प्रमुख मौजूद रहे.

Intro:ग्वालियर- आज कृषि उत्पादन आयुक्त ग्वालियर चंबल संभाग की कृषि उत्पादकता को लेकर बैठक का आयोजन किया।जिस पर ग्वालियर चंबल संभाग की सभी जिले के कलेक्टर और एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में खरीफ की फसल की क्या स्थिति रही और रवि की फसल के लिए क्या कार्य योजना तैयार की गई। इस पर जिलेवार विस्तृत कृषि उत्पादन आयुक्त ने जानकारी ली।


Body:आपको बता दें संभागीय स्तरीय बैठक में ईपीसी प्रभांशु कमल जिलेवार ने कार्य योजना की जानकारी ली जिसमें गुना और अशोकनगर जिले के द्वारा खरीफ की फसल में अति वर्षा के चलते हुए नुकसान के आंकड़ों को भी प्रस्तुत किया गया। वही ग्वालियर चंबल अंचल में रवि की फसल जिसमें गेहूं ,जौं, चना, मटर, मसूर ,सरसों ,अलसी और गन्ना जो इस अंचल में अपनी पैदावार होने में अलग स्थान रखते हैं। उनको लेकर भी जानकारी ली। एपीसी प्रभांशु कमल के अनुसार सभी जिलों की कार्य योजना रिपोर्ट में ग्वालियर जिले में बीते वर्षों की तुलना में कृषि उत्पादन क्षेत्र में अपना कोरिया काफी बढ़ाया है।जिसके चलते वाली चंबल अंचल के अंदर रवि की फसल के लिए 2018 - 19 के लक्ष्य में 3.21% किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। चौकी सीजन में अच्छी बारिश हुई है ऐसे में अंचल के अंदर रवि रवि की फसल में अच्छी उत्पादकता देखी जा सकती है।


Conclusion:जिसको लेकर विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के साथ साइंसफिटिक तरीके के बारे में जानकारी ली जा रही है जिससे अंचल के अंदर गुणवत्ता युक्त पैदावार हो सके। बैठक में यह जानकारी सामने आई कि खरीफ की फसल में वर्ष 2019 में लगभग 4% किलोग्राम प्रति हेक्टेयर में उत्पादकता की कमी हैं। जिसको लेकर भी आगामी दिशा निर्देश देकर इस पर योजना बनाने के लिए सभी जिलों को नसीहत दे दी गई है।

बाइट - प्रभांशु कमल , कृषि उत्पादन आयुक्त , मध्यप्रदेश
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