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मुरार जिला अस्पताल में नहीं दिखा डॉक्टर्स की हड़ताल का असर,  1 हजार मरीजों का किया गया इलाज - murar distric hospital

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे की हड़ताल बुलाई थी. जिसका मुरार जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने समर्थन तो किया, लेकिन उन्होंने बकायदा ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों का इलाज भी किया.

जिला अस्पताल में नहीं दिखा डॉक्टर्स की हड़ताल का असर
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Published : Jun 17, 2019, 5:34 PM IST

ग्वालियर| पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे की हड़ताल बुलाई थी. जिसका मुरार जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने समर्थन तो किया, लेकिन उन्होंने बकायदा ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों का इलाज भी किया. मुरार जिला अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते करीब एक हजार लोगों ने डॉक्टरों को दिखाने के लिए पर्चे बनवाए.

जिला अस्पताल में नहीं दिखा डॉक्टर्स की हड़ताल का असर

क्या है मामला

  • पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
  • पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हमला हुआ था. वहीं 2 दिन पहले ग्वालियर के कैजुअल्टी वार्ड में भी डॉक्टर के साथ दो महिलाओं ने मारपीट की थी.
  • इस विवाद के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था.
  • इस हड़ताल के चलते सोमवार को अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्सालय में डॉक्टरों की हड़ताल रही और डॉक्टर्स ओपीडी में नहीं बैठे.
  • ग्वालियर की मुरार जिला अस्पताल में हड़ताल का असर नहीं देखा गया, यहां डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया.
  • मुरार जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने कहा कि वे आए दिन होने वाले दुर्व्यवहार का विरोध करते हैं और हड़ताल को समर्थन देते हैं.
  • डॉक्टर्स का ये भी कहना है कि वे इतने अमानवीय नहीं हैं कि मरीजों को बिना इलाज के वापस भेज दें.
  • जिसके बाद ओपीडी में बैठे डॉक्टरों ने मरीजों को देखा और हड़ताल का असर मरीजों पर नहीं पड़ने दिया.

ग्वालियर| पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे की हड़ताल बुलाई थी. जिसका मुरार जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने समर्थन तो किया, लेकिन उन्होंने बकायदा ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों का इलाज भी किया. मुरार जिला अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते करीब एक हजार लोगों ने डॉक्टरों को दिखाने के लिए पर्चे बनवाए.

जिला अस्पताल में नहीं दिखा डॉक्टर्स की हड़ताल का असर

क्या है मामला

  • पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
  • पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हमला हुआ था. वहीं 2 दिन पहले ग्वालियर के कैजुअल्टी वार्ड में भी डॉक्टर के साथ दो महिलाओं ने मारपीट की थी.
  • इस विवाद के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था.
  • इस हड़ताल के चलते सोमवार को अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्सालय में डॉक्टरों की हड़ताल रही और डॉक्टर्स ओपीडी में नहीं बैठे.
  • ग्वालियर की मुरार जिला अस्पताल में हड़ताल का असर नहीं देखा गया, यहां डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया.
  • मुरार जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने कहा कि वे आए दिन होने वाले दुर्व्यवहार का विरोध करते हैं और हड़ताल को समर्थन देते हैं.
  • डॉक्टर्स का ये भी कहना है कि वे इतने अमानवीय नहीं हैं कि मरीजों को बिना इलाज के वापस भेज दें.
  • जिसके बाद ओपीडी में बैठे डॉक्टरों ने मरीजों को देखा और हड़ताल का असर मरीजों पर नहीं पड़ने दिया.
Intro:ग्वालियर
बंगाल पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ मारपीट के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की 24 घंटे की बुलाई गई हड़ताल का मुरार जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने समर्थन तो किया लेकिन उन्होंने बकायदा ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों को देखा मुरार जिला अस्पताल में करीब एक हजार लोगों ने डॉक्टरों को दिखाने के लिए पर्चे बनवाए।


Body:दरअसल डॉक्टर और मरीजों के बीच दिनोंदिन बढ़ते तनाव के मद्दे नजर आए दिन अरेंडर और मरीजों के साथ डॉक्टर के दिन विवाद की खबरें आती रहती है पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले और 2 दिन पहले ग्वालियर के कैजुअल्टी वार्ड में डॉक्टर के साथ दो महिलाओं द्वारा मारपीट किए जाने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे की हड़ताल का सोमवार को आह्वान किया था इसके चलते सोमवार को अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्सालय डॉक्टरों की हड़ताल रही और ओपीडी में वे नहीं बैठे इस कारण कई मरीजों को लौटना पड़ा हालांकि माधव डिस्पेंसरी के कुछ ओपीडी में आए मरीजों को डाक्टरों ने देखा।


Conclusion:लेकिन मुरार जिला अस्पताल हड़ताल का असर नहीं देखा गया यहां डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध के काम किया और कहा कि वे डॉक्टरों के साथ आए दिन होने वाले दुर्व्यवहार का विरोध करते हैं और हड़ताल को समर्थन देते हैं लेकिन वे इतने अमानवीय नहीं है कि मरीजों को बिना इलाज के वापस भेजें इसलिए दोपहर 1:00 बजे तक 900 से ज्यादा मरीजों को यहां ओपीडी में बैठे डॉक्टरों ने देखा और हड़ताल का असर मरीजों पर नहीं पड़ने दिया।
बाइट सुनील पाल ... मरीज के अभिभावक
बाइट डॉक्टर सुनील शर्मा... ईएनटी रोग विशेषज्ञ जिला अस्पताल मुरार
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