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ग्वालियर में फीका रहेगा रक्षाबंधन का त्योहार, व्यापारी मायूस, बहनें भी दुखी

राखी के बाजार में भी कोरोना का असर साफ देखने को मिल रहा है. रक्षाबंधन के त्योहार में राखियां खरीदने के लिए दुकानों पर पहले भीड़ देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार दुकानों में वह भीड़ नजर नहीं आ रही है. वहीं कोरोना संक्रमण और बंद ट्रांसपोर्टेशन के कारण बहनें भी त्योहार को फॉर्मली मनाने को मजबूर हैं.

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रक्षाबंधन पर बाजार में रौनक नहीं
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Published : Aug 2, 2020, 12:15 PM IST

ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौर से गुजर रहे ग्वालियर में रक्षाबंधन का पर्व फीका साबित होता नजर आ रहा है. जिले में शनिवार से तीन दिन का लॉकडाउन किया गया है. हालांकि इस दौरान मिठाई-राखी कारोबारी और किराना कारोबारी सहित कई जरूरी सेवाओं को जारी रखने के लिए विशेष छूट दी गई हैं. बावजूद इसके दुकानों पर भीड़ नहीं है. हर साल इन कारोबारियों की दुकान पर पैर रखने की जगह नहीं होती थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण राखियों का बाजार उदास है. वहीं बहनें भी अपने भाइयों से उनके शहर में ही राखी खरीद कर बंधवाने की अपील कर रही हैं, क्योंकि कोरियर सेवाएं भी इन दिनों चरमराई हुई हैं.

रक्षाबंधन पर बाजार में रौनक नहीं
अनलॉक फेस वन के बाद सभी वर्ग के कारोबारियों को बाजार के हालात सुधरने की उम्मीद थी, लेकिन रक्षाबंधन जैसे पर्व पर बाजारों में भीड़ नहीं है. इन दिनों खरीददार भी सिर्फ जरूरत का सामान खरीद रहे हैं. वहीं बहनें अपने आसपास रहने वाले भाइयों के लिए तो राखी खरीद रही हैं लेकिन जिन बहनों के भाई बाहर दूसरे शहर में रहते हैं. वह उनसे वहीं राखी खरीदकर बंधवाने की अपील कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- भइया मेरे, कोरोना से सबको बचाना.. न गाड़ियां, न बाजार कैसे मनाएं रक्षाबंधन का त्योहार
ग्वालियर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा दौलतगंज, सर्राफा थाटीपुर, हजीरा मुरार, सदर बाजार, फूल बाग चौराहा सहित राखियों के बाजार सूने पड़े हैं. बेहद कम संख्या में लोग राखी खरीद रहे हैं. कारोबारियों का कहना है कि उनका बिजनेस कोरोना के कारण आधे से भी कम रह गया है. वहीं कोरोना काल में इतनी परेशानियों को देखते हुए अब बहनें भी त्योहार को फॉर्मली मनाने को मजबूर हैं.

ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौर से गुजर रहे ग्वालियर में रक्षाबंधन का पर्व फीका साबित होता नजर आ रहा है. जिले में शनिवार से तीन दिन का लॉकडाउन किया गया है. हालांकि इस दौरान मिठाई-राखी कारोबारी और किराना कारोबारी सहित कई जरूरी सेवाओं को जारी रखने के लिए विशेष छूट दी गई हैं. बावजूद इसके दुकानों पर भीड़ नहीं है. हर साल इन कारोबारियों की दुकान पर पैर रखने की जगह नहीं होती थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण राखियों का बाजार उदास है. वहीं बहनें भी अपने भाइयों से उनके शहर में ही राखी खरीद कर बंधवाने की अपील कर रही हैं, क्योंकि कोरियर सेवाएं भी इन दिनों चरमराई हुई हैं.

रक्षाबंधन पर बाजार में रौनक नहीं
अनलॉक फेस वन के बाद सभी वर्ग के कारोबारियों को बाजार के हालात सुधरने की उम्मीद थी, लेकिन रक्षाबंधन जैसे पर्व पर बाजारों में भीड़ नहीं है. इन दिनों खरीददार भी सिर्फ जरूरत का सामान खरीद रहे हैं. वहीं बहनें अपने आसपास रहने वाले भाइयों के लिए तो राखी खरीद रही हैं लेकिन जिन बहनों के भाई बाहर दूसरे शहर में रहते हैं. वह उनसे वहीं राखी खरीदकर बंधवाने की अपील कर रही हैं.

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ग्वालियर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा दौलतगंज, सर्राफा थाटीपुर, हजीरा मुरार, सदर बाजार, फूल बाग चौराहा सहित राखियों के बाजार सूने पड़े हैं. बेहद कम संख्या में लोग राखी खरीद रहे हैं. कारोबारियों का कहना है कि उनका बिजनेस कोरोना के कारण आधे से भी कम रह गया है. वहीं कोरोना काल में इतनी परेशानियों को देखते हुए अब बहनें भी त्योहार को फॉर्मली मनाने को मजबूर हैं.

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