ETV Bharat / state

जीवाजी यूनिवर्सिटी के अकादमिक भवन निर्माण को लेकर रजिस्ट्रार और कार्य परिषद आमने-सामने, बिना अनुमति कैसे किया भुगतान

जीवाजी यूनिवर्सिटी के अकादमिक भवन निर्माण को लेकर प्रबंधन और कार्य परिषद के बीच आनाकानी हो गई है. कार्यपरिषद का कहना है कि इस भवन निर्माण के लिए जब रजिस्ट्रार से अतिरिक्त भुगतान के बारे में पूछा जा रहा है तो वे भवन निर्माण संबंधी फाइल दिखाने में इंकार कर रहे हैं.

author img

By

Published : Dec 5, 2020, 6:06 PM IST

dispute between registrar and Working Council
रजिस्ट्रार और कार्य परिषद आमने-सामने

ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में एक बार फिर प्रबंधन और कार्य परिषद के सदस्य आमने-सामने आ गए हैं. आगामी सोमवार को यूनिवर्सिटी के जिस अकादमिक भवन का उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव लोकार्पण करने वाले हैं, उसे लेकर बवाल हो गया है. जानकारी के मुताबिक इस भवन के निर्माण में करीब सवा करोड़ रुपए के अतिरिक्त भुगतान की बात सामने आई है. इस बात को लेकर सदस्यों ने कुलसचिव आनंद मिश्रा को उनके चेंबर में ही घेर लिया है. कार्य परिषद के सदस्य मनेंद्र सोलंकी, अनूप अग्रवाल, संगीता कटारे और शिवेंद्र राठौर ने रजिस्ट्रार मिश्रा से भवन निर्माण संबंधी फाइल तलब की है,जो उन्होंने दिखाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है.

रजिस्ट्रार और कार्य परिषद आमने-सामने

रजिस्ट्रार ने कहा इस्तीफा दे देंगे

रजिस्ट्रार ने जैसे ही फाइल दिखाने से इंकार किया तो कार्य परिषद के सदस्यों और उनके बीच जमकर विवाद हो गया. रजिस्ट्रार को यह कहते भी सुना गया कि वह बहुत परेशान हो गए हैं और अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

साढे़ सात करोड़ रुपए की राशि हुई थी आंवटित

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान यानी रूसा ने अकादमिक भवन के लिए साढे़ सात करोड़ रुपए की राशि आवंटित की थी. कार्य परिषद के सदस्यों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार लोगों ने अपने चहेते ठेकेदार को 19 फीसदी ब्लो में काम दे दिया. बाद में चीफ इंजीनियर PIU ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इसमें 20 फीसदी की राशि और बढ़ा दी.

पढ़ें- ग्वालियर में बनेगा पहला गैस संचालित शवदाह गृह, 66 लाख रुपए का आएगा खर्च

कार्य परिषद के सदस्यों का कहना है कि एक करोड़ 30 लाख रुपए की राशि का भुगतान ठेकेदार को गुपचुप तरीके से कर दिया गया, जबकि इसके लिए ईसी की बैठक में अनुमोदन लिया जाना था. काफी देर तक हंगामा होने के बाद सदस्यों को कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुआ. वहीं इस मामले को लेकर रजिस्ट्रार ने भी मीडिया से रूबरू होने में असमर्थता व्यक्त कर दी.

ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में एक बार फिर प्रबंधन और कार्य परिषद के सदस्य आमने-सामने आ गए हैं. आगामी सोमवार को यूनिवर्सिटी के जिस अकादमिक भवन का उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव लोकार्पण करने वाले हैं, उसे लेकर बवाल हो गया है. जानकारी के मुताबिक इस भवन के निर्माण में करीब सवा करोड़ रुपए के अतिरिक्त भुगतान की बात सामने आई है. इस बात को लेकर सदस्यों ने कुलसचिव आनंद मिश्रा को उनके चेंबर में ही घेर लिया है. कार्य परिषद के सदस्य मनेंद्र सोलंकी, अनूप अग्रवाल, संगीता कटारे और शिवेंद्र राठौर ने रजिस्ट्रार मिश्रा से भवन निर्माण संबंधी फाइल तलब की है,जो उन्होंने दिखाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है.

रजिस्ट्रार और कार्य परिषद आमने-सामने

रजिस्ट्रार ने कहा इस्तीफा दे देंगे

रजिस्ट्रार ने जैसे ही फाइल दिखाने से इंकार किया तो कार्य परिषद के सदस्यों और उनके बीच जमकर विवाद हो गया. रजिस्ट्रार को यह कहते भी सुना गया कि वह बहुत परेशान हो गए हैं और अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

साढे़ सात करोड़ रुपए की राशि हुई थी आंवटित

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान यानी रूसा ने अकादमिक भवन के लिए साढे़ सात करोड़ रुपए की राशि आवंटित की थी. कार्य परिषद के सदस्यों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार लोगों ने अपने चहेते ठेकेदार को 19 फीसदी ब्लो में काम दे दिया. बाद में चीफ इंजीनियर PIU ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इसमें 20 फीसदी की राशि और बढ़ा दी.

पढ़ें- ग्वालियर में बनेगा पहला गैस संचालित शवदाह गृह, 66 लाख रुपए का आएगा खर्च

कार्य परिषद के सदस्यों का कहना है कि एक करोड़ 30 लाख रुपए की राशि का भुगतान ठेकेदार को गुपचुप तरीके से कर दिया गया, जबकि इसके लिए ईसी की बैठक में अनुमोदन लिया जाना था. काफी देर तक हंगामा होने के बाद सदस्यों को कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुआ. वहीं इस मामले को लेकर रजिस्ट्रार ने भी मीडिया से रूबरू होने में असमर्थता व्यक्त कर दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.