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कोरोना संक्रमितों के लिए डॉक्टरों ने उठायी प्लाज्मा थैरेपी की मांग

एमपी के ग्वालियर में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर डॉक्टरों ने फिर से प्लाज्मा थैरेपी की मांग की है. डॉक्टरों ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद प्लाज्मा थैरेपी दूसरा विकल्प है.

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Published : Apr 17, 2021, 7:32 PM IST

ग्वालियर। जिले में इस समय कोरोना संक्रमण में लगातार तेजी आ रही है. यही वजह है कि अब ज्यादातर मरीज अस्पताल में गंभीर नजर आ रहे हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच और संक्रमण का इलाज कर रहे डॉक्टर फिर से प्लाज्मा थैरेपी पर भरोसा जता रहे हैं. जिन मरीजों का ऑक्सीजन का स्तर लगातार घटता जा रहा है उन मरीजों के लिए डॉक्टर या तो रेमडेसिविर इंजेक्शन या फिर प्लाज्मा चलाने की बात कह रहे हैं लेकिन इस समय डोनर न होने के कारण कहीं भी प्लाज्मा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद प्लाज्मा थैरेपी दूसरा विकल्प है.

पिछले साल 300 मरीजों को चढ़ा था प्लाज्मा
बता दें कि साल 2020 में आई कोरोना महामारी में संक्रमित गंभीर मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया गया था. इस प्लाज्मा की बहुत अच्छे प्रमाण देखने को मिले थे। यही वजह है कि पिछले साल 300 से अधिक मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया गया था. शहर में नकली प्लाज्मा कांड का खुलासा होने के बाद प्लाज्मा की मांग काफी कम हो गई थी. यही वजह है कि अब डॉक्टरों के द्वारा गंभीर मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाने को कहा जा रहा है लेकिन शहर में प्लाज्मा उपलब्ध नहीं हो पा रहा.

शहर में एक भी यूनिट प्लाज्मा भी नहीं
इस समय शहर में एक भी यूनिट प्लाज्मा उपलब्ध नहीं है. साथ ही जेएएच के ब्लड बैंक में यही हालात हैं. इस कारण प्लाज्मा के लिए मरीजों के परिजनों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. चौकी जिला प्रशासन ने पिछले साल प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अभियान चलाया था लेकिन अब की बार प्लाज्मा को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है और न ही प्लाज्मा के लिए डोनरों को प्रेरित कर रहा है.

170 ठीक हुए मरीजों ने नहीं दिया प्लाज्मा
शहर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 1 जनवरी से 31 मार्च 2021 के बीच 170 मरीज स्वस्थ हुए लेकिन इन लोगों ने प्लाज्मा डोनेट नहीं किया है. किसी ने कमजोरी तो किसी ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर प्लाज्मा डोनेट करने से मना कर दिया. जिला स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि प्लाज्मा डोनेट के लिए हम जागरूकता का अभियान चलाएंगे ताकि जो लोग ठीक हुए हैं वह प्लाज्मा डोनेट कर सकें.

रेमडेसिविर इंजेक्शन के अलावा दूसरा ऑप्शन प्लाज्मा
लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इनमें से कई सैकड़ों मरीज हैं, जिनकी हालत गंभीर है. कुछ ऐसे मरीज भी हैं, जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ जीवन रक्षक दवाइयां भी दी जा रही हैं. इसके बावजूद सुधार नहीं हो रहा है. इसके लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता आसानी से न होने के कारण अंतिम विकल्प के रूप में प्लाज्मा थेरेपी दी जा रही है. इसमें कुछ मरीजों ने अच्छी रिकवरी भी की है.

ग्वालियर। जिले में इस समय कोरोना संक्रमण में लगातार तेजी आ रही है. यही वजह है कि अब ज्यादातर मरीज अस्पताल में गंभीर नजर आ रहे हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच और संक्रमण का इलाज कर रहे डॉक्टर फिर से प्लाज्मा थैरेपी पर भरोसा जता रहे हैं. जिन मरीजों का ऑक्सीजन का स्तर लगातार घटता जा रहा है उन मरीजों के लिए डॉक्टर या तो रेमडेसिविर इंजेक्शन या फिर प्लाज्मा चलाने की बात कह रहे हैं लेकिन इस समय डोनर न होने के कारण कहीं भी प्लाज्मा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद प्लाज्मा थैरेपी दूसरा विकल्प है.

पिछले साल 300 मरीजों को चढ़ा था प्लाज्मा
बता दें कि साल 2020 में आई कोरोना महामारी में संक्रमित गंभीर मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया गया था. इस प्लाज्मा की बहुत अच्छे प्रमाण देखने को मिले थे। यही वजह है कि पिछले साल 300 से अधिक मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया गया था. शहर में नकली प्लाज्मा कांड का खुलासा होने के बाद प्लाज्मा की मांग काफी कम हो गई थी. यही वजह है कि अब डॉक्टरों के द्वारा गंभीर मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाने को कहा जा रहा है लेकिन शहर में प्लाज्मा उपलब्ध नहीं हो पा रहा.

शहर में एक भी यूनिट प्लाज्मा भी नहीं
इस समय शहर में एक भी यूनिट प्लाज्मा उपलब्ध नहीं है. साथ ही जेएएच के ब्लड बैंक में यही हालात हैं. इस कारण प्लाज्मा के लिए मरीजों के परिजनों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. चौकी जिला प्रशासन ने पिछले साल प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अभियान चलाया था लेकिन अब की बार प्लाज्मा को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है और न ही प्लाज्मा के लिए डोनरों को प्रेरित कर रहा है.

170 ठीक हुए मरीजों ने नहीं दिया प्लाज्मा
शहर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 1 जनवरी से 31 मार्च 2021 के बीच 170 मरीज स्वस्थ हुए लेकिन इन लोगों ने प्लाज्मा डोनेट नहीं किया है. किसी ने कमजोरी तो किसी ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर प्लाज्मा डोनेट करने से मना कर दिया. जिला स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि प्लाज्मा डोनेट के लिए हम जागरूकता का अभियान चलाएंगे ताकि जो लोग ठीक हुए हैं वह प्लाज्मा डोनेट कर सकें.

रेमडेसिविर इंजेक्शन के अलावा दूसरा ऑप्शन प्लाज्मा
लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इनमें से कई सैकड़ों मरीज हैं, जिनकी हालत गंभीर है. कुछ ऐसे मरीज भी हैं, जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ जीवन रक्षक दवाइयां भी दी जा रही हैं. इसके बावजूद सुधार नहीं हो रहा है. इसके लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता आसानी से न होने के कारण अंतिम विकल्प के रूप में प्लाज्मा थेरेपी दी जा रही है. इसमें कुछ मरीजों ने अच्छी रिकवरी भी की है.

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